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चांद के भीतर आखिर ऐसा क्या है, जो अब 'शायरी-वायरी' लिखना तो बंद ही करना पड़ेगा?

Moon Inside: चांद से जुड़ी कुछ और जानकारी मसलन इसकी एवरेज डेंसिटी वगैरह को देखकर, रिसर्चर्स चांद के भीतर की संंरचना की कल्पना कर पा रहे हैं. जानते हैं कि चांद की सतह के भीतर क्या हो सकता है?

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चांद के आकार के महीने और सालों के बदलावों के साथ - गुरुत्वाकर्षण में होने वाले बदलावों का एनालिसिस किया गया (Image: PTI)

हमारी धरती (Earth) के भीतर है, पिघले हुए पत्थर. या कहें मोल्टेन लावा की परत. जिसमें मूवमेंट भी होता है. धरती की सतह के मूवमेंट और भूकंप वगैरह में भी इसका हाथ बताया जाता है. वहीं कुछ समय से चांद को लेकर भी ये चर्चा चल रही है. कि इसके भीतर भी ‘पिघली’ परत हो सकती है! यानी जिस प्रेमिका को देखकर लोग पिघल जाते हैं, और चांद की तुलना प्रियतम से कर बैठते हैं (What's inside moon), वो भीतर से खुद ‘पिघला’ हुआ है? 

Space में छपे एक लेख में बताया जा रहा है कि चांद के भीतर भी एक पिघली लेयर हो सकती है. जो इसके कोर और इसकी ठोस बाहरी सतह के बीच किसी सैंडविच की तरह हो सकती है. 

दरअसल, एडवान्सिंग अर्थ एंड स्पेस साइंसेज में छपी एक हालिया रिसर्च में ये बात कही जा रही है. इस रिसर्च में धरती और सूरज के गुरुत्वाकर्षण को लेकर चांद किस तरह रिस्पांड करता है. उसे देखकर अब इस हाइपोथिसिस या परिकल्पना को बल दिया जा रहा है कि चांद के भीतर मॉल्टेन लेयर हो सकती है. 

कैसे पता चला?

बताया जाता रहा है कि जिस तरह से धरती में गुरुत्वाकर्षण के चलते, समंदर में उतार चढ़ाव या ज्वार भाटा देखे जाते हैं, वैसा ही कुछ चांद भी ‘फील’ करता होगा! हालांकि, चांद पर हमारी धरती जैसे पानी तो है नहीं. इसलिए इसके आकार और गुरुत्वाकर्षण में बदलाव होने की बातें कही जा रही हैं. 

धरती में जिन ‘टाइडल फोर्सेज’ की वजह से सागर के पानी में बदलाव देेखे जाते हैं, वैसे ही चांद की भीतरी संरचना और इन ‘टाइडल फोर्स’ का संबंध समझने की कोशिश भी की जा रही है. ताकि ये अनुमान लगाया जा सके की चांद की भीतरी संरचना कैसी हो सकती है.

महीनों लगाकर पिछले कुछ प्रयास चांद में भी - चांद पर होने वाले ‘टाइडल बदलावों’ को समझने के प्रयास किए गए हैं. लेकिन इस नई रिसर्च में साल भर के डेटा को जुटाया गया है. और होने वाले बदलावों को समझने की कोशिश की गई है. 

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सैटेलाइट की मदद ली

ये डेटा नासा के सैटेलाइट बेस्ड - ग्रैविटी रिकवरी एंड इंटीरियर लैबॉर्टरी (GRAIL) मिशन के अंतर्गत जुटाया गया है. चांद के आकार के महीने और सालों के बदलावों के साथ - गुरुत्वाकर्षण में होने वाले बदलावों का एनॉलसिस किया गया.

साथ ही चांद से जुड़ी कुछ और जानकारी मसलन इसकी एवरेज डेंसिटी वगैरह को देखकर, रिसर्चर्स चांद के भीतर की संंरचना की कल्पना कर पा रहे हैं. 

हालांकि ये एक रिसर्च है इससे जुड़ी अभी और भी रिसर्चस की जा रही हैं. देखिए चांद के भीतर क्या निकलता है?

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