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राहुल द्रविड़ पर हर्षा भोगले का ये ट्वीट पूरे देश को देखना चाहिए

वर्ल्ड कप में कोच Rahul Dravid चट्टान बनकर टीम के साथ रहे. उनके रोल को एक्सपर्ट्स और फ़ैन्स, दोनों ने सराहा. हर्षा भोगले ने भी उनकी जमकर तारीफ़ की है.

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हर्षा भोगले ने राहुल द्रविड़ की जमकर तारीफ़ की. (तस्वीर-X)

इंडियन टीम ने वनडे वर्ल्ड कप 2023 में गज़ब का खेल दिखाया. प्लेयर्स ने खूब वाहवाही भी लूटी. पर एक शख्स था, जो हमेशा परदे के पीछे रहा. सफलता मिलती रही और वो कभी श्रेय लेने आगे नहीं आया. वर्ल्ड कप फाइनल में हम ट्रॉफी उठाते-उठाते रह गए. तब एक ट्रू लीडर की तरह वो सामने आए. हम बात कर रहें हैं टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ की. वर्ल्ड कप फाइनल में हार के बाद राहुल टीम को रिप्रेज़ेंट करने आगे आए. उनके इस जेस्चर की खूब सराहना हो रही है.

इसे लेकर दिग्गज क्रिकेट एनालिस्ट और कॉमेंटेटर हर्षा भोगले ने राहुल के लिए दिल खोलकर रख दिया है. हर्षा ने ना सिर्फ उनकी, बल्कि रोहित शर्मा और टीम की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं.

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर हर्षा ने लिखा-

(वर्ल्ड कप फाइनल हारने के) बाद की ये सुबह. दुखी हूं. पर एक चीज़ समझ आ रही है, इस टीम ने लगातार 10 मैचों में बहुत स्पेशल क्रिकेट खेला है. राहुल द्रविड़ की खूब तारीफ़ होनी चाहिए. जब टीम जीत रही थी तब बैकग्रॉउंड में रहना, और हारने के बाद सामने आना, खिलाडियों का साथ देना. उन्होंने रोहित के साथ मिलकर एक कमाल का कॉम्बिनेशन बनाया और वो हमेशा की तरह एकदम सरल-सौम्य बने रहे.

कोच के तौर पर इंडियन टीम के साथ दो साल से ज्यादा का वक्त बिता चुके द्रविड़ ने फाइनल मैच के बाद आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. हार को लेकर रिपोर्टर्स उनके सामने एक के बाद एक सवाल दागने लगे. इस दौरान भी राहुल उतने ही शांत नज़र आए. पूरी टीम को बैक किया और कहा कि टीम ने जिस तरीके का खेल दिखाया है, उस पर उन्हें गर्व है.

एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, 

सच में ये एक मुश्किल दिन था. ये एक बहुत अच्छा कैम्पेन रहा. इस पूरे टूर्नामेंट में लड़कों ने जिस तरह से खेला है, मुझे उनपर गर्व है. हमने इस टूर्नामेंट में अपना सबकुछ दे दिया. मुझे पूरी टीम और सभी सपोर्ट स्टाफ पर गर्व है. हम सिर्फ आखिरी स्टेप पर चूक गए. ऑस्ट्रेलिया ने अद्भुत खेल खेला और उन्हें बधाई.

जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा कि क्या हम आज डर कर खेलें? द्रविड़ ने कहा,

मैं ये नहीं मानूंगा कि हमने इस टूर्नामेंट में डरकर क्रिकेट खेला है. इस मैच में भी हम 10 ओवर में 80 रन पर थे. लेकिन जब आप विकेट खोते हैं तो आपको अपनी स्ट्रेटेजी चेंज करनी पड़ती है. इंग्लैंड के खिलाफ भी जब हमने विकेट गंवाए थे, हमने अपना गेम चेंज किया था. और आज फाइनल में हम डरकर बिलकुल नहीं खेले. उन्होंने बीच के ओवरों में अच्छी बोलिंग की. और हमने तीन विकेट भी खो दिए थे. ऐसे में हमें कंसॉलिडेटेड गेम खेलना था. हम जब भी थोड़ा पार्टनरशिप बनाने की कोशिश करते, विकेट गिर जाता था. पर ऐसा नहीं है कि हमने शुरुआत ठीक नहीं की . हमने शुरू से ही डिफेंसिव क्रिकेट नहीं खेला.

राहुल द्रविड़ एक कोच के तौर पर अपनी जर्नी को कैसे देखते हैं, उनसे ये सवाल भी पूछा गया. इस पर द्रविड़ मुस्कुराते नज़र आए. द्रविड़ ने कहा कि उनका पूरा फोकस सिर्फ इस टूर्नामेंट पर था और वो अभी-अभी मैच से ही आ रहे हैं. ऐसे में उन्हें इस बारे में सोचने का वक्त नहीं मिला है. बता दें, बतौर इंडियन कोच, द्रविड़ का कॉनट्रैक्ट ख़त्म हो गया है. उन्हें फिर से कोच बनाया जाएगा, या कोई नया कोच बनेगा, इसपर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.   

(ये ख़बर हमारी इंटर्न जागृति ने लिखी है)

वीडियो: विश्व कप फाइनल हारने के बाद कोच राहुल द्रविड़ की प्रेस-कॉन्फ्रेंस की इतनी तारीफ क्यों हो रही है?