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बारिश, ड्रेनेज़, अव्यवस्था... कानपुर टेस्ट जीते, लेकिन ये चीजें ज्यादा याद रहेंगी!

Green Park Stadium में India vs Bangladesh दूसरा टेस्ट मैच खेला गया. भारत ने कमाल अंदाज में ये मैच जीता, लेकिन इससे पहले स्टेडियम की गीली आउटफील्ड के वजह से तीन दिन के खेल में काफी खलल पड़ा.

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कानपुर टेस्ट मैच में तीन दिन का खेल बारिश की वजह से धुल गया(फोटो: PTI)

कानपुर का ग्रीन पार्क स्टेडियम (Green Park Stadium) हाल के दिनों में काफी चर्चा में रहा है. यहां भारत और बांग्लादेश (India vs Bangladesh) के बीच दूसरा टेस्ट मैच खेला गया. शुरुआती तीन दिनों तक हम सिर्फ यही लिखते रहे कि यहां मैच खेला जा रहा है. जबकि अधिकतर समय नौबत ये रही कि गेंद फेंकी जानी तो दूर, प्लेयर ग्राउंड तक भी नहीं आए. वजह रही स्टेडियम की गीली आउटफील्ड. ताज्जुब की बात ये रही कि मैच के तीसरे दिन कानपुर में बारिश की एक बूंद भी नहीं गिरी. शाम के समय धूप भी नजर आई. बावजूद इसके, एक भी बॉल नहीं डाली जा सकी.

कानपुर टेस्ट के पहले दिन बारिश और खराब रोशनी की वजह से महज 35 ओवर का खेल हुआ था. जिसमें बांग्लादेश ने तीन विकेट खोकर 107 रन बनाए. वहीं दूसरे दिन का खेल बारिश और गीली आउटफील्ड की वजह से रद्द हो गया. तीसरे दिन भी नौबत यही रही और दोनों टीम्स होटल में ही रही. हालांकि, चौथे दिन खेल अपने निर्धारित समय से हुआ. हालांकि मैच का नतीजा इन्हीं दो दिनों में आ गया. वो भी भारत के पक्ष में.

लेकिन अगर मैच ड्रॉ होता,तो इसका सीधा असर इंडियन टीम के WTC फाइनल में पहुंचने की उम्मीदों पर पड़ सकता था. अब सवाल ये है कि जब कानपुर जैसे ऐतिहासिक स्टेडियम की ऐसी हालत क्यों हुई है? और अगर स्टेडियम इतनी खस्ताहाल हालत में था तो मैच क्यों दिया गया?

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Green Park की ऐसी हालत क्यों?

कानपुर टेस्ट में अधिकतर समय खेल नहीं होने की सबसे बड़ी वजह रही वहां का पुराना ड्रेनेज सिस्टम. खासकर मैच के तीसरे दिन, काफी कम बारिश के बाद भी मैदान का अधिकतर हिस्सा मैच शुरू करने लायक नहीं रहा. अंपायर क्रिस ब्राउन और रिचर्ड केटलब्रॉ ने मैदान का निरीक्षण किया. दोनों को मैदान के कुछ हिस्से तैयार नहीं लगे. ऐसे में तीसरे दिन के खेल को रद्द घोषित कर दिया गया. जिसके बाद सोशल मीडिया पर कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम और आउटफील्ड तमाम सवाल उठाए जाने लगे. WTC जैसे इंपोर्टेंट इवेंट का मैच वहां दिए जाने पर लोगों ने सोशल मीडिया पर खूब नाराजगी जाहिर की.

क्यूरेटर ने अंपायर पर उठाए सवाल

बवाल बढ़ने के बाद वहां के पिच क्यूरेटर का बयान भी सामने आया. पिच क्यूरेटर की तरफ से अंपायर्स को ही दोषी ठहराया गया. न्यूज एजेंसी IANS के मुताबिक पिच क्यूरेटर ने बताया कि अंपायर ने उन्हें इंस्पेक्शन के लिए तीन अलग-अलग टाइम दिए. लेकिन उन्हें ये बताया ही नहीं, कि दिक्कत क्या है. पिच क्यूरेटर के मुताबिक अंपायर ने एक बार भी नहीं बताया कि कौन सा एरिया गीला है. और किस तरह की दिक्कत है.

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ग्रीन पार्क स्टेडियम (फोटो: PTI)

ESPNCricinfo की रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने इस महीने की शुरुआत में स्टेडियम का निरीक्षण किया था. उन्होंने ड्रेनेज सिस्टम को लेकर चिंता जाहिर की थी और इसे दो दिन में ठीक करने का निर्देश दिया था. लेकिन ये कितना ठीक हुआ, नतीजा पूरी दुनिया के सामने है. स्टेडियम की इस हालात को लेकर इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े प्रत्यूष राज ने UPCA के कोषाध्यक्ष प्रेम मनोहर गुप्ता से बात की.

उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि ग्रीन पार्क को अन्य टेस्ट मैदानों की तरह डेवलप नहीं किया गया है. उनके मुताबिक इस मैच के बाद ड्रेनेज सिस्टम को ऐसे सही किया जाएगा कि बारिश रुकते ही मैच शुरू हो जाए.  ड्रेनेज सिस्टम की इस हालत को लेकर इंडिया टुडे के स्पोर्ट्स एडिटर निखिल नाज बताते हैं,

‘स्टेडियम काफी पुराना हो चुका है. ऐसे में यहां नए तरीके का ड्रेनेज सिस्टम लगा पाना काफी हद तक संभव नहीं नजर आ रहा है. मैच शुरू करने के लिए तमाम कोशिशें की गई थी. सुपर-सॉपर्स का इस्तेमाल भी हुआ था. लेकिन जब बारिश हो जाती है, और अगर स्टेडियम अच्छे से मेंटेन नहीं है, तो मैच शुरू कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है.’

राजीव शुक्ला ने किया बचाव

हालांकि BCCI उपाध्यक्ष और कानपुर से ही ताल्लुक रखने वाले राजीव शुक्ला ने स्टेडियम के ड्रेनेज सिस्टम का बचाव किया है. उन्होंने PTI को बताया,

‘यह स्टेडियम तकरीबन 80 साल पुराना है. लेकिन स्टेडियम के इतिहास में पहली बार हुआ है कि लगातार दो दिन तक मैच नहीं हो पाया. आज तक यहां पर कोई टेस्ट मैच रद्द नहीं हुआ. विश्व के कई ऐसे स्टेडियम हैं, जहां बारिश के कारण पूरा मैच ही रद्द हो जाता है. ऐसे में अगर यहां दो दिन का मैच रद्द हुआ है, तो उस पर अधिक हो-हल्ला नहीं होना चाहिए.’

किसके जिम्मे है ये स्टेडियम? 

अब असली सवाल है कि इस स्टेडियम की जिम्मेदारी किसके पास है. ESPNCricinfo की रिपोर्ट के मुताबिक ये स्टेडियम यूपी सरकार के अंतर्गत आता है. जिसे UPCA ने 30 साल के लिए लीज पर ले रखा है. जबकि लखनऊ के इकाना स्टेडियम की जिम्मेदारी इकाना स्पोर्ट्स सिटी मैनेजमेंट के पास है. यानी देश के सबसे बड़े राज्य में एक भी ऐसा स्टेडियम नहीं है, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी BCCI के पास है. 

कैसे होगा सुधार?

ग्रीन पार्क स्टेडियम की हालात में सुधार को लेकर जब राजीव शुक्ला से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा,

‘अगर इस मैदान में ड्रेनेज़ की नई तकनीक लगानी है तो हमें मैदान को खोदना भी पड़ सकता है. इस काम के लिए हमें सरकार से अनुमति लेनी होगी. मैंने इस बारे में सरकारी अधिकारियों से चर्चा की है. वह भी इस बात पर राज़ी हुए हैं. हम निश्चित रूप से बहुत जल्द ही मैदान के डेवलपमेंट पर काम कर सकते हैं.’

WTC में क्या असर पड़ेगा?

बताते चलें कि कानपुर में हुआ पिछला टेस्ट मैच भी नाटकीय अंदाज में खत्म हुआ था. भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 2021 में खेले गए टेस्ट मैच के  अंतिम दिन का खेल खराब रोशनी के कारण 12 मिनट पहले ही समाप्त हो गया था. ऐसे में न्यूजीलैंड नौ विकेट आउट होने के बाद भी टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने में सफल रहा था.

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