सईद अजमल का कहना है कि वह भारत के लिए खेलते तो हजार इंटरनेशनल विकेट ले जाते. जैसा कि आप जानते ही हैं, सईद 2010 के एरा में दुनिया के टॉप बोलर्स में से एक थे. यहां तक कि वह वनडे और T20I में वर्ल्ड नंबर वन बोलर भी बने थे.
भारत के लिए खेलता, तो हजार विकेट्स ले जाता... सईद अजमल के इस दावे पर क्या सोचते हैं?
'ICC ने जानबूझकर मुझे बैन किया.'

लेकिन ICC द्वारा साल 2014 में उन पर बैन लगा दिया गया. अभी 45 साल के हो चुके अजमल ने पाकिस्तान के लिए 2015 में आखिरी वनडे मैच खेला था. नादिर अली के पॉडकास्ट पर उन्होंने दावा किया कि अगर वह भारतीय प्लेयर होते तो हजार विकेट ले जाते.
अजमल ने कहा,
'मैं अब तक हजार विकेट ले चुका होगा. ईमानदारी से कहूं तो अगर मैं भारत के लिए खेलता, तो हजार विकेट ले चुका होता. मैं ऐसा बोलर था जो हर साल सौ विकेट लेता था. अपने इंटरनेशनल करियर के लगभग हर साल मैंने 100 विकेट लिए.'
आगे कुछ स्टैट्स बताते हुए अजमल बोले,
'साल 2012 से 2014 तक मैंने 326 विकेट लिए. जेम्स एंडरसन 186 विकेट्स के साथ नंबर दो पर थे. अंतर देखिए- 326 और 186 विकेट्स. हर साल, 100 से ज्यादा विकेट.'
इसी बातचीत में उन्होंने ये भी कहा कि साल 2009 में डेब्यू के वक्त उनका सेम एक्शन क्लियर हुआ था. अगले कुछ सालों में उन्होंने 448 विकेट्स लिए और वर्ल्ड नंबर वन बोलर बने. अजमल के मुताबिक ICC ने नियम बदलकर उन्हें बैन कर दिया. क्योंकि उन्हें रोकने का कोई और तरीका नहीं था.
अजमल बोले,
'उन्हें मुझे 2009 में ही रोक देना चाहिए था. लेकिन उन्होंने मुझे खेलने दिया. जब मैंने 448 विकेट्स ले डाले, उन्होंने सोचा कि अब मुझे रोकने का कोई तरीका होना चाहिए, और फिर उन्होंने ये किया. मैं वर्ल्ड नंबर वन बोलर था और फिर मुझे बोलिंग से बैन कर दिया गया.'
अजमल ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें बैन से बचाने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए. और इसीलिए उनका इंटरनेशनल करियर जल्दी खत्म हो गया. बता दें कि अजमल पर श्रीलंका टूर के दौरान बैन लगा था. बता दें कि गाले में हुए टेस्ट के बाद उनका एक्शन रिपोर्ट किया गया था. जिसके बाद ICC की बायो-मेकेनिक्स एक्सपर्ट टीम ने ब्रिसबन में उनके एक्शन का टेस्ट लिया. नेशनल क्रिकेट सेंटर में हुए इस टेस्ट के बाद उन्हें बैन करने का फैसला लिया गया.
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