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रोहित शर्मा फिट भी हैं और हिट भी, सुनाने वालों के मुंह पर जड़ दिया ताला

बोलने वालों का क्या है, खूब बोले, Rohit sharma पर ऐसा बोले, जो कोई सोच नहीं सकता था. लेकिन हिटमैन ने सबका मुंह बंद कर दिया. कई बड़े कप्तानों की लिस्ट में भी आ गए. रिकॉर्ड बना डाले.

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रोहित शर्मा ने ICC के फाइनल में अपना पहला अर्धशतक जड़ा. (तस्वीर:PTI)

रोहित शर्मा लिमिटेड ओवर के लिए टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं. लेकिन बीते कुछ सालों से उनकी बैटिंग को लेकर कई सवाल उठ रहे थे. चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में रोहित ने अपने बल्ले से सभी आलोचकों का मुंह बंद कर दिया. उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 76 रनों की अहम पारी खेलकर टीम को एक और ICC टूर्नामेंट जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

रोहित, गांगुली का रिकॉर्ड तोड़ने से चूके

न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करते हुए 251 रनों का लक्ष्य दिया. रोहित शर्मा ने शुभमन गिल के साथ मिलकर टीम को तेज शुरुआत दी. पिछले चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ जीरो पर ऑउट होने वाले रोहित ने इस बार पहले ही ओवर से नजरें जमानी शुरु कर दीं.

पारी का पहला ओवर फेंकने आए काइल जैमिसन ने ओवर की दूसरी गेंद शॉर्ट बॉल फेंकी. इस गेंद पर रोहित ने अपना पसंदीदा पुल शॉट खेला और गेंद बॉउंड्री के बाहर. पारी का सातवां ओवर फेंकने आए नाथन स्मिथ की गेंद पर रोहित ने दूसरा छक्का जड़ा. गेंद 93 मीटर दूर जाकर गिरी.

टीम इंडिया ने बिना विकेट खोए 44 गेंदों पर 50 रन बना लिए. ये इस टूर्नामेंट में टीम इंडिया का सबसे तेज पचासा था. रोहित ने 41 गेंदों पर अपने 50 रन पूरे कर लिए थे. वे रचिन रवींद्र की गेंद पर स्टंप ऑउट हो गए. लेकिन इससे पहले वे 82 गेंदों पर 7 चौके और 3 छक्के की मदद से 76 रनों की शानदार पारी खेल चुके थे.  

यह 9 ICC टूर्नामेंट के फाइनल में उनका पहला अर्धशतक है. लेकिन लय में नज़र आ रहे रोहित टीम के पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली का रिकॉर्ड तोड़ने से चूक गए. गांगुली भारत के इकलौते कप्तान है जिन्होंने ICC टूर्नामेंट के फाइनल में शतक जड़ा है. सौरभ गांगुली ने साल 2000 में केन्या के नैरोबी में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में 117 रनों की पारी खेली थी. हालांकि, रोहित तीसरे कप्तान हैं जिन्होंने ICC टूर्नामेंट के फाइनल में अर्धशतक जड़ा है. सौरभ गांगुली और रोहित शर्मा के अलावा महेंद्र सिंह धोनी ने 2011 के वर्ल्डकप में 91 रनों की पारी खेली थी.

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लोग उठा रहे थे सवाल, रोहित ने बल्ले से दिया जवाब

फाइनल से पहले रोहित की फिटनेस और फॉर्म दोनों पर सवालिया निशान लगे थे. सवाल इतने की चर्चा रोहित के ODI से संन्यास की होने लगी थी. सोशल मीडिया यूजर्स की बहसों से लेकर अखबार के लेखों में उनकी खराब फॉर्म के कारण गिनाए जा रहे थे. 

कारण, रोहित शर्मा ने Champions Trophy टूर्नामेंट में फाइनल से पहले 4 मैचों में 26 के औसत से 104 रन बनाए थे. इसमें सबसे अधिक स्कोर बांग्लादेश के खिलाफ 41 रन था. यह प्रदर्शन कम से कम एक ऐसे खिलाड़ी के कद के हिसाब से बेहतर नहीं माना जाएगा, जिसने ODI में सचिन और कोहली के बाद भारत के लिए सबसे ज्यादा शतक बनाए हैं.

लेकिन 18 सालों से ODI खेल रहे रोहित फाइनल में किसी दबाव में नहीं दिखे. 76 रनों की पारी में उनका स्ट्राइक रेट 91.56 का था.

रोहित ने अपने गेम को बदला है

रोहित शर्मा अपनी कप्तानी में टीम को लगातार तीन साल से ICC टूर्नामेंट के फाइनल में ले गए. लिमिटेड ओवर के खेल में रोहित की टीम पिछले तीन ICC टूर्नामेंट में केवल एक मैच हारी है. यह मैच अहमदाबाद के मैदान में खेला गया वर्ल्डकप का फाइनल था, जिसकी याद टीम इंडिया के फैन्स को अभी भी मायूस कर देती है. लेकिन इस मैच में भी रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम को तेज शुरुआत दी थी. उन्होंने 31 गेंदों में 4 चौकों और 3 छक्कों की मदद से 47 रन बनाए थे.

37 साल के रोहित शर्मा ने पिछले 5 सालों से अपने खेल को इस तरह ढाला है कि वो हमेशा टीम को तेज शुरुआत दिलाने की कोशिश करते हैं. कम से कम आंकड़े तो इस बात की गवाही देते हैं. पॉवरप्ले में रोहित का स्ट्राइक रेट साल 2020 से 115.51 का है. रोहित ने साल 2019 के वर्ल्डकप में 5 शतक जड़े थे लेकिन उस साल भी उनका स्ट्राइक रेट 67.74 ही था. उससे पहले यानी 2015-19 के दौरान भी रोहित का स्ट्राइक रेट 75.81 का था.  

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