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मार्करम फिर ज़ीरो पर आउट हुए तो झल्लाकर खुद पर ही मुक्का चलाया, अब नतीजा भुगत रहे

टीम से तो बाहर हुए ही, एक और बड़ा नुकसान कर लिया.

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कलाई तोड़कर अब पछता रहे हैं मार्करम. (फोटो- ICC, AP)
साउथ अफ्रीका की टीम इन दिनों इंडिया आई हुई है. दो टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं. पहला विशाखापत्तनम में दूसरा पुणे में. टीम इंडिया दोनों मैच जीत चुकी है. और सीरीज भी जीत चुकी है. तीसरा और आखिरी टेस्ट मैच रांची में खेला जाना है. 19 अक्टूबर से. लेकिन इससे पहले साउथ अफ्रीकी टीम को एक झटका लगा है. टीम के ओपनर बैट्समैन एडेन मार्करम टीम से बाहर हो गए हैं. क्यों बाहर हो गए ये भी जान लीजिए. एडेन मार्करम. ओपनर बैट्समैन. पहले टेस्ट में बनाए 5 और 39 रन. दूसरा टेस्ट पुणे में हुआ. मार्करम ने इसमें बनाए 0 रन. दोनों पारियों में. बिना किसी भेदभाव के. जाहिर सी बात है ये निराशाजनक प्रदर्शन है. हर कोई निराश होता है. मार्करम भी हुए. इसी निराशा में उन्होंने अपना मुक्का किसी ठोस चीज पर दे मारा. कब? दूसरे टेस्ट मैच के दौरान. दूसरी पारी में भी 0 पर आउट होने के बाद मार्करम निराश होकर पवेलियन पहुंचे तो अपना गुस्सा किसी चीज पर मुक्का मारकर निकाला. लेकिन ये मुक्का अब उनको महंगा पड़ गया है. कलाई की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया है. क्रिकेट साउथ अफ्रीका द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, मार्करम को दूसरे मैच की दूसरी पारी में चोट लगी. टीम चिकित्सक हशेंद्र रामजी ने कहा,
एडेन मार्करम की कलाई के सीटी स्कैन से पता चलता है कि उनकी कलाई की हड्डियों में फ्रैक्चर है. चिकित्सा टीम ने इसलिए उन्हें भारत के खिलाफ अगले टेस्ट मैच के लिए अनफिट करार दिया.
अब मार्करम को अपनी गलती का अहसास हो रहा है. मार्करम ने कहा,
इस तरह घर वापस जाना दुखद है. और मैं पूरी तरह से समझ गया हूं कि मैंने क्या गलती की. मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं. हमारी टीम में यह अस्वीकार्य है और टीम को गलत तरीके से प्रभावित करने के कारण मुझे सबसे ज्यादा दुख हो रहा है.मैंने इससे बहुत कुछ सीखा है और मुझे यकीन है अन्य खिलाड़ियों ने भी इससे सीख ली है. हम समझते हैं कि खेल में भावनाएं बहुत अधिक होती हैं और कभी-कभी गुस्सा आप पर हावी हो जाता है जैसा कि इस बार मेरे साथ हुआ, लेकिन जैसा मैंने कहा कि मैं कोई बहाना नहीं मार सकता. मैंने इसकी पूरी जिम्मेदारी ली है, मैंने टीम से माफी मांगी है और उम्मीद है कि मैं जल्द ही इसकी भरपाई करूंगा.
लेकिन अब पछताने का कोई फायदा नहीं है. जो होना था सो हो गया. जैसा कि पूर्वज कह गए हैं, 'अब पछताए का जब चिड़िया चुग गई खेत.' मार्कराम 17 अक्टूबर की सुबह दक्षिण अफ्रीका रवाना हो गए. टीम प्रबंधन ने उनकी जगह किसी दूसरे खिलाड़ी को नहीं बुलाया है.
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