The Lallantop

क़िस्सा उस मैच का, जब पिच पर बहा ओपनर का खून और कप्तान धरने पर बैठ गया!

'शुक्र है मैं जिंदा तो हूं.'

post-main-image
अंशुमन गायकवाड़

जसप्रीत बुमराह वर्सेज़ ग्लैन मैक्सवेल. जेम्स एंडरसन वर्सेज़ विराट कोहली. सचिन तेंडुलकर वर्सेज़ ग्लैन मैकग्रा. विरेंदर सहवाग वर्सेज़ शोएब अख्तर. और माइकल होल्डिंग वर्सेज़ दुनिया के सभी बेस्ट बल्लेबाज. क्रिकेट में बल्लेबाज और गेंदबाज के की ये राइवलरीज़ काफी मशहूर हैं. और इसको सभी ने एन्जॉय किया है.

ऐसी राइवलरीज़ की एक खास बात होती है- इसमें बल्लेबाज सोचते हैं कि फलाना गेंदबाज ने इतना बवाल काट रखा है, इसको सबसे ज्यादा कूटूंगा. वहीं, तेज गेंदबाजों के दिमाग में चल रहा होता है कि जब तक बल्लेबाज के सर से खून ना निकले, तब तक छोडूंगा नहीं. और आज हम आपको एक ऐसा ही क़िस्सा सुनाने वाले हैं.

ये क़िस्सा इंडिया के वेस्टइंडीज़ के दौरे का है. और इस क़िस्से में कई सारे कैरेक्टर्स है. इन कैरेक्टर्स में टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे बिशन सिंह बेदी हैं, टीम इंडिया के ओपनर और इस क़िस्से के हीरो रहे अंशुमन गायकवाड़ हैं. और इनके साथ हैं बल्लेबाजों के सर फोड़ने वाले माइकल होल्डिंग. तो चलिए, अब इस क़िस्से को शुरू करते हैं.

# साल 1976ः इंडिया का वेस्ट इंडीज़ दौरा

साल 1976 में इंडियन टीम वेस्टइंडीज़ के दौरे पर गई थी. अपने टाइम के कल्ट गेंदबाज बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में इंडिया को वहां चार टेस्ट मैच खेलने थे. तीन टेस्ट मैच शांति से गुजर गए. पहला वेस्ट इंडीज़ ने जीता, दूसरा ड्रॉ हुआ और तीसरे में इंडिया ने वापसी की.

अब चौथा और आखिरी मुकाबला डिसाइडर था. दोनों टीम्स के लिए जीत जरूरी थी. और यहीं कटा बवाल. वेस्टइंडीज़ के अन्य गेंदबाजों के साथ मिलकर माइकल होल्डिंग ने इंडियन खिलाड़ियों पर बाउंसर बरसाए. गुस्से में आग बबूला हुए बिशन सिंह बेदी ने बल्लेबाजी करने से ही मना कर दिया. और मैदान पर मौजूद अंशुमन गायकवाड़ अकेले लड़ते रहे.

फोटो - बिशन सिंह बेदी 

अब आपको बड़ी पिक्चर दिखाते हैं. तो हुआ ऐसा था कि किंग्सटन के मैदान पर ये मैच हुआ था. वेस्टइंडीज़ ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी की. टीम इंडिया के लिए सुनील गावस्कार और उनके राइट हैंड मैन अंशुमन गायकवाड़ बल्लेबाजी के लिए उतरे.

दोनों ने टीम को शानदार शुरुआत दी. लंच तक दोनों खिलाड़ी एकदम जम गए. अब ये देखकर वेस्टइंडीज़ की टीम परेशान हो गई. लंच के बाद वो नई रणनीति के साथ उतरे. उन्होंने तय किया कि माइकल होल्डिंग और वेन डैनिएल (Wayne Daniel) अब एक ओवर में तीन बाउंसर डालेंगे. जिससे बल्लेबाज परेशानी में आए.

उनको बाउंसर से बचने के लिए झुकना पड़े, खुद को बचाना पड़े. वेस्टइंडीज़ के बोलर्स की तरफ से ये चलता रहा. और इंडियन बैटर्स भी इन गेंदबाजों को जवाब देते रहे. वो कोशिश करते रहे. बाद में इस पर बात करते हुए अंशुमन गायकवाड़ ने TOI के नितिन नायक को बताया था,

‘उनका एटिटयूड ऐसा था कि अगर हम इनको आउट नहीं कर सकते, तो इनको फोड़ देते है. वो एक ओवर में पांच बाउंसर फेंक रहे थे. और बीमर्स भी डाल रहे थे. वो खतरनाक था.’ 

दोनों तरफ से ऐसी घातक गेंदबाजी फेस करने के बावजूद गावस्कर और गायकवाड़ ने इंडिया को शानदार ओपनिंग स्टैंड दिया. दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 136 रन जोड़े थे. गावस्कर को होल्डिंग ने बोल्ड किया. इसके बाद मैदान पर आए मोहिंदर अमरनाथ भी इस गेंदबाजी अटैक के सामने गायकवाड़ के साथ लड़ते रहे.

मोहिंदर अमरनाथ ने 39 रन बनाए. गुंडप्पा विश्वनाथ ने आठ रन बनाए. और फिर गायकवाड़ के साथ दिलीप वेंगसरकर ने एक साझेदारी की. टीम इंडिया के विकेट्स गिरने के बाद भी वेस्टइंडीज़ के गेंदबाजों ने अपना प्लान नहीं बदला. वो अभी भी आग उगल रहे थे. और बल्लेबाजों के लिए मैदान पर टिकना मुश्किल कर रहे थे. 

फोटो - माइकल होल्डिंग 

माइकल होल्डिंग की गेंदबाजी पर अंशुमन गायकवाड़ ने कहा था,

‘मॉर्डन टेस्ट सेंटर को छोड़ दें तो सबीना पॉर्क किंग्सटन की साइट स्क्रिन छोटी है. और उससे भी खराब बात ये है कि कॉमेंट्री बॉक्स बिल्कुल उसके ऊपर है. और एकदम डार्क है. जब होल्डिंग राउंड द विकेट गेंदबाजी करते थे, तो आप उनकी गेंद को जल्दी नहीं पकड़ पाते थे. उनकी एक ऐसी ही डिलिवरी से मेरी बीच की उंगली टूट गई थी.

चोट के गुस्से में आकर, मैंने होल्डिंग की तरफ गलत इशारा कर दिया था. इससे वो और गुस्से में आ गए और उनकी अगली गेंद बिजली की तरह तेज थी, जिसको मैं देख नहीं पाया. और वो सीधा मेरे कान के पास आकर लगी. मेरा चश्मा टूटकर वहां फैल गया और उसके साथ ही फैला मेरा खून.’ 

माइकल होल्डिंग की ये डिलिविरी फेस करते ही 81 रन पर खेल रहे अंशुमन रिटायर्ड हर्ट होकर वापस ड्रेसिंग रूम पहुंच गए. वहां पर सबसे पहले गुंडप्पा विश्वनाथ के भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर दोस्त ने उन्हें अटेंड किया. और उन्होंने बताया कि शायद अंशुमन के शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग है. जिसके कारण उनको अस्पताल भर्ती करवाना पड़ेगा.

फोटो - अंशुमन गायकवाड़ 

जबकि वहीं खड़े वेस्टइंडीज़ के मेडिकल स्टाफ की सोच एकदम अलग थी. उनका कहना था कि अंशुमन एकदम फिट हैं. उनको वापस जाकर बल्लेबाजी करनी चाहिए. इस वाकये के बारे में बताते हुए अंशुमन ने बता था,

‘मैं ड्रेसिंग रूम में लकड़ी की बेंच पर बैठा था, जब वो लोग मेरा निरीक्षण कर रहे थे. और उन्होंने मुझे समझाया कि मुझे अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए. क्योंकि शायद मेरे शरीर में इंटरनल ब्लीडिंग है. उसी समय वेस्टइंडीज़ क्रिकेट बोर्ड (WICB) का मेडिकल स्टाफ भी वहां आ गया.

मेरा दर्द बढ़ाते हुए उन्होंने कहा ये तो हल्की सी चोट है. और मैं बल्लेबाजी करने के लिए फिट हूं. मेरे कानों से खून बह रहा था. और उन्होंने साफ तौर पर शराब पी रखी थी क्योंकि वो लंच का समय था. और विंडीज़ में लंच टाइम रम टाइम भी होता है.’

इन सबके बीच अपने खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव होता देख, टीम के कप्तान बिशन सिंह बेदी गुस्से में आ गए थे. प्रोटेस्ट के तौर पर उन्होंने बल्लेबाजी करने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद टीम ने 306 रन पर छह विकेट खोकर अपनी पारी को डिक्लेयर कर दिया.

इस हादसे में कान पर आई चोट पर अंशुमन ने कहा था,

‘मेरे कान की दो सर्जरी हुई हैं. मुझे अभी भी सुनने में परेशानी होती है. लेकिन कम से कम मैं जिंदा हूं.’

अंत में ये मैच वेस्टइंडीज़ ने 10 विकेट से जीता था. और अंशुमन गायकवाड़ का ये क़िस्सा हमने आपको उनके जन्मदिन पर सुनाया है.  

टी-20 वर्ल्ड कप के लिए तैयार टीम इंडिया की दिक्कतें फ़ैन्स ने खुलकर बताई हैं