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जय शाह बने ICC चेयरमैन, पाकिस्तान की चुनौती से कैसे निपटेंगे?

जय शाह BCCI छोड़, ICC पहुंच चुके हैं. उन्होंने संडे, 1 दिसंबर से ICC चेयरमैन की पोस्ट संभाल ली है. इस पोस्ट पर आने के बाद जय शाह का सबसे पहला चैलेंज पाकिस्तान की ओर से आ रहा है.

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जय शाह ने संभाल ली ICC की कुर्सी (AP)

रविवार, 1 दिसंबर 2024. जय शाह ऑफ़िशली ICC चेयरमैन बन गए. जय शाह ने संडे से अपना कार्यकाल शुरू कर दिया है. उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद एक बयान जारी कर आने वाले मौकों के प्रति उत्साह जताया. साथ ही उन्होंने अपने कार्यकाल की प्राथमिकताओं के बारे में भी बात की. बताते चलें कि जय शाह के कार्यकाल का पहला सबसे बड़ा चैलेंज चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2024 की मेजबानी सेट करना है.

शाह ने ICC चेयरमैन के रूप में अपने पहले बयान में कहा,

'मैं ICC चेयर का रोल स्वीकार करते हुए बहुत गर्व का अनुभव कर रहा हूं. मैं ICC डायरेक्टर्स और मेंबर बोर्ड्स के भरोसे के लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं. यह क्रिकेट के खेल के लिए उत्साहित करने वाला वक्त है. हम लॉस एंजल्स 2028 ओलंपिक्स की तैयारी कर रहे हैं. हम पूरी दुनिया के फ़ैन्स के लिए क्रिकेट को और समावेशी बनाने की दिशा में काम करेंगे.'

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बता दें कि LA Olympics 2028 में क्रिकेट को भी शामिल किया गया है. और जय शाह इसके जरिए गेम को और ज्यादा देशों तक फैलाने में काफी इंट्रेस्ट दिखा रहे हैं. जय शाह ने इस बात पर भी जोर दिया कि क्रिकेट को अलग-अलग फ़ॉर्मेट्स के साथ तालमेल बिठाना सीखना होगा. साथ ही उन्होंने महिलाओं की क्रिकेट को आगे बढ़ाने की दिशा में फ़ोकस करने की भी बात की.

जय बोले,

'हम कई फ़ॉर्मेट्स के सह-अस्तित्व और महिलाओं के खेल के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हैं, वैश्विक स्तर पर क्रिकेट में बहुत क्षमताएं हैं. मैं ICC टीम और सदस्य देशों के साथ नजदीक से काम करने के लिए उत्साहित हूं. इन मौकों का फायदा उठाते हुए इस खेल को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाना है.'

बता दें कि जय शाह लगभग 15 सालों से क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में हैं. उन्होंने सबसे पहले साल 2009 में गुजरात क्रिकेट असोसिएशन के साथ काम किया था. साल 2019 से इन्होंने BCCI के सेक्रेटरी की पोस्ट संभाली. वह सिर्फ़ 31 साल की उम्र में यहां आए. और इस पोस्ट पर पहुंचने वाले सबसे युवा व्यक्ति भी बने. जय शाह एशियन क्रिकेट काउंसिल के प्रेसिडेंट भी थे. अब वह ICC में ग्रेग बार्कली की जगह लेंगे.

और इस पोस्ट से जुड़ने के बाद जय शाह का सबसे पहला चैलेंज पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से निपटना है. BCCI के पाकिस्तान जाने से मना करने के बाद, चैंपियंस ट्रॉफ़ी को हाइब्रिड मॉडल में कराने का फैसला किया गया है. शुरुआत में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड इसके लिए तैयार नहीं था. लेकिन अब वो लोग झुकते दिख रहे हैं.

हालांकि, इसके लिए पाकिस्तान ने कई शर्तें भी रखी हैं. इनकी शर्तों में ज्यादा रेवेन्यू के साथ भारत में होने वाले ICC इवेंट्स में भी हाइब्रिड मॉडल अपनाना है. पाकिस्तान अब ICC इवेंट्स के लिए भारत नहीं आना चाहता. साल 2031 तक भारत को तीन पुरुष ICC इवेंट्स होस्ट करने हैं. पाकिस्तान चाहता है कि इन इवेंट्स के दौरान उनके मैच भारत से बाहर कराए जाएं.

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