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बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री PM मोदी को लौटाया, भावुक पत्र में क्या-क्या लिखा?

बृजभूषण शरण सिंह के करीबी के WFI का अध्यक्ष बनने के विरोध में बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री को वापस लौटाने का ऐलान किया है.

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बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खत जारी किया है. (फाइल फोटो: PTI)

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह  के करीबी संजय सिंह को भारतीय कुश्ती संघ (WFI) का अध्यक्ष बनाए जाने से देश के कई पहलवान नाराज़ हैं. इसके विरोध में पहलवान बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस करने का ऐलान किया है. इसके साथ ही बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खत जारी किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, “महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं 'सम्मानित' बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाऊंगा. इसलिए ये ‘सम्मान’ मैं आपको लौटा रहा हूं.”

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21 दिसंबर को WFI के अध्यक्ष और बाकी पदाधिकारियों का चुनाव था. इसमें संजय सिंह को WFI का अध्यक्ष चुना गया. संजय सिंह के बृजभूषण शरण सिंह से घनिष्ठ संबंध हैं. इतने कि वो बृजभूषण को अपना भाई बता चुके हैं. संजय सिंह को WFI अध्यक्ष चुने जाने पर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई पहलवानों ने नाराजगी जताई थी. इसके विरोध में साक्षी मलिक ने कल ही यानी 21 दिसंबर को संन्यास का ऐलान कर दिया था. अब बजरंग पूनिया ने अपना ‘पद्मश्री’ लौटाने का ऐलान किया है. 

उन्होंने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी है. बजरंग पूनिया ने ट्वीट किया,

"मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरा स्टेटमेंट है."

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम खत में बजरंग पूनिया ने लिखा,

"बीती 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया है. उसने स्टेटमेंट दी कि 'दबादबा है और दबदबा रहेगा'. महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था. इसी मानसिक दबाब में आकर ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया."

दरअसल, 21 दिसंबर को संजय सिंह के WFI का अध्यक्ष चुने जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह और साथ में उनके खेमे के अन्य लोगों ने ‘दबदबा है, दबदबा रहेगा’ का नारा लगाया. बृजभूषण शरण सिंह के समर्थक ऐसे ही पोस्टर लहराते नज़र आए थे.

बजरंग पूनिया ने अपने खत में आगे लिखा,

“हम सभी की रात रोते हुए निकली. समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं, क्या करें और कैसे जीएं. साल 2019 में मुझे पद्मश्री से नवाजा गया. खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. जब ये सम्मान मिले तो मैं बहुत खुश हुआ. लगा था कि जीवन में सफल हो गया. लेकिन आज उससे कहीं ज्यादा दुःखी हूं और ये सम्मान मुझे कचोट रहे हैं. कारण सिर्फ एक ही है, जिस कुश्ती के लिए ये सम्मान मिले उसमें हमारी साथी महिला पहलवानों को अपनी सुरक्षा के लिए कुश्ती तक छोड़नी पड़ रही है.”

इस खत के आखिर में बजरंग पूनिया ने लिखा कि वो उनको दिया गया ‘सम्मान’ लौटा रहे हैं.

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