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साउथ अफ्रीका तो वर्ल्डकप से बाहर हुई थी, अफगान टीम ये जानती तो कभी बाहर ना होती!

Asia Cup में बड़ी गलती कर बाहर हुई अफगानिस्तान टीम से पहले साउथ अफ्रीका ने और बड़ा कांड किया था...

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साउथ अफ्रीका भी गणित की एक मामूली गलती का खामियाजा भुगत चुकी है (Twitter/AP)

291 रन का टारगेट था. 37 ओवर में 8 विकेट खोकर 289 रन बना लिए. बावजूद इसके अफगानिस्तान (Afghanistan) टीम मैच 2 रन से हार गई. और टीम को एशिया कप (Asia Cup) से अपना बोरिया-बिस्तर समेटना पड़ गया. इस हार में गलती जितनी टीम के खिलाड़ियों की थी, उससे कहीं ज्यादा टीम मैनेजमेंट की थी. जिसने रन रेट का सही कैलकुलेशन मैदान पर मौजूद खिलाड़ियों को नहीं बताया. और ऐसे में जल्दबाजी करने का खामियाजा पूरी टीम को उठाना पड़ गया.

दरअसल अफगानिस्तान की टीम बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला मैच बड़े अंतर से हार चुकी थी. ऐसे में टीम को सुपर-4 में पहुंचने के लिए श्रीलंका के खिलाफ अच्छे अंतर से जीत हासिल करनी थी. मैच में श्रीलंका ने 8 विकेट खोकर 291 रन बनाए. ऐसे में अफगानिस्तान के लिए इक्वेशन ये था कि वो इस लक्ष्य को 37.1 ओवर तक हासिल कर ले. जैसे हमने शुरुआत में बताया कि टीम 37 ओवर में 8 विकेट खोकर 289 रन तक बना चुकी थी. प्लेयर्स को जो बताया गया था उसके मुताबिक अगली गेंद पर तीन रन बनाने थे. और इसी चक्कर में मुजीब उर रहमान आउट हो गए. 

मगर 37.1 ओवर के बाद भी अफगानिस्तान के पास मैच जीतने के साथ क्वॉलीफाई करने के मौके थे. ये बात टीम के कोच जोनाथन ट्रॉट को भी नहीं पता थी. और यही टीम के एशिया कप से बाहर होने की वजह बनी. 
 

हालांकि ये पहला मौका नहीं है जब एक मिस कैलकुलेशन का खामियाजा पूरी टीम को उठाना पड़ा हो. मार्क बाउचर से हुई ठीक ऐसी ही एक गलती साउथ अफ्रीका को एक बार वर्ल्ड कप से बाहर करवा चुकी है. कब था वो मैच और क्या हुआ था उस मैच में? आइये बताते हैं.

वर्ल्ड कप से बाहर हुई साउथ अफ्रीका

तारीख 3 मार्च 2003. जगह डरबन का मैदान. वर्ल्ड कप के बेहद अहम मुकाबले में साउथ अफ्रीका के सामने श्रीलंकन टीम थी. Pool B में साउथ अफ्रीकन टीम वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड से मैच हार चुकी थी. होस्ट नेशन और टूर्नामेंट की फेवरेट टीम पर वर्ल्ड कप से बाहर होने का खतरा मंडरा रहा था. और इससे बचने का सिर्फ और सिर्फ एक उपाय था, श्रीलंका के खिलाफ जीत.

मैच में श्रीलंका के कप्तान सनत जयसूर्या ने टॉस जीता और पहले बैटिंग करने का फैसला किया. अट्टापट्टू के 124 और अरविंद डी सिल्वा के 73 रन की पारी के बदौलत श्रीलंका ने 268 रन बनाए.

साउथ अफ्रीका के बैटिंग लाइन अप को देखते हुए ये टारगेट ज्यादा मुश्किल नहीं लग रहा था. पर दिक्कत डरबन में फ्लड लाइट्स के नीचे इसे अचीव करना था. ऊपर से आसमान पर मंडराते बादल और तेज हवा से बॉलर्स को मदद मिल रही थी. शुरुआत ठीक-ठाक रही. हर्शल गिब्स और ग्रीम स्मिथ ने पहले विकेट के लिए 65 रन जोड़े. 11.1 ओवर में. फिर टीम लड़खड़ा गई. 29वें ओवर में जब हर्शल गिब्स 73 रन बनाकर आउट हुए तो टीम का स्कोर 4 विकेट पर 149 रन हो गया. इसी स्कोर पर डिपनआर भी पवेलियन लौट गए.

डरबन के मैदान पर काले बादल घिर चुके थे. भयंकर बारिश का मौसम बन रहा था और ये बात साउथ अफ्रीकी टीम भी समझ गई थी कि पूरा मैच होना संभव नहीं है. डकवर्थ-लुईस नियम के तहत टारगेट में बदलाव का सामना करना पड़ सकता था. तब क्रीज पर मार्क बाउचर का साथ देने कप्तान शॉन पोलक आ चुके थे.

दोनों ने पारी को आगे बढ़ाना शुरू किया. आखिरी 10 ओवर बचे थे और उन्हें सात के औसत से रन बनाने थे. बारिश किसी भी पल हो सकती थी. ऐसे में साउथ अफ्रीका की परेशानी तब बढ़ गई जब पोलक रन आउट हो गए. टीम का स्कोर 6 विकेट पर 212 रन हो गया. साउथ अफ्रीका को 45 गेंदों पर 57 रन चाहिए थे. अब ये टारगेट अफ्रीका के लिए भारी साबित होने लगा. 

साउथ अफ्रीका को जीत के लिए जब 32 गेंदों पर 46 रन चाहिए थे, तभी बूंदा बांदी शुरू हो गई. घने बादल को देखते हुए मैच आगे होना संभव नहीं लग रहा था. मार्क बाउचर को पता चला कि 45 ओवर तक टीम 229 रन बना लेती है तो वो मैच जीत जाएगी. यानी अगली दो गेंद पर छह रन. बस फिर क्या था, बाउचर ने आगे बढ़कर मुरलीधरन की अगली गेंद को लॉन्ग ऑन के ऊपर से छक्के के लिए भेज दिया. साथ ही बाउचर ने हवा में अपना हाथ जोश में घुमाया. उन्होंने मैच जीतने टाइप सेलिब्रेशन किया. ओवर में एक गेंद बची हुई थी. ऐसे में मैच रुकने से मुरलीधरन ने वो गेंद डाली, जिसे बाउचर ने डिफेंड कर दिया. उन्होंने इस पर कोई रन नहीं लिया.

और यहीं खेल हो गया. असल में साउथ अफ्रीका को एक रन की और जरूरत थी. यानी 229 हुए थे, 230 चाहिए थे. ड्रेसिंग रूम से 12th मैन निकी बोए को मार्क बाउचर के पास भेजा गया था कि बताकर आएं कि एक रन और बनाना है. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बाउचर आखिरी गेंद खेल चुके थे. बारिश तेज हो गई. अंपायर्स ने कवर्स बुला लिए. उधर, ड्रेसिंग रूम से कप्तान शॉन पोलक का उदासी भरा चेहरा कैमरे के सामने आया. 

उनके पास कोई शब्द नहीं थे, इस वाकये की सफाई में. बारिश के चलते वापस मैच शुरू हो पाना नामुमकिन था और ऐसे में श्रीलंका एक रन से मैच जीत गई. साउथ अफ्रीका एक बार फिर वर्ल्ड कप से बाहर हो चुका थे. इस मैच के बाद शॉन पोलक से कप्तानी छीन ली गई और साउथ अफ्रीका के साथ लगा चोकर्स वाला टैग भी बरकरार रहा.

वीडियो: रोहित शर्मा की कप्तानी में विश्व कप 2023 टीम से इस खिलाड़ी के बाहर होने की कतई उम्मीद नहीं थी!