IPL 2023 की शुरुआत धमाकेदार अंदाज में हुई है. कायदे वाले मैच हो रहे हैं. हालांकि पहले ही मैच में एक कांड हो गया. CSK से भिड़ी गुजरात टाइटंस की टीम को नुकसान हो गया. कारण स्टार प्लेयर केन विलियमसन (Kane Williamnson) एक छक्का बचाने के चक्कर में चोटिल हो गए. फिर खबर आई कि विलियमसन पूरे IPL से ही बाहर हो गए हैं. सबके मन में सवाल उठा कि खेलेंगे नहीं तो फ्रेंचाइजी से मिलने वाली उनकी पेमेंट का क्या होगा?
IPL में चोट लगी, मैच नहीं खेले तो पैसा मिलता है या करोड़ों डूब जाते हैं?
ऋषभ पंत, केन विलियमसन जैसे खिलाड़ियों को कितना पैसा मिलेगा?

ये सवाल लोगों के मन में तब से है जब पता चला ऋषभ पंत इस टूर्नामेंट में नहीं खेलेंगे. तो अब उनको कितने पैसे मिलेंगे? उनको पैसे मिलेंगे भी या नहीं? तो चलिए हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं कि IPL का सैलरी सिस्टम कैसे काम करता है.
IPL का सैलरी सिस्टमकोई खिलाड़ी अगर अपनी फ्रेंचाइजी के कैंप से जुड़ने से पहले ही चोटिल हो जाता है, और इस कारण वो पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो जाता है, ऐसी स्थिति में उसे फ्रेंचाइजी की तरफ से कोई पैसा नहीं मिलेगा. जैसे कि ताजा उदाहरण ऋषभ पंत का है. वो एक्सीडेंट में चोटिल होने की वजह से इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. ऐसे में फ्रेंचाइजी उन्हें पैसा देने के लिए बाध्य नहीं है. हालांकि वो बोर्ड के कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा हैं, ऐसे में BCCI की तरफ से उन्हें पेमेंट मिलेगा.
वहीं अगर कोई खिलाड़ी चोट के कारण टूर्नामेंट में देर से हिस्सा लेता है, तो उसे प्रो राटा बेसिस यानी मैच के हिसाब से पेमेंट मिलेगा. मतलब कि उन्होंने जितने मैच खेले, उन्हें उसी के हिसाब से पैसे मिलेंगे. जैसे चोट के कारण इस सीज़न जोश हेजलवुड देर से अपनी फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ेंगे, ऐसे में वो जितने मैच में टीम के साथ रहेंगे, उनको उसी के हिसाब से पैसा मिलेगा.
वहीं कोई खिलाड़ी मैच के दौरान चोटिल होकर बाहर जाता है, तो फ्रेंचाइजी उसका पूरा मेडिकल खर्च उठाती है. साथ ही खिलाड़ी को पूरा पेमेंट भी मिलता है. जैसे केन विलियमसन पहले मुकाबले के बाद पूरे सीजन के लिए बाहर हो गए हैं, लेकिन ये मैच के दौरान हुआ इसलिए फ्रेंचाइजी उनका मेडिकल खर्चा उठाने के साथ ही उन्हें पूरा पैसा भी देगी.
IPL में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों के पेमेंट के लिए कुछ कंडीशंस होती हैं. अगर कोई खिलाड़ी पूरा सीज़न टीम के साथ रहता है, तो उसको पूरा पैसा मिलता है. भले ही उसने एक भी मैच नहीं खेला हो. कुलदीप यादव जैसे कई प्लेयर्स का उदाहरण हमारे सामने है. जिन्हें साल 2020 में महज 5 मैच खेलने का मौका मिला. लेकिन वो पूरे सीज़न टीम के लिए उपलब्ध थे, इसलिए उन्हें पूरा पेमेंट दिया गया.
वहीं अब बात आती है कि ऑक्शन के दौरान खिलाड़ी जितने में बिकते हैं, उन्हें वो पैसा कैसे मिलता है. सबसे पहले ये बता दें कि कोई भी ऑक्शन अमाउंट सालाना यानी एक सीज़न के लिए होता है. जैसे सैम करन को पंजाब किंग्स ने इस साल 18.50 करोड़ रुपये में खरीदा. मतलब उन्हें ये अमाउंट इसी सीज़न में मिलेगा. वहीं अगले सीज़न में वो टीम के साथ रहते हैं तो फिर से उन्हें ये अमाउंट दिया जाएगा.
खिलाड़ियों के सीज़न का पेमेंट कब दिया जाता है? तो ये बात फ्रेंचाइजी के ऊपर पूरी तरह से निर्भर करती है. कई फ्रेंचाइजी सीज़न की शुरुआत से पहले ही 50% फी का भुगतान कर देती हैं. और बाकी का बचा हुआ पेमेंट टूर्नामेंट के दौरान करती हैं. वहीं कुछ फ्रेंचाइजी इसका भुगतान सीज़न के लास्ट में करती हैं. ऐसे में चोटिल होने के बाद भी केन विलियमसन और रीस टॉप्ली जैसे प्लेयर्स को पूरा पेमेंट मिलने वाला है.
वीडियो: लखनऊ को हराकर भी किस बात से नाखुश दिखे धोनी