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Bumrah vs Konstas: 'Mamba कुल' को जगाने के लिए शुक्रिया, गौतम गंभीर और सैम!

Jasprit Bumrah Sam Konstas को यूं घूर रहे थे, जैसे सिडनी में बवाल ही कर देंगे. लेकिन Sydney Test के पहले ही दिन टीम इंडिया के कप्तान को इतना गुस्सा क्यों आया. जस्सी भाई बीच मैदान मांबा क्यों बने?

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सैम कोंस्टास से भिड़ गया मांबा कुल (AP)

ब्लैक मांबा. बहुत खतरनाक जीव. कई लोग तो इसे दुनिया के सबसे खतरनाक सांपों में से एक मानते हैं. दक्षिणी और पूर्वी अफ़्रीका में मिलने वाला ये सांप आमतौर पर शर्मीला और छिपकर रहता है. मांबा चाहता ही नहीं कि उसका सामना मनुष्यों से हो. लेकिन अगर किसी ने उस पर हमला किया. उसे कोने में धकेला या ललकारा, तो मांबा मर जाने तक लड़ता है. टीम इंडिया सिडनी में इसी मांबा माफ़िक दिख रही है.

और इन भटके, विषहीन सांपों को मांबा बनाने का क्रेडिट जाता है हेड कोच गौतम गंभीर को. हालांकि, ये क्रेडिट इन्हें अकेले नहीं मिलेगा. इसमें हिस्सा लगेगा कप्तान जसप्रीत बुमराह और सैम कोंस्टास का भी. चलिए विस्तार से समझते हैं. पर्थ टेस्ट याद करिए. ऑलरेडी बैकफ़ुट पर बताई गई टीम इंडिया ने किस तरह से पलटवार किया. पहले ही दिन ऑल-आउट हुए, बोलर्स के दम पर वापस आए. दूसरी पारी में दमदार बैटिंग की. और फिर बोलर्स ने एक बार फिर से कमाल किया.

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भारत ने ये टेस्ट 295 रन के बड़े अंतर से जीता. लेकिन अगले तीनों टेस्ट में टीम पस्त रही. और इस दौरान टीम में जो सबसे बड़ा बदलाव दिखा, वो थी लीडरशिप. बुमराह की जगह कप्तानी रोहित शर्मा कर रहे थे. रोहित, जिनके दिन छोड़िए महीने भी खराब चल रहे हैं. रोहित की कप्तानी, ऑस्ट्रेलिया में भारत एक भी टेस्ट नहीं जीत पाया. रोहित का बल्ला भी शांत था. नए साल में हुआ एक लीक. लीक ने बढ़ाया गुस्सा और सौरव गांगुली द्वारा लाए गए रोहित शर्मा को गौतम गंभीर ने विदा कर दिया.

और ऐसा होते ही टीम में नई जान सी आ गई. ये अलग बात है कि ये जान दिखी ऑस्ट्रेलिया की बैटिंग के वक्त. भारत की पहली पारी 185 रन पर खत्म हुई थी. जनता निराश थी. एक और कोलैप्स कह लीजिए, या नियति का दोहराव. लेकिन जनता के पास बस यही 185 रन ही थे. और कप्तान के मन में था गुस्सा. गुस्सा, अंपायर के एक फैसले का. अंपायर ने वाशिंगटन सुंदर को जिस तरह से आउट दिया था, बुमराह इससे बहुत ख़फ़ा थे. उन्होंने बैटिंग के वक्त आते ही अंपायर को सुना दिया था. सीधे बोले,

'जरा भी निरंतरता नहीं है. बीती बाज़ी में इसे आउट नहीं दिया गया था.'

ख़ैर, वक्त बीता. जस्सी भाई बुमराह ने 17 गेंदों पर बहुमूल्य 22 रन जोड़े. भारत की पारी खत्म हुई. दिन के आखिरी पहर में ऑस्ट्रेलिया वालों को बैटिंग के लिए आना पड़ा. पूरे दिन फ़ील्डिंग कर थका शरीर. बेमन से तैयार हुए उस्मान ख़्वाजा बीच मैदान पहुंचे.

शाम के पौने छह बज रहे थे. बताया गया कि मैदान में 47 हजार 998 लोग जमा हैं. और इन लोगों के सामने अपनी कलाएं दिखाने उतरा एक 19 साल का लड़का. जे मोड़े ने करियर की पहली ही पारी में Sehwag-Ish बैटिंग कर डाली थी. विराट कोहली के कंधे से कंधा भी मिलाया. तमाम गलियां खाईं, फ़ैन कमाए. और ये सब लेकर ये सामने उतरा उसी गुस्साए कप्तान के.

ऑस्ट्रेलिया की आबादी के लगभग दो परसेंट हिस्से से आने वाले इस ग्रीक बच्चे का पहला शॉट, बूम का गुस्सा और बढ़ा गया. पारी की पहली ही गेंद, सैम कोंस्टास नाम का ये बालक चलकर आगे आया और शानदार चौका जड़ दिया. बताइए मने, दुनिया का सबसे खतरनाक बोलर. स्पेल शुरू कर रहा है. और ये भाईसाब इस तरीके से स्वागत कर रहे हैं.

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गुस्सा और बढ़ा. खूब बढ़ा. फिर आया दिन का आखिरी और बूम का दूसरा ओवर. नोटिस पीरियड पर चल रहे कर्मचारी की तरह बैटिंग कर रहे ख़्वाजा. किसी तरह बुमराह का सामना करने से बचने की कोशिशों में लगे थे. और इसी चक्कर में ओवर की पांचवीं गेंद से पहले थोड़ी गर्मा-गर्मी हो गई. बुमराह रनअप शुरू करने ही वाले थे. ख़्वाजा ने उन्हें रोक दिया.

बुमराह गुस्से में कुछ बड़बड़ाए. और तभी चंठ बालक की तरह, कोंस्टास ने नॉन-स्ट्राइकर एंड से पलटकर कुछ बोल दिया. और ये वही हो गया. मनुष्य ने मांबा को ललकार दिया. अब मांबा को पलटवार करना ही था. और जैसा कि 17 अगस्त 2021 को मशहूर दार्शनिक कन्नूर लोकेश राहुल ने लंदन में कहा था,

'तुम हमारे एक बंदे के पीछे आओगे. हम ग्यारह तुरंत पलटकर दौड़ा लेंगे.'

दिन की आखिरी गेंद. ऑफ़ स्टंप के आसपास की फ़ुल लेंथ गेंद. ख़्वाजा बैकफ़ुट पर चले गए. डिफ़ेंड करने की कोशिश नाकाम रही. गेंद ने बल्ले को छुआ और सेकंड स्लिप में पहुंच गई. जहां उसी दार्शनिक राहुल ने दोनों हाथों से इसे थाम लिया. मांबा मुड़ा, फुंफकारते हुए कोंस्टास की ओर दौड़ा. रुका और यूं घूरा, जैसे आज क़त्ल ही कर देगा. इधर ये सब हो रहा था और दूसरी ओर राहुल के इर्द-गिर्द खड़े नितीश रेड्डी और विराट कोहली ने मानो आग की खोज कर ली हो.

इनके पैर जमीन पर पड़ ही नहीं रहे थे. मैदान में एकाएक ऐसी ऊर्जा का प्रवाह हुआ, जैसे किसी ने बिजली के बांध खोल दिए हों. ख़्वाजा दो रन बनाकर विश्राम के लिए बढ़ चले. और साथ ही बढ़े सैम कोंस्टास. जिन्होंने मांबा कुल को छेड़ दिया है. और अब उनका क्या होगा, किसी को नहीं पता.

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