शायद अब आपके लिए गेस करना आसान हो गया होगा कि इनमें से कौन सा वाला बल्लेबाज भारत के लिए सबसे तेज वनडे हाफ सेंचुरी लगा चुका है. लेकिन सर और मैडम, आपके अंदाजे गलत हैं. इनमें से कोई भी बल्लेबाज भारत के लिए वनडे में फास्टेस्ट हाफ सेंचुरी नहीं जमा पाया है.
ऐसा करने वाला एक गेंदबाज था. वह गेंदबाज जिसे बचपन में अगला सचिन तेंडुलकर बताया जाता था. वह गेंदबाज जो इंडियन टीम में कभी अपनी जगह पक्की नहीं कर पाया लेकिन उसका एक्शन सभी ने कम से कम एक बार कॉपी करने की कोशिश जरूर की. नहीं समझ पाए तो नाम बता ही देते हैं- बंदे का नाम है अजित आगरकर. वही आगरकर, जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इतनी बार ज़ीरो पर आउट हुआ कि लोग उसे बॉम्बे डक ही बुलाने लगे. जी हां. इसी अजित आगरकर ने जिम्बाब्वे के खिलाफ साल 2000 में सिर्फ 21 गेंदों में हाफ-सेंचुरी पूरी कर ली थी.
# बल्लेबाज जो बन गया गेंदबाज
दिसंबर 4 को आगरकर का जन्मदिन होता है. आगरकर ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत एक बैट्समैन के तौर पर की थी. मशहूर क्रिकेट गुरु रमाकांत आचरेकर के पास पहुंचने के बाद उन्होंने भी शिवाजी पार्क में प्रैक्टिस शुरू कर दी. जी हां, यह वही शिवाजी पार्क है जहां से सचिन तेंडुलकर निकले थे.शिवाजी पार्क में आने के बाद वह एक बल्लेबाज के रूप में डेवलप हुए. यहां उनकी पहचान एक ऐसे बल्लेबाज की थी जो थोड़ी-बहुत बोलिंग कर लेता है. कहावतें होती हैं ना कि फलाने ने उस मैच में तो अपने बल्ले से आग उगल दी. तो उस दौर में आगरकर बल्ले से सच में आग उगल रहे थे. अंडर-16 लेवल के मशहूर जाइल्स शील्ड क्रिकेट टूर्नामेंट में उन्होंने खूब रन मारे.

Ajit Agarkar, फाइल फोटो (India Today आर्काइव)
सिर्फ 15 साल के आगरकर अंडर-16 क्रिकेट में ट्रिपल-सेंचुरी जमा चुके थे और उनकी यह फॉर्म अंडर-19 क्रिकेट तक जारी रही. अंडर-19 हैरिस शील्ड टूर्नामेंट में आगरकर ने लगातार बड़े-बड़े स्कोर किए. लोग उन्हें अगला तेंडुलकर बताने लगे थे.
लेकिन तेंडुलकर और ब्रेडमैन तो बस एक ही हैं ना. तो वही हुआ, आगरकर दूसरे सचिन नहीं बन पाए, लेकिन हां इस दौरान उन्होंने ऐसी उपलब्धियां जरूर हासिल कर लीं कि वह पहले अजित आगरकर बन गए.
# रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाते आगरकर
अभी आगरकर अपना बल्ला लेकर मुंबई की टीम में एंट्री मार पाते कि उससे पहले ही लोगों ने उनका फोकस दूसरी तरफ मोड़ना शुरू कर दिया. लोगों ने आगरकर से कहा कि सिर्फ बैटिंग के जरिए तो मुंबई की टीम में एंट्री नहीं मिलेगी. बस फिर क्या था आगरकर ने बोलिंग पर काम करना शुरू किया और लक्ष्य बनाया एक बैटिंग ऑलराउंडर बनने का.एक बैट्समेन के रूप में भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के लिए खेलते हुए श्रीलंका अंडर-19 के खिलाफ सेंचुरी जड़ चुके आगरकर अपने बचपन में वर्ल्ड कप विनर भारतीय कप्तान कपिल देव, माइकल होल्डिंग और इयान बॉथम जैसे दिग्गजों जैसा बनना चाहते थे. और उनके बाद के करियर में उन्होंने अपने इस सपने को पूरा भी किया.
रिकॉर्ड बुक्स पलटें तो जिम्बाब्वे के खिलाफ जमाए गए उस पचासे के अलावा भी आगरकर के नाम कई रिकॉर्ड हैं. साल 1998 में डेब्यू करने वाले आगरकर ने सिर्फ 23 मैचों में 50 वनडे विकेट पूरे कर लिए थे. उस दौर में यह वर्ल्ड रिकॉर्ड था. बाद में अजंता मेंडिस ने सिर्फ 19 मैचों में 50 विकेट पूरे कर यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था.

Ajit Agarkar, फाइल फोटो (India Today आर्काइव)
# अंडररेटेड
अपने पूरे करियर में कई उतार-चढ़ाव से गुजरने वाले आगरकर कभी भी अपनी प्रतिभा के साथ न्याय नहीं कर पाए. लेकिन इस करियर में उन्होंने भारतीय क्रिकेट फैंस को सेलिब्रेशन के कई मौके जरूर दिए. फिर चाहे 2003 के TVS कप के फाइनल में अपनी स्लोअर यॉर्कर से एडम गिलक्रिस्ट को बोल्ड मारना हो या फिर 2003-04 की VB सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 6 विकेट्स.बोल और बैट दोनों से आगरकर ने इंडियन फैंस को कमाल के किस्से दिए हैं. साल 2002 में वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे नंबर पर आकर 95 रन बनाना... क्रिकेट के घर लॉर्ड्स में शतक मारना... हम लिखते जाएंगे और आपको हर एक पल याद आता रहेगा.
बस यही आगरकर के करियर की सबसे सटीक व्याख्या हो सकती है. अंडररेटेड लेकिन सभी को याद इंडियन पेसर, जो आज भी वनडे में सबसे ज्यादा विकेट्स लेने वाले भारतीयों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर है.
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