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टॉड मर्फी की पूरी कहानी, जिनके पिता उन्हें शेन वॉर्न जैसा मानते हैं!

इस खिलाड़ी को विरासत में मिली है क्रिकेट.

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टॉड मर्फी (PTI)

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ शुरू हो चुकी है. जिसका पहला मुकाबला गुरुवार, 9 फरवरी से नागपुर में खेला जा रहा है. मैच के पहले दिन कंगारू टीम महज 177 रन बनाकर ऑल आउट हो गई. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के लिए डेब्यू करने वाले स्पिनर टॉड मर्फी (Todd Murphy) ने दूसरे दिन शानदार गेंदबाज़ी कर ऑस्ट्रेलियन टीम को मैच में बनाए रखा है.

22 साल के स्पिनर मर्फी ने टेस्ट करियर का पहला विकेट केएल राहुल के रुप में हासिल किया. इसके बाद मैच के दूसरे दिन मर्फी ने रविचंद्रन अश्विन को LBW आउट किया. इसके बाद पुजारा और विराट कोहली को आउट कर उन्होंने भारतीय टीम को मुश्किल में डाल दिया. इसके थोड़ी देर बाद ही भारत के लिए डेब्यू कर रहे केएस भरत को आउट कर उन्होंने अपना पंजा पूरा किया. इस कमाल की बोलिंग के बाद लोग पूछ रहे हैं कि अपने डेब्यू टेस्ट मैच में धमाल मचाने वाला ये स्पिनर कौन हैं? तो चलिए हम बताते हैं.

# कौन हैं टॉड मर्फी?

टॉड मर्फी का जन्म 15 नवंबर 2000 को ऑस्ट्रेलिया के इचुका में हुआ था. वो विक्टोरिया के लिए फर्स्ट-क्लास और लिस्ट ए क्रिकेट खेलते हैं. बिग बैश लीग में वह सिडनी सिक्सर्स की टीम हिस्सा हैं. मर्फी ने भारत के खिलाफ मुकाबले के जरिए ही इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया है. उनके पिता का नाम जेमी मर्फी है, जो एक क्लब क्रिकेटर रह चुके हैं.

टॉड के पिता मेलबर्न के क्रिकेट क्लब सेंट किल्डा के लिए एक बल्लेबाज़ के तौर पर खेलते थे. महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न भी इस टीम का हिस्सा थे. जेमी मर्फी के मुताबिक उन्हें अपने बेटे में महान लेग स्पिनर की झलक दिखाई देती है. उन्होंने cricket.com.au  से बात करते हुए कहा था,

‘टॉड में शेन वॉर्न जैसे काफी गुण हैं. कभी हार नहीं मानना और किसी भी कंडीशन में मैच को जीतने की ललक जो वार्नी के भीतर थी, वो झलक कई बार टॉड मर्फी में भी दिखाई देती है.’

# टॉप ऑर्डर बैट्समैन से बोलर बने मर्फी

मर्फी ने अपने करियर की शुरुआत एक टॉप ऑर्डर बल्लेबाज की तौर पर की. शुरुआती दिनों में वो अपने भाई जोएल मर्फी के साथ काफी क्रिकेट खेला करते थे. वो विक्टोरिया के नॉर्दर्न प्रोग्राम का हिस्सा थे, जहां उनका सेलेक्शन स्टेट अंडर-15 टीम में हुआ. उन्होंने वहां के लिए अंडर-17 क्रिकेट भी खेला. बाद में उनका सेलेक्शन ऑस्ट्रेलिया की अंडर-19 टीम में हुआ.

मर्फी 16 साल की उम्र तक एक बैटर ही थे. लेकिन स्पिन गुरु कहे जाने वाले क्रेग हॉवर्ड की सलाह के बाद उन्होंने एक स्पिनर बनने की ठानी. और यहीं से मर्फी का क्रिकेट करियर पूरी तरह से बदल गया. मर्फी ने ने बात करते हुए कहा,

‘मुझे ट्रेनिंग में कभी भी मीडियम पेस बोलिंग करने में मजा नहीं आया. इस तरह से बोलिंग कर मेरा करियर कहीं नहीं जाने वाला था.और मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि मैं ऑफ स्पिन बोलिंग के जरिए ज्यादा प्रभाव डाल सकता हूं.’

टॉड मर्फी ने 2022 से पहले सिर्फ एक फर्स्ट क्लास मैच खेला था. हालांकि, पिछले 12 महीनों में टॉड मर्फी ने विक्टोरिया, ऑस्ट्रेलिया ए और प्राइम मिनिस्टर XI के लिए दमदार प्रदर्शन किया. 22 साल के इस गेंदबाज ने शेफील्ड शील्ड के पिछले सीजन में केवल तीन मैच में 17.71 की औसत से 14 विकेट झटके थे. वहीं ओवरऑल फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उनके नाम सात मैच में कुल 29 विकेट हैं. और इसी शानदार प्रदर्शन की बदौलत उन्हें कंगारू टीम से बुलावा आ गया.

# डेब्यू मैच में रचा इतिहास

मर्फी को पहले टेस्ट में ही भारत के खिलाफ डेब्यू करने का मौका मिल गया. जहां पहली पारी में पांच विकेट लेकर उन्होंने इतिहास रच दिया. साल 1882 के बाद कंगारू टीम के लिए वो 23 साल से कम की उम्र में पांच विकेट लेने वाले पहले स्पिनर बन गए हैं.

इसके साथ ही वो भारत के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में पांच विकेट लेने वाले दूसरे खिलाड़ी भी बन गए. इससे पहले ये कारनामा साल 2008 में जेसन क्रेजा ने किया था.

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