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क्रिकेट इतिहास में पहली बार बैटर के ‘टाइम आउट’ होने पर भयंकर बवाल, लेकिन ये है क्या बला?

इस टाइम आउट डिसमिसल का शिकार बने श्रीलंकाई बैटर एंजेलो मैथ्यूज. ‘टाइम आउट’ करार दिए जाने पर बॉलर को विकेट का क्रेडिट नहीं मिलता. माने ये विकेट बॉलर के खाते में नहीं जाता है.

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ICC के नियमों के मुताबिक एक बल्लेबाज के आउट होने के बाद अगले बल्लेबाज को तीन मिनट के अंदर मैदान पर गेंद का सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए. (फोटो- ट्विटर)

वर्ल्ड कप 2023 (World Cup 2023) में अब तक कई तरह के रिकॉर्ड्स बन चुके हैं. बैटिंग, बॉलिंग से लेकर फील्डिंग तक में कई नए रिकॉर्ड्स बने. लेकिन 6 नवंबर को खेले गए बांग्लादेश और श्रीलंका के बीच मैच में एक ऐसा रिकॉर्ड बना जो क्रिकेट के 146 साल के इतिहास में नहीं बना. जी हां, जब से क्रिकेट खेला जा रहा है, ये पहली बार हुआ है कि कोई बैटर ‘टाइम आउट’ करार दिया गया है (Timed Out Law). इस टाइम आउट का शिकार बने श्रीलंकाई बैटर एंजेलो मैथ्यूज.

वर्ल्ड कप के बीच इस ऐतिहासिक घटना के बाद ‘टाइम आउट’ को लेकर चर्चा बढ़ गई है. सब पूछ रहे हैं कि क्या बला है ये. क्या होता है ‘टाइम आउट’ होना और ICC के नियम क्या कहते हैं?

इससे समझने के लिए ICC के नियमों को समझना होगा. ये नियम कहते हैं कि एक बल्लेबाज के आउट होने के बाद अगले बल्लेबाज को तीन मिनट के अंदर मैदान पर गेंद का सामना करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. वर्ल्ड कप में ये टाइम दो मिनट है. ICC के रूल 40.1.1 के अनुसार अगर बल्लेबाज ऐसा करने में असफल होता है, तो उसे ‘टाइम आउट’ आउट करार दिया जाता है.

ICC के इस नियम के मुताबिक इस तीन मिनट की समयसीमा को बॉलर के एक्शन शुरू करने से पहले तक माना जाता है. माने बॉलर के एक्शन शुरू करने से पहले तीन मिनट के अंदर बल्लेबाज को गेंद का सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए. अगर बल्लेबाज ऐसा करने में नाकाम रहता है और तीन मिनट में बैटिंग के लिए तैयार नहीं हो पाता तो अंपायर उसे आउट करार दे सकते हैं. ऐसा ICC के नियम 16.3 में लिखा है.

हालांकि, मैथ्यूज के डिसमिसल पर बहस हो रही है, क्योंकि वो टाइम पर क्रीज पर आ गए थे. लेकिन उनके हेलमेट में कुछ गड़बड़ी थी, तो उन्होंने उसे बदलने के लिए कहा. इतने में दो मिनट से ज्यादा समय बीत चुका था. और उन्हें आउट करार दिया गया.

यहां एक और बात बताना जरूरी है. ICC के रूल 40.2 के मुताबिक ‘टाइम आउट’ करार दिए जाने पर बॉलर को विकेट का क्रेडिट नहीं मिलता. माने ये विकेट बॉलर के खाते में नहीं जाता है. जैसा कि रन आउट के केस में होता है.

मैथ्यूज के साथ क्या हुआ?

मैच में मैथ्यूज दो मिनट के अंदर पहली गेंद का सामना करने के लिए तैयार थे. लेकिन उससे ठीक पहले उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया. अब ऐसे में इंजरी का खतरा होता है. इस वजह से उन्होंने अपना हेलमेट बदलने की बात कही. इससे हुई देरी की वजह से वो दो मिनट वाले टाइम लिमिट को पूरा नहीं कर पाए. स्टार स्पोर्ट्स के कॉमेंटेटर्स ने ऑन एयर बताया कि अगर मैथ्यूज अंपायर को बताकर हेलमेट बदलते, तो शायद बच जाते.

लेकिन उन्होंने हेलमेट टूटते ही तुरंत मुड़कर अपने साथियों से हेलमेट मंगा लिया. और इतने में ही शाकिब ने अपील कर दी. इसके चलते उन्हें आउट दे दिया गया. इस दौरान मैदान पर काफी ड्रामा देखने को मिला. मैथ्यूज इस पूरे प्रकरण से बहुत ज्यादा नजर दिखे. पवेलियन की तरफ ब्राउंड्री लाइन पार करते ही उन्होंने गुस्से में अपना हेलमेट फेंक दिया.

इस मुद्दे पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने X पर लिखा,

“आज दिल्ली में जो हुआ वो काफी दुखद है.”

सोशल मीडिया पर कई लोग शाकिब के इस स्टेप से नाखुश दिखे. खैर ‘टाइम आउट’ को लेकर अब बहस छिड़ गई है. देखना होगा कि ये कितनी दूर तक जारी है.

(ये भी पढ़ें: शाकिब अड़े, मैथ्यूज ने पटक दिया हेलमेट और बन गया वर्ल्ड रिकॉर्ड!)

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