नामाक्वालैंड (Namaqualand) नाम का एक रेगिस्तान है. दक्षिण अफ्रीका के पास स्थित ये रेगिस्तान 50 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां कुछ बहुत बारिश भी हो जाती है. और यहां तापमान भी बाकी रेगिस्तानों जैसा ज्यादा गर्म नहीं रहता. पर ये भी यहां की दिलचस्प बात नहीं है. दरअसल, यहां दीमकों की ‘खास’ तरह की बांबियां मिलती हैं. जिनको स्थानीय लोग ह्यउवेल्टजीस (heuweltjies) कहते हैं. माने छोटी पहाड़ियां.
हजारों हजारों साल से बनी हुई हैं, दीमक की इन बांबियों की कहानी हर कोई पढ़ रहा है!
South Africa में खास तरह की दीमक की बांबियां पाई जाती हैं. अब बताया जा रहा है कि इनकी उम्र आदिमानवों के समय की है. और इनमें तब से दीमक अपना काम-काज कर रहे हैं.
द न्यूयार्क टाइम्स के मुताबिक, यहां का करीब 27 फीसद इलाका छोटी, रेतीली बांबियों से पटा है, जो कि सदर्न हार्वेस्टर टर्माइट (southern harvester termite) नाम के दीमकों का घर हैं. यही नहीं, ये बांबियां एक बड़े सिस्टम में बंटी रहती हैं. जिसमें चैंबर, टनल और अंडे सेने के घोसले सब रहते हैं. ये करीब 11 फुट नीचे तक फैले हो सकते हैं.
कितनी पुरानी हैं?साइंटिस्ट्स ने अब इनकी उम्र 30 हजार साल से भी ज्यादा बताई है. दरअसल, साइंस ऑफ द टोटल एनवायरमेंट में एक रिसर्च छपी है. जो बता रही है कि इन बांबियों की उम्र कुछ 34 हजार साल है. और यह अब तक दीमकों की एक्टिव कालोनियों में सबसे पुरानी बताई जा रही हैं.
क्योंकि पिछला रिकार्ड ब्राजील की एक बांबी के नाम था. जिसकी उम्र तीस हजार साल बताई जाती थी.
यानी होमो सेपियंस यानी हम इंसानों के आदिमानव पूर्वजों साथी निएंडरथल के समय से. बता दें कि माना जाता है कि खेती करना इंसानों ने कुछ 12,000 साल पहले शुरू किया था. कहें तो ये दीमकों की जिंदा बांबी तब से हैं, जब पहला बीज बोया गया होगा.
पहली बार तांबे का इस्तेमाल किया गया होगा. जब इंसान पत्थरों के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा होगा. तब भी ये दीमक अपना काम बराबर कर रहे होंगे.
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दरअसल, दीमक बेहतरीन इंजीनियर्स कहे जा सकते हैं. जो कि किसी इमारत जैसी संरचना बना सकते हैं. वो भी धूल, लार और मल का इस्तेमाल करके. और अपना घर मेनटेन रखने के लिए ये खुदाई, प्लास्टर और छत डालने वगैरह- सब काम करते हैं. ये सिर्फ रहने का घरौंधा नहीं बनाते हैं.
इसमें बाकायदा, एयर कंडीशनिंग का जुगाड़ भी करते हैं. ताकि बढ़िया हवा का फ्लो जमीन के भीतर बना रहे. और गर्मी से राहत मिलती रहे. वहीं ये सिक्योरिटी का भी इंतेजाम रखते हैं.
दरअसल सालों की एक्टिविटी के बदौलत, यहां कैल्साइट की हार्ड लेयर बन गई है. ये वही मिनरल है- जिससे चूना पत्थर बना होता है. और ये खुदाई करने वाले शिकारियों से बांबियों की सुरक्षा करते हैं.
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