ऑस्ट्रेलिया में हारे तो गौतम गंभीर से भारतीय टेस्ट टीम की कोचिंग छीन ली जाएगी. ऐसी रिपोर्ट्स आने के कुछ ही वक्त बाद, इनका खंडन भी आ गया है. पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के मुताबिक, इस रिपोर्ट में जरा भी सच्चाई नहीं है. ये पूरी तरह बकवास है.
गंभीर के साथ ऐसी साजिश, इंडिया हेड कोच के साथ कौन खेल कर रहा?
गौतम गंभीर से भारतीय टेस्ट टीम की कोचिंग नहीं छीनी जाएगी. ऐसा पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा को लगता है. उनकी मानें तो ऐसी ख़बरें एक साजिश के तहत फैलाई जा रही हैं. इनका सच से कोई संबंध नहीं है.
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ भारतीय क्रिकेट टीम अपने घर में हुई टेस्ट सीरीज़ 3-0 से हारी थी. कम से कम तीन टेस्ट की होम सीरीज़ में भारतीय टीम का पहली बार इतना बुरा हाल हुआ है. गंभीर की कोचिंग में आए इस प्रदर्शन के बाद से ही अलग-अलग रिपोर्ट्स आ रही हैं.
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और सबसे ताजा रिपोर्ट में ये दावा किया गया कि बोर्ड सफेद और लाल गेंद की क्रिकेट में अलग-अलग कोच लाने पर विचार कर रहा है. शनिवार, 9 नवंबर को दैनिक जागरण ने दावा किया कि, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी हारे तो गंभीर के टेस्ट टीम की कोचिंग वापस ली जा सकती है.
रिपोर्ट में आगे दावा किया गया कि बोर्ड NCA प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण को टेस्ट टीम का कोच बना सकता है. लेकिन आकाश ने इन ख़बरों को सिरे से नकार दिया. उन्होंने स्पष्ट कहा कि ये बुरी नियत से फैलाई गई अफवाहें हैं. अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए आकाश ने कहा,
'मुझे लगता है कि ये बस एक अफ़वाह है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी में टीम अच्छा नहीं खेली तो ये कोच बदल देंगे, ये ख़बर पूरी तरह से आधारहीन लग रही है. अलग-अलग फ़ॉर्मेट्स के अलग-अलग कोच होंगे. मैं सोचता हूं कि ये जल्दबाजी है. मेरे हिसाब से ये अफ़वाह बुरी नीयत से फैलाई गई है.
गंभीर को अभी-अभी हेड कोच बनाया गया है. ऐसे नहीं होता कि प्लेयर्स परफ़ॉर्म ना करें तो कोच को हटा दो. ये तरीका नहीं है. मैं इस सोच से एकदम सहमत नहीं हूं. मैं ऐसी रिपोर्ट को खारिज़ करता हूं.'
आकाश के मुताबिक बोर्ड इतनी जल्दी गंभीर के खिलाफ़ ऐसा एक्शन नहीं लेगा. हालांकि आकाश ने ये भी कहा कि गंभीर को इन हार की जिम्मेदारी तो लेनी पड़ेगी. क्योंकि उन्हें मनमर्ज़ी का स्टाफ़ मिला था. और न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ टीम भी गंभीर ने अपनी मर्ज़ी से चुनी थी.
आकाश ने कहा,
‘गंभीर ने जो भी मांगा, BCCI ने उन्हें सब दिया. गंभीर पहले पब्लिकली बोल चुके हैं कि भारतीय टीम का कोच भारतीय होना चाहिए. इसके बावजूद उन्होंने रयान टेन डस्काट और मोर्नी मोर्कल के रूप में विदेशी कोच मांगे. और उन्हें ये मिले भी. गौतम ने जब श्रीलंका में सीनियर्स प्लेयर्स को मांगा, बोर्ड ने उन्हें दिए. पिच बनाने में भी छूट मिली. जब इतना सब होता है तो जिम्मेदारी लेनी होगी.’
बता दें कि इस बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी गंभीर के साथ पूरी टीम के लिए भी महत्वपूर्ण है. अगर टीम इंडिया यहां ना जीता, तो लगातार तीसरी बार WTC Final नहीं खेल पाएंगे. न्यूज़ीलैंड के हाथों हुए क्लीन-स्वीप के बाद WTC Final खेलने के लिए भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी जीतनी ही होगी.
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