गिरने के कारण एक व्यक्ति के घुटने में दर्द हुआ. दर्द ऐसा था कि उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करना पड़ा. एक्स-रे कराया गया तो किसी हड्डी के टूटने का पता नहीं चला. कहीं कोई सूजन या खून का बहाव भी नहीं दिखा. पर तभी डॉक्टरों को कुछ ऐसा पता चला, जो मेडिकल साइंस में बहुत ही कम हुआ है. मरीज ने बताया कि उसके प्राइवेट पार्ट में दर्द है. डॉक्टरों ने एक्स-रे को फिर से देखा और पाया कि व्यक्ति का पीनिस एक हड्डी (Penis turning to bone) की तरह बदलता जा रहा है.
शख्स का प्राइवेट पार्ट बन गया हड्डी, इनको हो रही समस्या, इलाज से डर रहे लोग
दुनिया के लिए ये दुर्लभ मामला जरूर है लेकिन असंभव नहीं है. मेडिकल रिकॉर्ड्स में अब तक इस तरह के 40 मामलों का दस्तावेज उपलब्ध है. डॉक्टरों ने इसे Penile Ossification का नाम दिया है.
दुनिया के लिए ये दुर्लभ मामला जरूर है लेकिन असंभव नहीं है. मेडिकल रिकॉर्ड्स में अब तक इस तरह के 40 मामलों के दस्तावेज उपलब्ध हैं. डॉक्टरों ने इसे पेनाइल ऑसिफिकेशन का नाम दिया है.
Penile Ossification होता क्यों है?सामान्य स्थिति में पुरुषों का निजी अंग मांसपेशियों से बना होता है, इसमें कोई हड्डी नहीं होती. लेकिन दुर्लभ स्थिति में लिंग के टिशू में कैल्शियम का प्रवाह होने लगता है. और जब इसकी मात्रा बढ़ती है तो फिर ये हड्डी की तरह बनने लगता है. इसी स्थिति को पेनाइल ऑसिफिकेशन कहते हैं.
अक्सर इस स्थिति को पेरोनी बीमारी (Peyronie's disease) से जोड़ा जाता है. इस केस में भी डॉक्टरों ने माना कि ऐसा हो सकता है कि इसी बीमारी के कारण व्यक्ति का निजी अंग हड्डी की तरह बन रहा है. पेरोनी के कारण पीनिस के टिशू में सूजन हो जाती है, और लंबे समय के बाद ये एक स्कार टिशू (Scar Tissue) में बदल जाता है.
स्कार टिशू, उस टिशू को कहते हैं जो किसी चोट, बीमारी या सर्जरी के कारण किसी नॉर्मल टिशू के खराब होने से बनता है. शरीर अपने आप ही अपना उपचार करने की कोशिश करता है. स्कार टिशू का बनना भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा है. पेरोनी किसी भी पुरुष को प्रभावित कर सकता है. अधिकतर मामलों में देखा गया है कि 40 से 70 साल की उम्र के लोगों में ये समस्या पाई जाती है.
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन या दर्दनाक इरेक्शन की समस्या हो सकती है. और इसके कारण प्राइवेट के आकार में भी बदलाव आता है. ये इस पर निर्भर करता है कि स्कार टिशू किस जगह पर बना है और फिर उसी हिसाब निजी अंग के आकार में बदलाव होता है.
लगभग 60 साल के जिस व्यक्ति की बात हमने शुरू में की थी, उसके केस में डॉक्टरों को पेरोनी तो एक कारण लगा ही, साथ ही कई और कारणों की भी संभावना जताई गई. इसमें आखिरी स्टेज में चल रही किडनी की बीमारी, पाचन संबंधी दिक्कतें, प्राइवेट पार्ट में कोई पुराना सूजन या चोट शामिल है.
आमतौर पर पेनाइल ऑसिफिकेशन से होने वाले दर्द के लिए इंजेक्शन या पेनकिलर दिया जाता है. कैल्शियम की मात्रा को खत्म करने के लिए शॉक-वेव थेरेपी दी जाती है. इसमें ध्वनि तरंगों के इस्तेमाल से कैल्शियम के जमाव को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ दिया जाता है.
उस व्यक्ति को भी इस तरह के उपचार लेने को कहा गया. लेकिन डॉक्टरों की सलाह के खिलाफ उसने इलाज से मना कर दिया. इसके बाद आगे की जांच नहीं हो सकी. इस पूरे मामले पर अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में रिसर्च की गई है. प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए रिपोर्ट्स और रिसर्च पेपर्स में मरीज की पहचान का जिक्र नहीं किया गया है.
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