इंडियन क्रिकेट दिग्गज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar). उन्होंने एक कॉलम लिखा है. और कानपुर टेस्ट (Kanpur Test) में भारतीय टीम के गजब के प्रदर्शन का क्रेडिट सिर्फ और सिर्फ कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को देने वालों को डांट लगाई है. गावस्कर ने इसे 'उच्च स्तर की तलवा चटाई' बताया है. उन्होंने लिखा है कि क्रेडिट अगर किसी को मिलना चाहिए तो वो हैं कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma).
"गंभीर को क्रेडिट देने वाले कर रहे तलवा चटाई"- गावस्कर ने बहुत कुछ लिख दिया
Indian Team Bazball: Sunil Gavaskar ने लिखा कि Kanpur Test में इंडियन टीम ने जिस अप्रोच के साथ खेल दिखाया, उसके क्रेडिट के हकदार Gautam Gambhir नहीं, Rohit Sharma हैं.
स्पोर्ट्सस्टार के लिए लिखे कॉलम में गावस्कर ने विस्तार से अपनी बात रखी है. लिखा है कि भारतीय टीम आजकल जिस नई अप्रोच के साथ मैदान में उतरती है, वो रोहित शर्मा की देन है. गावस्कर ने अपने कॉलम में लिखा,
"ऐसा लग रहा था कि कानपुर टेस्ट का कोई रिजल्ट नहीं निकलेगा. लेकिन रोहित शर्मा ने फिर से रास्ता दिखाया. पहली दो गेंदों पर उन्होंने दो छक्के लगाए. और यहां से भारतीय पारी ने गति पकड़ ली. युवा यशस्वी जायसवाल ने भी पहले ओवर में 3 चौके लगाए, लेकिन ये जोखिम भरे शॉट नहीं थे. दूसरी तरफ, कप्तान ने रिस्क लिया. पहली गेंद पर वो क्रीज से बाहर निकले और लॉन्ग ऑन के ऊपर से गगनचुंबी छक्का लगाया. और जब गेंदबाज ने अगली गेंद छोटी फेंकी तो रोहित ने इसे स्क्वेयर लेग के ऊपर दूसरे छक्के के लिए पुल कर दिया."
गावस्कर ने आगे लिखा कि रोहित के इन दो शॉट्स के बाद बांग्लादेशी गेंदबाजों को समझ ही नहीं आया कि कहां गेंदबाजी की जाए.
दरअसल, कानपुर टेस्ट में पहले तीन दिन तक केवल 35 ओवरों का ही खेल हो पाया था. भारत ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का चुनाव किया था और चौथे दिन का खेल शुरू होने पर बांग्लादेश के हाथ में पहली पारी के 7 विकेट थे. भारत ने बांग्लादेश की पहली पारी 233 रनों पर समेटी और फिर तूफानी बैटिंग करते हुए 52 रन की लीड ले ली. इस क्रम में टीम ने टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज 50, 100, 200 और 250 रन बनाए.
भारत ने अपनी पहली पारी घोषित कर दी थी. इसके बाद बांग्लादेश की दूसरी पारी को 146 रन पर समेटा और जीत के लिए जरूरी 95 रन तीन विकेट खोकर बना लिए, वो भी मात्र 17.2 ओवर्स में.
गावस्कर लिखते हैं कि इस प्रदर्शन के बाद भारतीय टीम की जमकर तारीफ हुई. अखबारों में बड़ी हेडलाइंस छपीं. जिन्होंने कुछ भी नहीं किया, वो क्रेडिट लेने लगे. मसलन, भारतीय टीम की इस अप्रोच को ब्रेंडन मैक्कलम की कोचिंग और बेन स्टोक्स की कप्तानी में इजाद की गई 'बैजबॉल' अप्रोच बताया जाने लगा. इस अप्रोच के लिए कुछ और नाम भी सुझाए गए. मसलन, 'बॉसबॉल' और 'गैमबॉल'.
Bazball नहीं Gohit!इंडियन क्रिकेटिंग दिग्गज आगे लिखते हैं कि रोहित शर्मा पिछले कुछ समय से इसी अग्रेसिव अप्रोच के साथ बैटिंग कर रहे हैं. और अपनी टीम को भी ऐसा ही करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. वहीं, गंभीर को अभी कोचिंग की जिम्मेदारी संभाले जुम्मा-जुम्मा दो ही महीने हुए हैं. इसके साथ ही, उन्होंने खुद कभी मैक्कलम स्टाइल में तेज स्ट्राइक रेट के साथ बैटिंग नहीं की. ऐसे में इस अप्रोच का क्रेडिट गौतम गंभीर को देना, 'उच्च स्तर की तलवा चटाई' ही है.
सुनील गावस्कर लिखते हैं कि अगर इस अप्रोच का क्रेडिट किसी को मिलना चाहिए, तो वो सिर्फ और सिर्फ रोहित शर्मा को मिलना चाहिए. वो कहते हैं कि अगर इस अप्रोच को कोई नाम ही देना है तो इसे 'गोहित' कह सकते हैं. लोग और भी किसी ट्रेंडी नाम का सुझाव दे सकते हैं.
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गावस्कर ने अपने कॉलम में एक और बात का जिक्र किया. लिखा कि भारतीय टीम की पहली पारी ने मैच सेट किया. जीत के बाद टीम को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंचने के लिए जरूरी पॉइंट्स मिले. टीम को पता था कि इस टेस्ट को जीतना कितना जरूरी है. गावस्कर सवाल उठाते हैं कि अगर WTC के लिए जरूरी पॉइंट्स की दरकार ना होती तो क्या प्लेयर्स इसी अप्रोच के साथ खेलते? वो शायद अपने पर्सनल रिकॉर्ड्स के लिए खेलते. इसके लिए ICC को भी क्रेडिट दिया जाना चाहिए कि उसने WTC लाकर टेस्ट क्रिकेट को एक नई जान दी है.
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