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जब लाउंड्री वाले उस लड़के ने अरुण लाल को मर्सिडीज गिफ्ट कर दी

क्रिकेट कमेंटेटर अरुण लाल का 1 अगस्त को जन्मदिन होता है.

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करीब 40 साल पहले जब अरुण लाल अपनी पत्नी के साथ दिल्ली से कोलकाता शिफ्ट हो गए थे. रोज़ाना एक लड़का उनके घर के बाहर डोरबेल बजाता था. वो लड़का कपड़े धुलाई के लिए लेकर जाता था.कुछ दिन बाद से अरुण की पत्नी देवयानी उस लड़के को इंग्लिश पढ़ाती थीं. अरुण ने जिस लड़के की हेल्प 30 साल पहले की थी, उसी ने अरुण को कुछ साल पहले मर्सीडीज कार गिफ्ट की. बात चौंकाने वाली लग सकती है मगर ये सच्चाई है. 39 साल के बिकाश चौधरी अब जेएसडब्ल्यू (JSW Steel) में बड़े पद पर हैं. कभी गरीबी में बचपन बिताने वाले बिकाश की पढ़ाई में लाल दंपत्ति ने खूब हेल्प की थी. Arun इनकी कोई संतान नहीं थी तो बिकाश की पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी अरुण और देवयानी ने ले ली. इंग्लिश मीडियम स्कूल से होता हुआ वो 12 साल का लड़का सेंट जेवियर्स कॉलेज से कॉर्मस में ग्रेजुएट हो गया. फिर बाद में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) भी पहुंचा और इस तरह लाल दंपत्ति की हेल्प सार्थक हो गई. मगर इकनोमिक टाइम्स में छपे अपने एक इंटरव्यू में बिकाश ये बताना नहीं भूले कि अरुण लाल और देवयानी उनके गोद लिए पेरंट्स हैं. बिकाश ने अपनी बेटी का नाम अरुण के नाम पर अरुणिमा रखा है. ये वही अरुण लाल हैं जो क्रिकेट के मैदान पर इंडिया के लिए क्रिकेट खेले और बाद में अब कमेंट्री बॉक्स पर सालों से राज कर रहे हैं. 1 अगस्त को इनका जन्मदिन होता है.

क्रिकेट कमेंट्री वाले अरुण

51954309 अरुण लाल और मनिंदर सिंह की हिंदी कमेंट्री की जोड़ी काफी फेमस रही है. पहले जब इंडिया के हर मैच को दूरदर्शन पर पर दोनों कमेंट्री बॉक्स से मोर्चा संभालते थे. क्रिकेट और कमर्शियल हुआ तो फिर प्राइवेट चैनलों पर भी हिंदी और इंग्लिश में बराबर कमांड और फ्लो के साथ कमेंटरी करते दिखे अरुण लाल. कंमेट्री में खूब मजाक करते और अपनी बातों को भारी नहीं होने देते. कंमेट्री के दौरान इनकी ये लाइंन्स फिल्मी डायलॉग्स से भी ज्यादा फेमस हुई हैं. घर पर मैच देख रहे तमाम क्रिकेट फैन भी इन्हीं के अंदाज में कमेंट्री ट्राई करते अकसर दिखते रहे हैं.  ये हैं वो लाइन्स- # कोई जोखिम उठाने की आवश्यकता नहीं है! # कलाइयों का बेहतरीन प्रयोग किया! # चतुराई से गति परिवर्तन किया है! # बहुत करीबी मामला हो सकता था ये! # ये एक बहुत ही रोमांचक स्थिति! # और इसी के साथ एक शुरुआती झटका! # बल्ले का बाहरी किनारा लगा.

कैंसर से भी लड़े

60 साल की उम्र में अरुण लाल को  कैंसर हो गया. जनवरी 2016 में पता चला उन्हें जबड़े का कैंसर है और अप्रैल में कोलकाता में ऑप्रेशन करवाया जो 14 घंटे लंबा चला था. क्रिकेट से अपने जुडाव के चलते फिर कमेंट्री बॉक्स में वापसी की. अपने एक इंटरव्यू में अरुण ने बताया कि उन्हें युवराज सिंह का हालचाल पूछने के लिए फोन आया. युवराज खुद कैंसर की बीमारी से बाहर निकल चुके हैं और अब एक संस्था YouWeCan जो कैंसर अवेयरनेस पर काम कर रही चलाते हैं. arun-lal-m

कुछ फैक्ट्स

#  साल 1982 से 1989 के बीच इंटरनेशनल क्रिकेट खेला और इस बीच  16 टेस्ट और 13 वनडे खेले # अपने सात साल के इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में अरुण ने 6 टेस्ट अर्द्धशतक लगाए. अपने डेब्यू में श्रीलंका के खिलाफ 63 रन की पारी खेली. # वहीं पाकिस्तान के खिलाफ भी 1987 में ईडन गार्डन्स में दो हाफ सेंचुरी लगाईं. # वेस्टइंडीज के दौरे पर गई भारतीय टीम का हिस्सा रहे अरुण ने 1988-89 में अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला. # 1989-90 में बंगाल के लिए रणजी फाइनल में खेलते हुए हाफ सेंचुरी लगाई और टीम ने 51 साल बाद रणजी ट्रॉफी जीती थी. # 45 साल की उम्र में अरुण लाल ने कंपीटिटिव क्रिकेट को अलविदा कहा. # यूपी के मुरादाबाद में 1 अगस्त 1955 को पैदा हुए और 1979 में कोलकाता शिफ्ट हो गए.