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इंडियन क्रिकेटर्स के लिए ये क्या बोल गए इंज़माम उल हक़?

फैंस को पसंद नहीं आएगी ये बात.

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साल 2003 की इस तस्वीर में Pakistan Cricket Team के नेतृत्व करते दिख रहे हैं Inzamam Ul Haq
तमाम क्रिकेट प्रेमी अक्सर एक बात कहते हैं- इंडिया की बैटिंग और पाकिस्तान की बोलिंग मिलाकर एक टीम बने तो मज़ा आ जाए. शुरुआत से ही भारतीय बैटिंग और पाकिस्तानी बोलिंग की तारीफ में कसीदे पढ़े जाते हैं. अब पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान इंज़माम उल हक़ ने भी इस मसले पर बात की है. वैसे इंज़माम की राय भारतीय क्रिकेट फैंस को बुरी लग सकती है. उन्होंने रमीज़ राजा के साथ यूट्यूब पर बातचीत के दौरान अपने जमाने की इंडियन और पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के अंतर गिनाए. इंज़माम ने कहा कि उनके दौर में पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में काफी एकजुटता थी. और भारतीय बल्लेबाज अपने पर्सनल रिकॉर्ड के लिए खेलते थे.

# टीम से ऊपर रिकॉर्ड!

इंज़माम ने कहा,
'जब मैं खेलता था, कागजों पर इंडियन टीम का बैटिंग रिकॉर्ड बेहतर था. लेकिन अगर हम 30 या 40 रन ही बनाते थे, तो भी यह टीम के काम आता था. जबकि उनमें से कोई सेंचुरी भी मारता था तो यह टीम के लिए नहीं होता था, उनके खुद के लिए होता था. यह हमारे बीच का अंतर था.'
इंज़माम का मानना है कि प्लेयर्स के फेल होने पर भी उन्हें सपोर्ट मिलना चाहिए. इंज़माम ने कहा कि अगर प्लेयर्स को लगेगा कि टीम में उनकी जगह खतरे में है तो वह खुद के लिए खेलने लगेंगे और टीम की जरूरतों को अनदेखा कर देंगे. इंज़माम ने अपना उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि उनके खराब प्रदर्शन के बाद भी इमरान खान ने उन्हें सपोर्ट किया. इंज़माम ने यह भी कहा कि 1992 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान की सफलता इस बात का सबूत है कि टीम को पहले रखना अच्छा होता है. पाकिस्तान ने 1992 का वर्ल्ड कप जीता था. इस वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में इंज़माम ने कमाल की पारी खेली थी.
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