साल 1992. साउथ अफ़्रीका का वनवास खत्म हो रहा था. 21 सालों के प्रतिबंध के बाद वो पहली बार किसी देश का टूर करने को तैयार थे. और ये देश था भारत. सारे इंतजाम किए जा चुके थे. सब सेट था. तभी एक रोज़ साउथ अफ़्रीकी क्रिकेट बोर्ड के एडमिन अली बाकर ने BCCI को फ़ोन किया.
जब विदेशी बोर्ड ने पूछा- टेलीविजन राइट्स के लिए कितने पैसे लेंगे और BCCI में हंगामा हो गया!
कितने पैसे में बिक़े थे पहले टेलीविजन राइट्स?
बेहद परेशान मालूम दे रहे बाकर ने एकदम पैनिक होकर BCCI से पूछा,
'टेलीविजन राइट्स के लिए आप लोग क्या चार्ज़ करेंगे?'
BCCI के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था. ये एकदम नई चीज थी. उन्हें पता ही नहीं था कि मैच को टीवी पर दिखाने के राइट्स से कमाई भी की जा सकती है. और इससे भी बड़ी बात, पहला संशय तो यही उभरा कि क्या ये राइट्स हमारे पास हैं? क्या BCCI को ये अधिकार है कि वो मैच दिखाने वाले टीवी चैनल से पैसे मांग लें?
# BCCI TV Rightsबहुत संकटपूर्ण स्थिति. इनसे जवाब देते ना बन रहा. उधर बाकर परेशान. सालों बाद तो टीम खेलने जा रही है. पूरा देश इन मैचेज़ को टीवी पर देखने के लिए उतावला है और भारत के साथ डील ही नहीं हो पा रही. और उनकी परेशानी और अपना फायदा देख BCCI एक्टिव हुई. प्रेसिडेंट माधवराव सिंधिया ने अपने खास अधिकारी अमृत माथुर को ये बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. उनसे कहा गया कि पहले तो पता करो कि ये राइट्स हमारे पास हैं क्या? और अगर इसका जवाब हां है, तो इस तीन मैच की सीरीज़ का दाम भी तय करो.
माथुर बेचारे, जिन्हें इसी टूर के बाद साउथ अफ़्रीका जा रही भारतीय टीम का मैनेजर बनना था, डीडी ऑफ़िस पहुंचे. माथुर को यहां आना ही था क्योंकि उस दौर में डीडी ही क्रिकेट दिखाता था. और हाल ये था कि टीवी पर दिखने वाले ऐड के सारे पैसे वही लोग रखते थे. BCCI के हिस्से बस स्टेडियम में दिखने वाले विज्ञापनों का धन आता था.
डीडी पहुंचे माथुर को यहां से कोई मदद नहीं मिली. डीडी ने ऐसा कुछ कभी बेचा ही नहीं था. इसलिए उन्हें पता ही नहीं था कि इसकी कितनी क़ीमत रखें. फिर भी उन्होंने मदद की पूरी इच्छा जताते हुए माथुर से कहा,
'एक मैच का 10 हजार डॉलर तो मांग ही लो.'
यहां से आगे बढ़ माथुर पहुंचे BCCI सेक्रेटरी जगमोहन डालमिया के पास. उन्हें भी इसका आइडिया नहीं था. लेकिन उन्होंने कहा,
'कम से कम 20 हजार डॉलर तो मांगो ही.'
माथुर ने दो विचारों की सुनी और फिर की अपने मन की. उन्होंने बाकर से कहा,
'आप अपना ऑफ़र बोलो, हम विचार करेंगे.'
अली ने तुरंत ही जवाब में तीन मैच के 90 हजार डॉलर ऑफ़र किए. लेकिन माथुर ने इस पर हां नहीं की. उनकी हिचकिचाहट देख बाकर ने ऑफ़र बढ़ाते हुए 120,000 डॉलर कर दिया. ये ऑफ़र तुरंत स्वीकार हुआ. और इस तरह भारत ने पहली बार अपने मैचेज़ के राइट्स बेचे.
और फिर दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुए वनडे मैच के दौरान बाकर ने BCCI प्रेसिडेंट सिंधिया को 'इतनी बड़ी धनराशि' का चेक़ सौंपा. अरे हां, इंटरनेट के मुताबिक इस रक़म को रुपयों में बदलेंगे तो कांटा 31 लाख के पार कहीं जाकर रुकेगा. यानी BCCI ने एक मैच के लिए 10 लाख से ज्यादा रुपये कमाए.
ये क़िस्सा हमने आपको सुनाया अमृत माथुर की किताब ‘पिचसाइड’ से.
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