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विनेश फोगाट होने के क्या मायने हैं, अभिनव बिंद्रा ने बता दिया

8 अगस्त को ओलंपिक पदक विजेता Abhinav Bindra ने एक तस्वीर पोस्ट की. Vinesh Phogat के साथ. उन्होंने कहा कि फोगाट योद्धा की सच्ची भावना का प्रतीक हैं.

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ओलंपिक शूटर अभिनव बिंद्रा और ओलंपियन विनेश फोगाट. (फ़ोटो - X)

बुधवार, 7 अगस्त को भारतीय पहलवान विनेश फोगाट महिला फ़्री-स्टाइल 50 किलो कुश्ती कॉम्पटीशन से बाहर हो गईं. मानक वज़न से 100 ग्राम ज़्यादा होने की वजह से उन्हें अयोग्य ठहरा दिया गया. इसके बाद, 8 अगस्त को ओलंपिक पदक विजेता अभिनव बिंद्रा फोगाट से पेरिस में मिले. उन्होंने कहा कि फोगाट योद्धा की सच्ची भावना का प्रतीक हैं.

अपनी और विनेश की फ़ोटो के साथ अभिनव ने X पर लिखा,

"ऐसा कहा जाता है कि खेल मानवीय इच्छाशक्ति का उत्सव है. अपने करियर में मैं कई बार इस सच से गुज़रा, मगर आज से पहले कभी इतना सच नहीं लगा. मैं अपने चारों ओर देखता हूं, तो मुझे दिखता है एक देश और उसके लोग, जो आपके अडिग संकल्प का जश्न मना रहे हैं... आप (विनेश फोगाट) एक योद्धा हैं - मैट पर और मैट से बाहर भी. आपके ज़रिए हम सीख रहे हैं कि हार के बावजूद अपने अंदर की लड़ाई को कभी न हारना, क्या मायने रखता है. आप योद्धा की सच्ची भावना का प्रतीक हैं.

हर जीत एक जैसी नहीं होती. कुछ कैबिनेट में रखी चमचमाती यादगार बन कर रह जाती हैं. लेकिन जो ज़्यादा मायने रखती हैं, वो हमारे बच्चों को बताई जाने वाली कहानियों में शामिल हो जाती हैं. और इस देश का हर बच्चा जानेगा कि आप एक चैंपियन हैं."

विनेश फोगाट महिला रेसलिंग के फ़ाइनल में पहुंच गई थीं. पूरे देश को इच्छा और ऐतबार सोने का था, लेकिन चांदी तो पक्का था ही. मगर फिर ख़बर आई कि फ़ाइनल से पहले जब उनका वज़न मापा गया, तो वो 100 ग्राम ज़्यादा आ गया. मात्र 100 ग्राम की वजह से करोड़ों दिल टूट गए. जो हो सकता था, विनेश और उनके सपोर्ट स्टाफ़ ने किया भी. रात भर सोई नहीं, न खाने का एक कौर खाया, न एक घूंट पानी पिया. मगर बॉडी में 100 ग्राम वजन रह गया.

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विनेश ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की. ख़बर के लिखे जाने तक वहां से कोई जवाब आया नहीं है. जवाब आने से पहले ही विनेश ने एक एलान कर दिया है. अपने इस्तीफ़े का एलान.

मां कुश्ती मेरे से जीत गई. मैं हार गई. माफ़ करना. आपका सपना, मेरी हिम्मत, सब टूट चुके हैं. इससे ज़्यादा ताक़त नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती. 2001-2024.

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विनेश फोगाट तीन बार की ओलंपियन हैं. एशियाई खेलों और कॉमनवेल्थ, दोनों में स्वर्ण पदक जीते हैं. ओलंपिक फ़ाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला होने का खिताब भी उन्हीं के नाम है.

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