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जादू के खाने का इंतजाम! ये कंपनी रात के अंधेरे में धूप की डिलिवरी करने की बात कह रही है, वीडियो वायरल है

Social media पर एक पोस्ट viral है. जिसमें एक शख्स रात में सूरज की रोशनी ऑर्डर करता दिख रहा है. बताया जा रहा है कि अब आप रात में सूरज की रोशनी अपने घर मंगा सकेंगे (Sunlight Home delivery).

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कंपनी का नाम रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल है (Image: Social Media)

‘कोई मिल गया’ फिल्म तो आपको याद होगी. जिसमें एक रोहित होता है. और एक स्पेस से आया जादू होता है. जादू बाबू के साथ एक बड़ी समस्या थी. वह दूध-दही, पनीर-चीज़ पकौड़े, लाल चटनी के साथ समोसे (लिखते-लिखते मुंह में पानी ही आ गया) वगैरा नहीं खाता था. जादू खाता था- धूप. अब खाता था या फिर पीता था. या फिर सूंघता था, धूप का सेवन जादू कैसे करता था? ये तो वो ही जाने. लेकिन एक चीज, जो अब हमें जानने मिल रही है. वो है, जादू के लिए रात में खाने यानी धूप की होम डिलिवरी का इंतजाम अमेरिका की ये कंपनी कर रही है. जिसका वीडियो भी वायरल है. (viral sunlight delivery video)

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सरवा रोहित रातिया में आइस्क्रीम भकोसे पड़ा है, यहां मैं बिना धूप के मरा जा रहा (सप्रेम जादू)

सही पढ़ा आपने धूप की होम डिलिवरी, वो भी आधी रात के सन्नाटे में. हाल ही में इसी का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक शख्स रात के अंधेरे में फोन के साथ कुछ कर रहा है. फिर किसी ऐप में दो-चार बटन दबाते ही. आसमान में एक चमक दिखाई देती है. जिसके बाद तमराज किलविश का अंधेरा खत्म ही हो जाता है. शक्तिमान की कोई जरूरत ही नहीं. पहले वीडियो देखिए फिर आगे की बात करते है.


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कौन कर रहा है ये कारनामा?

वीडियो में एक नाम भी देखने मिलता है- रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल (Reflect Orbital). पता चलता है ये अमेरिका के कैलिफोर्निया की कंपनी है. जो सूरज की रोशनी बेचने की बात कहती है. तो क्या ये सच में धूप की होम डिलिवरी करने वाली कंपनी है?

कंपनी से जुड़े बेन नोवैक इस बारे में एक पोस्ट में बताते हैं. बकौल नोवैक,

वो अपने साथी के साथ मिलकर मिरर और सैटेलाइट की मदद से ऐसा सिस्टम बना रहे हैं. जिसकी मदद से हजारों सोलर फार्म को रात में सूरज की रोशनी बेची जा सके. 

वो सूरज की रोशनी की तुलना तेल से करते हैं. वही तेल जिसे सूंघकर अंकल सैम दुनिया में कहीं भी पहुंच जाया करते हैं. खैर ये वीडियो भी देख लीजिए फिर और बात करते हैं.

वो आगे लिखते हैं कि सोलर सेल्स शायद सबसे ज्यादा सस्ता जरिया होगा, जिससे बेहतरी से बिजली बनाई जा सकती है. इसमें कोई चलने वाला हिस्सा नहीं होता, इसकी कीमत कम है और इसका ऊर्जा सोर्स लगभग कभी ना खत्म होने वाला है. 

वो ये भी शेयर करते हैं कि कैसे साल 1976 के बाद से सोलर मॉड्यूल की कीमत करीब 99 फीसद तक कम हुई है. 

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 साल दर साल सोलर मॉड्यूल की कीमतें

तो फिर हमारे घरों में ज्यादतर ऊर्जा सोलर पावर से क्यों नहीं आ रही है?

जवाब आसान सा है सूरज पूरे दिन तो एक जगह पर नहीं रहता है. किसी सोलर फार्म या सोलर एनर्जी बनाने वाले प्लांट को सूरज की रोशनी एक लिमिटेड समय के लिए ही मिल पाती है. लेकिन क्या हो अगर ये धूप इन प्लांट्स पर चौबीसों घंटा रहे?

बकौल बेन अगर ऐसा होता है तो फिर हमें वैश्विक स्तर पर सस्ती ऊर्जा मिल पाएगी. 

पर रात में सूरज की रोशनी मिलेगी कैसे?

बेन के मुताबिक, अगर स्पेस में तैरते मिरर की मदद से सूरज की रोशनी को धरती के अंधेरे हिस्सों में रिफ्लेक्ट किया जाए, तो हमेशा एनर्जी मिल सकेगी. जैसे बचपन में दर्पण की मदद से हम एक जगह से धूप को रिफ्लेक्ट करके अंधेरे कमरे में पहुंचा दिया करते थे. वैसा ही कुछ मामला. 

बकौल बेन 31 अगस्त, 2023 को ‘रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल’ कंपनी ने धरती में हॉट एयर बलून की मदद से इसका टेस्ट पूरा किया था. और फिलहाल कंपनी अपना पहला सैटेलाइट डिजाइन कर रही है. 

कुल मिलाकर समझें तो कंपनी के ‘रॉबर्ट पिलान के मुताबिक’ ये स्पेस में कुछ सैटेलाइट छोड़ने की फिराक में हैं. जिनमें बड़े-बड़े मिरर लगे होंगे. अब सोशल मीडिया में जो घरों में धूप की होम डिलिवरी की बात है वो पता नहीं कब हो पाए, लेकिन अगर इनका प्लान सफल रहा, तो शायद दुनिया में सस्ती ऊर्जा का एक रास्ता जरूर निकल आए. लेकिन अभी तक ऐसा कुछ किया नहीं गया है. आसान शब्दों में कहें तो फिलहाल सूरज के रोशनी की होम डिलिवरी महज कॉन्सेप्ट तक ही सीमित है.

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