एफआईएच प्रो लीग (FIH Pro League) में इंडियन हॉकी टीम की स्टार फॉरवर्ड खिलाड़ी ज्योति छेत्री (Jyoti Chhetri) ने अपने शानदार खेल से सबको इंप्रेस किया था. खासकर अमेरिका (USA) के खिलाफ उनका प्रदर्शन काबिल-ए-तारीफ था. मगर इसी बीच खबर आई कि ज्योति और उनका परिवार अपना आशियाना बचाने का संघर्ष कर रहा है. मगर अब ऐसा नहीं होगा क्योंकि ओडिशा सरकार (Odisha Government) ज्योति के परिवार को नया घर बनाने के लिए जमीन और कैश प्राइज दोनों दे रही है.
हॉकी प्लेयर ज्योति छेत्री को मिलेगी घर बनाने के लिए जमीन, पहले मिला था घर गिराने का नोटिस
Indian Hockey Team की युवा फॉरवर्ड Jyoti Chhetri का घर सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से बना है. कुछ दिन पहले ही घर को गिराने का नोटिस मिला था. मीडिया में खबर आने के बाद ओडिशा सरकार ने मदद का भरोसा दिया है.

समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक राउरकेला स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने 20 फरवरी को ज्योति के घरवालों से मुलाकात की और उन्हें अपना घर बनाने के लिए जमीन देने का वादा किया. इसके अलावा ओडिशा सरकार ने ज्योति और राज्य के अन्य खिलाड़ियों के लिए 12.5 लाख रुपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की. ये पुरस्कार राज्य के उन सभी खिलाड़ियों को मिलेगा, जिन्होंने हाल ही में संपन्न हॉकी 5एस विश्व कप, एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में अपने खेल से सभी को प्रभावित किया है.
इंडियन एक्सप्रेस ने ज्योति छेत्री के हवाले से लिखा है कि "तहसीलदार कार्यालय से कुछ लोग आए, उन्होंने मेरा और मेरे पिता का आधार कार्ड लिया और हमसे कहा कि सरकार हमारा समर्थन करेगी. उन्होंने हमसे पूछा कि अगर वे हमें एक प्लॉट मुहैया करा दें तो क्या हम घर बना पाएंगे. चूँकि मेरे पिता एक राजमिस्त्री हैं, वे इस काम को जानते हैं और हम इस पर सहमत हो गये हैं. उम्मीद है, अपने हॉकी करियर के साथ, मैं (घर) निर्माण में योगदान दे सकूंगी.''
ये भी पढ़ें- (विमेंस हॉकी टीम में परचम लहरा रही है बेटी, मां-बाप को मिला घर खाली करने का नोटिस!)
इससे पहले ज्योति छेत्री के पिता को राउरकेला जिला प्रशासन की तरफ से नोटिस मिला था. नोटिस में मुताबिक ज्योति के घर को दो साल के अंदर गिराने की बात कही गई थी. दरअसल 300 वर्गफुट की जिस जमीन पर ज्योति के परिवार का बसेरा है, वो एक सरकारी जमीन है. ज्योति का परिवार 20 सालों से वहां रह रहा है. मगर अब उस जमीन पर फ्लाईओवर बनने की वजह से सरकार वहां से तमाम अतिक्रमण हटाने की तैयारी में है. ज्योति के परिवार को मिला नोटिस उसी अतिक्रमण विरोधी अभियान का हिस्सा था.
वीडियो: कहानी हॉकी में मेडल लाने वाली सविता पुनिया की, जिन्हें कभी बस में बैठने से रोका गया था