निशांत सिंधु. CSK फैन आर्मी वाले ट्विटर पर इस खिलाड़ी का नाम खूब ले रहे हैं. वजह है, सस्ते में चेन्नई सुपरकिंग्स आया ये बैटिंग ऑल-राउंडर धुआं उड़ाए जा रखा है. निशांत सिंधु को हाल में हुई IPL Auction 2023 में चेन्नई सुपर किंग्स ने 60 लाख रुपये देकर खरीदा है. उसके बाद से सिंधु कमाल कर रहे हैं. रणजी ट्रॉफी 2022-23 सीज़न में सिंधु ने लगातार दूसरे मैच में शतक जमा दिया है.
बॉक्सिंग का सपना छोड़ बना क्रिकेटर, धोनी ने खरीदा अब ठोक रहा है शतक पर शतक!
कौन हैं निशांत सिंधु?

सिंधु हरियाणा से आते हैं. मंगलवार को रणजी ट्रॉफी के मुकाबले में ओडिशा के खिलाफ़ पहले दिन ही सिंधु ने शतक जमाया है. सिंधु ने दूसरे एंड पर लगातार विकेट गिरने के बावजूद एक छोर संभाले रखा. उन्होंने 150 गेंदों पर अपना शतक जमाया और उसके बाद दिन का खेल खत्म होने तक 142 रन बनाकर नाबाद रहे. जब निशांत बैटिंग के लिए उतरे, तो टीम ने 91 रन पर चार विकेट गंवा दिए थे. दिन के पहले सेशन में गिरे ये सभी विकेट सूर्यकांत प्रधान ने झटके. लेकिन 91 रन पर चार विकेट गिरने के बाद निशांत ने विकेटकीपर रोहित शर्मा के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 155 रन की पार्टनरशिप की और टीम को मुश्किल से निकाला.
निशांत की इस पारी की चर्चा इसलिए भी ज़्यादा है, क्योंकि उन्होंने इसी साल 18 साल की उम्र में हरियाणा के लिए फर्स्ट-क्लास डेब्यू किया है.
ऑल-राउंडर निशांत को पहली बार पहचान तब मिली थी. जब उन्होंने साल 2022 में अंडर 19 विश्वकप के फाइनल में शानदार अर्धशतक लगाया था. फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के खिलाफ़ उन्होंने नाबाद पारी खेल भारत को जिताया था. भारत को चैम्पियन बनाने में निशांत का अहम रोल था. उन्होंने कैम्पेन के पांच मुकाबलों में एक अर्धशतक समेत 140 रन बनाए. इसके साथ ही अपनी लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाज़ी से महज़ तीन की इकॉनमी से छह विकेट भी चटकाए.
# पिता चाहते थे बॉक्सर बने, बेटे ने चुना क्रिकेट!निशांत के पिता सुनील सिंधु स्टेट लेवल बॉक्सर थे. इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में निशांत के पिता ने बताया था कि वो देश के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा नहीं कर पाए. लेकिन उनके मन में कहीं ना कहीं ये था कि वो निशांत को बॉक्सिंग करते देखें. लेकिन जब निशांत तीन साल के हुए, तो भारत ने 2007 T20 विश्वकप जीता. जिसे टीवी पर देख निशांत बहुत खुश हुए. पिता सुनील ने बेटे को बैट लाकर दे दिया और वो उससे ही क्रिकेट खेलने लगे.
2011 में जब टीम इंडिया ने विश्वकप जीता, तो उसके अगले ही दिन निशांत ने अपने पापा से साफ कह दिया कि वो क्रिकेट खेलना चाहते हैं. इसके बाद पिता सुनील ने ये तय कर लिया कि वो बेटे का सपना पूरा करने में अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे.
निशांत ने क्रिकेट की बारीकियां श्रीराम नारायण क्रिकेट अकेडमी में सीखीं. जहां उन्होंने कोच अश्विनी कुमार के साथ क्रिकेट सीखना शुरू किया. इसके बाद 2018-19 में हरियाणा को विजय मर्चेंट ट्रॉफी का खिताब दिलाया. उन्होंने इस टूर्नामेंट में 572 रन ठोके और 23 विकेट लिए. उनकी कप्तानी में हरियाणा ने फाइनल में झारखंड को हराकर खिताब अपने नाम किया.
इसके बाद उन्होंने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में भी अच्छा प्रदर्शन किया और अब फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में भी कमाल कर रहे हैं.
वीडियो: PCB अध्यक्ष पद से हटने के बाद रमीज़ राजा ने क्यों कहा भारत में मुझे सब बहुत प्यार करते हैं?