IPL 2020 में ही IPL में एंट्री मार चुके इस खिलाड़ी ने इस सीज़न घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया. इस बार IPL ऑक्शन में उन्होंने अपना नाम 20 लाख के बेस प्राइस के साथ रजिस्टर किया था, लेकिन कई टीमों को उनमें इतनी दिलचस्पी रही कि उनपर लाखों की जगह करोड़ों में बोली लग गई. चेन्नई सुपर किंग्स (CSK), दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) और गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) आपस में इस खिलाड़ी को लेकर भीड़े रहे. आखिर में 3 करोड़ की मोटी बोली के साथ गुजरात टाइटंस ने रवि को अपने पाले में डाल लिया.
TNPL में बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से ही रवि ने साल 2018 में तमिलनाडु की तरफ से T20 क्रिकेट में डेब्यू किया.
2018 -19 रणजी ट्रॉफी में उन्होंने घातक गेंदबाज़ी की और छह मैच में 22 विकेट ले लिए. वे तमिलनाडु की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी बने. उनकी इस ज़बरदस्त गेंदबाज़ी ने क्रिकेट दिग्गजों का ध्यान अपनी ओर खींचा. जिसके बाद रवि ने आईपीएल का रुख किया. रवि मुंबई इंडियंस के ट्रायल में शामिल हुए लेकिन उस साल टीम में नहीं पहुंच सके. मुंबई के अलावा रवि किंग्स इलेवन पंजाब और चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम के साथ भी बतौर नेट गेंदबाज शामिल रहे. बावजूद इसके किसी भी टीम ने इन्हें मौका नहीं दिया.
इसके बाद आईपीएल में दो साल तक 2018 और 2019 में उन्होंने टीमों में पहुंचने की कोशिश की. लेकिन दोनों बार नीलामी के दौरान उन्हें किसी भी टीम ने नहीं खरीदा. इसके बाद 2020 में रवि तमिलनाडु की टीम की तरफ से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलने पहुंच गए. जिसके बाद उन्होंने उस टूर्नामेंट में कहर मचा दिया. रवि ने 12 मैच खेले और 24 विकेट अपने नाम किए. उनकी इकॉनमी भी 5 से कम की रही. यही नहीं उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6 रन देकर 4 विकेट आया. जिसके बाद बड़े पर्दे पर उनकी इमेज बन गई.

CSK में धोनी से क्रिकेट के गुर सीखते रवि (फोटो: ट्विटर)
इसके बाद 2020 में उनकी किस्मत चमकी और आईपीएल 2020 की नीलामी में महेंद्र सिंह धोनी ने जौहरी बनकर इस खिलाड़ी को चुन लिया. CSK ने रवि को उनके बेस प्राइस 20 लाख रूपये में खरीद लिया. इस सीज़न आर साईं को सीखने को बहुत कुछ मिला लेकिन एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. बावजूद इसके 2021 के श्रीलंका दौरे के लिए आर साईं किशोर को भारतीय टीम में बतौर नेट गेंदबाज शामिल किया गया. बढ़ते कोविड केसों की वजह से उन्हें भारतीय टीम ने आखिरी दो T20 मैच के लिए अहम खिलाड़ियों के दल में शामिल कर लिया. वहीं 2022 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले गए T20 मैच में उनको स्टैन्ड बाई खिलाड़ियों में फिर से जगह मिली. इंजीनियरिंग छोड़ चुना क्रिकेट तमिलनाडु के इस 25 वर्षीय खिलाड़ी का जन्म चेन्नई के एक छोटे से गांव माडीपक्कम में 6 नवंबर 1996 को हुआ. भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर विजय शंकर भी इसी गांव के रहने वाले हैं. शुरूआती पढ़ाई चेन्नई के व्यास विद्यालय मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल से पूरी की. रवि शुरुआत से ही पढ़ाई में होशियार थे, और बचपन में एक साइंटिस्ट बनने का सपना देखते थे. 12वीं के बाद रवि ने इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन भी लिया. लेकिन एडमिशन के बाद भी उनका मन क्रिकेट के गलियों में ही लगा रहा. जिसकी वजह से उन्होंने कॉलेज ज्वाइन करने के लगभग दो महीने बाद ही इंजीनियरिंग छोड़ दी. और क्रिकेट में अपना करियर बनाने का फैसला किया.
हालांकि क्रिकेट में करियर बनाने के साथ-साथ रवि ने चेन्नई के विवेकानंद कॉलेज से BCA की डिग्री भी हासिल की और साथ ही MBA की पढ़ाई भी पूरी की.
अब देखना होगा इस सीज़न इतनी मोटी रकम में बिके आर साईं किशोर अपनी टीम के किस तरह काम आते हैं.