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भारत का पहला गोल्ड: पैरालंपिक्स में अवनि लेखरा ने रिकॉर्ड बना डाला

ये उनका दूसरा पदक है. इससे पहले, 2020 वाले पैरालंपिक्स में उन्होंने इतिहास रचा था. गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं. इसी टूर्नामेंट से भारत के खाते में दो मेडल आए हैं. कांस्य पदक मिला है, भारत की मोना अग्रवाल को.

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अवनि लेखरा. (फ़ोटो - रॉयटर्स)

भारत का पहला गोल्ड आ गया है. शुक्रवार, 30 अगस्त को पेरिस पैरालिंपिक्स 2024 में रिकॉर्ड-सेटिंग प्रदर्शन के साथ अवनि लेखरा (Avani Lekhara) ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफ़ल स्टैंडिंग SH1 फ़ाइनल में स्वर्ण पदक जीत लिया है.

ये अवनि का दूसरा पदक है. इससे पहले 2020 वाले पैरालंपिक्स में उन्होंने इतिहास रचा था. गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं.

इस बार उनका मुक़ाबला विश्व रिकॉर्ड धारक इरीना शचेतनिक और अपने ही हमवतन मोना अग्रवाल के साथ. मगर उन्होंने दिखा दिया कि वो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पैरा-शूटर्स में से एक हैं.

इसी टूर्नामेंट से भारत के खाते में दो मेडल आए हैं. कांस्य पदक मिला है, भारत की मोना अग्रवाल को.

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आज से पांच महीने पहले 22 साल की अवनि का ऑपरेशन हुआ था. दरअसल, उनके  पित्ताशय में पथरी थी और दर्द से  उनकी ट्रेनिंग प्रभावित हो रही थी. इसलिए मार्च, 2024 में उन्होंने ऑपरेशन करवाने का फ़ैसला किया.

उनके पिता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 

ये पथरी उन्हें 2023 से ही परेशान कर रही थी. इसका असर उसकी ट्रेनिंग पर पड़ा रहा था. वो पेरिस में अपना बेस्ट देना चाहती थी. इसलिए हमने सर्जरी करवाई. उसे ठीक होने में कुछ समय लगा और ये हम सबके लिए मुश्किल दौर था.

इस मुश्किल दौर के बाद आया सोना. हालांकि, खेल प्रेमी अवनि को उम्मीद की नज़रों से देख रहे थे, क्योंकि टोक्यो पैरालिंपिक में उन्होंने धूम कूट दी थी. एक ही पैरालिंपिक में कई पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय बन गई थीं. तब वो महज़ 19 साल की थीं और उनके नाम दो पदक. महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफ़ल SH1 में गोल्ड और उसी कैटगरी में 50 मीटर 3P स्पर्धा में कांस्य.

उनसे पहले सिर्फ़ जोगिंदर सिंह सोढ़ी ने एक पैरालिंपिक्स में उनसे ज़्यादा पदक जीते थे. 1984 में. तीन पदक.

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