गौतम गंभीर को सख्त वॉर्निंग मिल गई है. न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ मिली 3-0 की हार से जय शाह समेत BCCI की लीडरशिप बहुत नाखुश है. काफी देर तक चली रिव्यू मीटिंग के बाद तय हुआ है कि अगर गंभीर की कोचिंग में टीम इंडिया का बुरा हाल जारी रहा, तो टेस्ट टीम की कोचिंग उनसे वापस ले ली जाएगी.
दांव पर गंभीर की नौकरी, रोहित-विराट बचाएंगे या लगेगी लक्ष्मण की लॉटरी?
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ मिली 3-0 की हार से जय शाह समेत BCCI की लीडरशिप बहुत नाखुश है. काफी देर तक चली रिव्यू मीटिंग में काफी कुछ तय हुआ है.
दैनिक जागरण में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर टीम इंडिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी भी हार गई तो BCCI टेस्ट और वनडे के लिए अलग-अलग कोच नियुक्त करने पर विचार करेगा. अभी तीनों फ़ॉर्मेट में गंभीर ही टीम के कोच हैं. बोर्ड इतनी जल्दी गंभीर को बर्खास्त नहीं करना चाहता. इसीलिए लाल और सफेद गेंद के लिए दो अलग-अलग कोच नियुक्त करने की बात चल रही है.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, NCA के हेड वीवीएस लक्ष्मण को टीम इंडिया की टेस्ट कोचिंग सौंपी जा सकती है. लक्ष्मण अभी सूर्यकुमार की कप्तानी वाली टीम के साथ T20I सीरीज़ के लिए साउथ अफ़्रीका में हैं. जहां टीम ने पहले मैच में होस्ट्स को 61 रन से मात दी. बदलाव की स्थिति में लक्ष्मण टेस्ट जबकि गंभीर वनडे और T20I टीम की कोचिंग करेंगे.
इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसी टीम्स पहले भी ये प्रयोग कर चुकी हैं. लेकिन भारत ने हमेशा ही हर फ़ॉर्मेट के लिए एक टीम रखने को वरीयता दी है. अभी तक भारत में कभी भी अलग-अलग कोच नहीं रहे हैं. इंग्लैंड का ये प्रयोग दो साल तक चला था. लंबे वक्त तक सिर्फ़ टेस्ट टीम की कोचिंग करने के बाद अब ब्रैंडन मैक्कलम उनके लिमिटेड ओवर्स कोच भी हैं.
जबकि पाकिस्तान ने गैरी कर्स्टन को सफेद गेंद की कोचिंग देने के साथ जेसन गिलेस्पी को टेस्ट टीम की कोचिंग सौंपी थी. लेकिन यह प्रयोग छह महीने में ही खत्म हो गया. एक भी मैच में कोचिंग दिए, गैरी ने इस्तीफा दे दिया.
शुक्रवार, 8 नवंबर को BCCI ने एक रिव्यू मीटिंग की थी. इस मीटिंग में सेक्रेटरी जय शाह, प्रेसिडेंट रॉजर बिन्नी, कप्तान रोहित शर्मा, चीफ़ सेलेक्टर अजित आगरकर और हेड कोच गौतम गंभीर मौजूद थे. छह घंटे तक चली इस मीटिंग में गंभीर की कोचिंग स्टाइल पर डिस्कशन हुआ. साथ ही यहां टीम मैनेजमेंट द्वारा रैंक टर्नर विकेट्स पर खेलने और तीसरे टेस्ट से बुमराह को आराम देने पर भी बातचीत हुई.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडियन थिंक टैंक के कई लोग ऑस्ट्रेलिया सीरीज़ के टीम सेलेक्शन में भी गंभीर से सहमत नहीं हैं. नितीश रेड्डी और हर्षित राणा के सेलेक्शन पर सबसे ज्यादा मतभेद हैं. नितीश का लाल गेंद क्रिकेट में कुछ खास रिकॉर्ड नहीं है. जबकि राणा ने सिर्फ़ 10 फ़र्स्ट क्लास मैच ही खेले हैं.
ऑस्ट्रेलिया टूर पर गंभीर के भविष्य के साथ, WTC Final की उम्मीदें भी दांव पर हैं. एक और बार यहां पहुंचने के लिए टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में अभी तक का अपना बेस्ट प्रदर्शन करना होगा. अगर ये लोग ऑस्ट्रेलिया को बुरी तरह ना हरा पाए, तो इनका WTC Final में पहुंचने का ड्रीम धरा रह जाएगा.
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