भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान सुनील छेत्री (Sunil Chhetri Interview) ने बताया है कि वे किस तरह से देश में इस गेम को बेहतर कर सकते हैं. छेत्री दी लल्लनटॉप के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘गेस्ट इन द न्यूजरूम’ में हमारे मेहमान थे. उनसे लल्लनटॉप के एक दर्शक ने सवाल पूछा कि अगर वे खेल मंत्री होते तो फुटबॉल में किस तरह का बदलाव करते. इसके जवाब में सुनील छेत्री ने फुटबॉल को लेकर कई सुझाव दिए हैं.
सुनील छेत्री ने बताया, अगर खेल मंत्री होते तो भारतीय फुटबॉल को इस तरह सही कर देते
सुनील छेत्री का ये सुझाव भारतीय फुटबॉल को बदल कर रख देगा!
पहले तो छेत्री ने बताया कि ये मुश्किल है. तकनीकी रूप से सही जवाब नहीं हो सकता है. क्योंकि प्रशासक और मंत्री बनने में फर्क है. फिर उनसे पूछा गया कि अगर उन्हें सलाह देनी हो, या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहें कि फुटबॉल का स्ट्रक्चर बेहतर करने के लिए क्या कर सकते हैं? इस पर छेत्री ने कहा कि वे तो बहुत पक्षपाती हैं, यही कहेंगे कि सबकुछ बदल जाए. सारा मोटिव यही होगा कि जो अच्छा खिलाड़ी होगा, उसे ढूंढेंगे. छेत्री आगे कहते हैं,
"इसकी प्रक्रिया ये है कि हमें सेटअप बनाना होगा, जो कि बाई-सेटअप होंगे. और एक मेन सेंटर होगा, ये किसी भी शहर, चाहे बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई, कहीं भी हो सकता है. यूरोप में सरकार, कॉरपोरेट, क्लब सभी इस प्रक्रिया में शामिल होते हैं. हमारे देश में भी ऐसा ही करना होगा."
छेत्री आगे कहते हैं,
“अगर मैं खेल मंत्री होता तो मैं सुनिश्चत करता कि हरेक बच्चा जो अच्छा है उसे खोजा जाए, चाहे जमीन आसमान इधर-उधर करना पड़े. मेरे हिसाब से और कोई तरीका है नहीं. बच्चा जहां अच्छा है, उसे उठाओ और उसे जो चाहिए हो, उसे दिया जाएगा. मामा का, ताऊ का, चाचा का...बाहर, ये उसका है, वो उसका है...बाहर. एक ही तरीके से देखना है, ये बच्चा अच्छा है या अच्छी है, उसे चांस मिलना चाहिए...खत्म. इसका फोन आया या उसका, इसको खत्म करना है.”
छेत्री ने आगे बताया कि सारे जितने सेंटर्स हैं, उसे हेडक्वार्टर से अटैच कर देना होगा. ताकि पूरे देश को पता होना चाहिए कि कौन कहां पर कितना अच्छा है.
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क्या लोग अगर क्रिकेट की तरह फुटबॉल देखने लगेंगे तो क्या इस गेम में सुधार होगा? इस सवाल पर सुनील छेत्री ने कहा कि लोग तभी देखेंगे जब क्वालिटी अच्छी होगी. आप घर जाकर हमेशा अच्छा देखना चाहते हैं. वे कहते हैं,
"जब खेल बेहतर होगा, तो लोग ज्यादा देखेंगे. फुटबॉल सबसे बढ़िया गेम है. इसका कोई कॉम्पिटिशन नहीं है. इसे खेल के प्रति मेरा झुकाव भी बोल सकते हैं. लोग गाली देंगे, लेकिन ये तथ्य है."
छेत्री का साल 2005 में सीनियर टीम में उनका डेब्यू हुआ था. 19 साल के लंबे करियर में सुनील छेत्री ने भारत के लिए कुल 151 मैच खेले. जिसमें उनके नाम 94 गोल रहे. वो इंटरनेशनल फुटबॉल इतिहास में सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में चौथे नंबर पर हैं. छेत्री 2011 से इस साल रिटायर होने तक भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान रहे.
सुनील छेत्री के साथ आप पूरा इंटरव्यू लल्लनटॉप ऐप पर 3 अगस्त को दोपहर 12 बजे देख सकते हैं.
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