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‘डोपिंग हमारे एथलीट्स के बीच एक बड़ी समस्या’, खेलों में Doping को लेकर क्या बोले नीरज चोपड़ा?

दी लल्लनटॉप के शो GITN में आए Neeraj Chopra ने डोपिंग के नकारात्मक प्रभावों और सही गाइडेंस देने में कोच की भूमिका के बारे में भी बात की.

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भारत ने जनवरी से दिसंबर 2022 के बीच 3,865 सैंपल्स का टेस्ट किया था. इनमें से 125 सैंपल डोपिंग में पॉजिटिव पाए गए थे. (फोटो- PTI)

वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) की एक हालिया स्टडी में पता चला है कि 2022 में दुनिया में सबसे अधिक ड्रग अब्यूज करने वाले एथलीट्स भारत से थे (Neeraj Chopra on doping in sports and in india). ड्रग एब्यूज को लेकर भारत के ओलंपिक्स मेडल विनर नीरज चोपड़ा ने भी अपनी बात सामने रखी. उन्होंने माना है कि एथलीट्स के बीच डोपिंग एक बड़ी समस्या बन गई है. दी लल्लनटॉप के शो GITN मेें आए नीरज चोपड़ा ने डोपिंग के नकारात्मक प्रभावों और सही गाइडेंस देने में कोच की भूमिका के बारे में भी बात की.

नीरज चोपड़ा ने कहा,

"बिलकुल, आजकल भारत में डोपिंग हमारे एथलीट्स के बीच एक बड़ी समस्या है. मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि एक बार डोपिंग दिमाग में बैठ जाए तो आगे चलकर मुश्किल हो जाती है. एथलीट्स उस लेवल पर नहीं खेल पाते हैं. उन्हें लगता है कि सिर्फ़ डोपिंग से ही उन्हें अच्छी परफॉर्मेंस मिल सकती है, लेकिन ये सच नहीं है. एथलीट्स की कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास, कोच से सही मार्गदर्शन ही आपको आगे ले जाएगा. अच्छा खाओ, अच्छा आराम करो और कड़ी मेहनत करो. सब कुछ ठीक से करो.”

नीरज ने आगे बताया,

“सच बताऊं तो, एक बार डोपिंग करने के बाद डोप टेस्ट होता है और वो पकड़े जाते हैं. उन्हें 2-4 साल का प्रतिबंध मिलता है. उसमें कोई जीवन नहीं है. इसलिए अगर आप अच्छे स्तर पर खेलना चाहते हैं, तो हमारे एथलीटों की मानसिकता को बदलने की ज़रूरत है. मैं सभी कोचों से अनुरोध करता हूं कि वो एथलीट्स को ये न बताएं कि डोपिंग से उन्हें मदद मिलेगी, वो इससे अपने आप दूर रहेंगे."  

2020 ओलंपिक में गोल्ड और 2024 ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले चोपड़ा ने आगे कहा,

"मुझे लगता है कि अगर इसमें सुधार होता है, तो हमारे खेलों का स्तर बेहतर हो जाएगा. आजकल क्या होता है कि कोई भी बच्चा जो स्पोर्ट्स में अच्छा होता है, अच्छे लेवल पर पहुंच जाता है और फिर डोपिंग की गिरफ्त में आ जाता है. ये एक मुद्दा है. उन्हें बाहर का खाना-पीना भी सावधानी से लेना चाहिए."

बता दें कि भारत ने जनवरी से दिसंबर 2022 के बीच 3,865 सैंपल्स का टेस्ट किया था. इनमें से 125 सैंपल डोपिंग में पॉजिटिव पाए गए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां 100 से अधिक पॉजिटिव मामले पाए गए हैं. इतना ही नहीं WADA द्वारा की गई 10 ईयर ग्लोबल स्टडी में बताया गया है कि भारत नाबालिगों के डोपिंग मामलों में दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है.

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