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12 साल के लड़के ने बना दिया छोटा सा न्यूक्लियर रिएक्टर, खुफिया एजेंन्ट्स घर पहुंच गए

Jackson Oswalt ने अपने बेडरूम में ही Nuclear Fusion Reactor बना लिया. लेकिन क्या ये इतनी बड़ी बात थी कि उनके दरवाजे पर खुफिया एजेंसी को आना पड़ा? आइए जानते हैं पूरा मामला.

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जैक्सन ने अपने कमरे में न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर बना लिया. (तस्वीर: X)

12 साल के एक लड़के ने अपने कमरे में न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर (Boy made nuclear reactor) बना लिया. इस बात को लड़के ने सोशल मीडिया पर शेयर किया. फिर क्या था, बात फैल गई. वाहवाही होने लगी. लेकिन एक रोज जब लड़का (Jackson Oswalt Nuclear Reactor) अपने उसी कमरे में सो रहा था, तो उसे दो लोगों ने जगाया. नींद खुली तो उसने अपने सामने खुफिया एजेंसी के दो एजेंट्स को देखा.

अमेरिका में एक स्टेट है टेनेसी. यहीं के मेम्फिस शहर के रहने वाले हैं, जैक्सन ओसवाल्ट. जैक्सन में खुद को साबित करने का एक अलग ही जुनून था. इसलिए उन्होंने अपने बेडरूम में ही न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर बनाना शुरू किया. लेकिन क्या ये इतनी बड़ी बात थी कि उनके दरवाजे पर FBI को आना पड़ा? आगे बढ़ने से पहले जानते हैं कि ये होता क्या है?

Nuclear Fusion Reactor होता क्या है?

जब दो हल्के परमाणु (जैसे हाइड्रोजन के) आपस में टकराकर एक भारी परमाणु बनाते हैं, तो इस प्रक्रिया को न्यूक्लियर फ्यूजन कहते हैं. इस टक्कर में बहुत ज्यादा ऊर्जा निकलती है. ये वही प्रक्रिया है जो सूरज और तारों में होती है. इसलिए सूरज दिन-रात इतनी रोशनी और गर्मी देता है. न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर का इस्तेमाल इसी प्रोसेस में किया जाता है. ये रिएक्टर दो हल्के परमाणुओं को बहुत ज्यादा गर्म और तेज करके एक साथ जोड़ता है. और जब ऐसा होता है तो एक नया और भारी परमाणु बनता है. इससे बहुत ज्यादा गर्मी या ऊर्जा निकलती है. 

Jackson Oswalt
रिएक्टर बनाते जैक्सन. (तस्वीर: X)

रिएक्टर के बन जाने के बावजूद अब भी दुनिया को इसका कुछ खास फायदा नहीं हुआ है. क्योंकि अब तक फ्यूजन पावर प्लांट लगाने में सफलता नहीं मिली है. यानी कि इस रिएक्टर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने जैसी स्थिति नहीं बन पाई है. क्योंकि प्लांट को चलाने के लिए बहुत ज्यादा तापमान चाहिए, सूरज के कोर से भी ज्यादा! और इतने गर्म प्लाज्मा (गैस) को कंट्रोल में रखना बहुत मुश्किल है. 

दुनियाभर के वैज्ञानिक इस प्रयास में लगे हैं कि फ्यूजन पावर प्लांट लग सकें. अगर ऐसा होता है तो दुनिया को कभी खत्म न होने वाली बिजली या उर्जा मिल सकती है. जाहिर है इस प्रक्रिया में अगर छोटी सी सफलता भी मिलती है, तो ये एक बड़ा कदम होगा. जैसा कि जैक्सन के लिए हुआ.

Jackson Oswalt के साथ क्या हुआ?

जैक्सन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उनके 13वें जन्मदिन के ठीक पहले उनको इसमें सफलता मिल गई. उन्होंने बताया कि जब वो 11 साल के थे, तब उनकी नजर टेलर विल्सन के ‘TED Talk’ पर पड़ी थी. इसमें उन्होंने देखा कि टेलर ने 2008 में 14 साल की उम्र में ही कंट्रोल्ड न्यूक्लियर फ्यूजन बना लिया था. जैक्शन ने लिखा,

मुझे ये भरोसा हो गया कि कोई इतना छोटा बच्चा भी इतना पागलपन भरा काम कर सकता है. मैंने तय कर लिया कि मैं भी ऐसा ही करूंगा.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

जैक्सन ने अपने मां-बाप से पैसे लिए. जरूरी सामान खरीदे. और फिर एक साल से ज्यादा समय तक मेहनत की. उनको सफलता मिल ही गई. ये बात तेजी से फैली. और इस तरह वो पहुंच गए, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में. वो दुनिया के सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने, जिनको फ्यूजन में सफलता मिली. इसके बाद वो मीडिया की सुर्खियों में भी छा गए. 

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FBI वाले क्यों पहुंचे?

जैक्शन लिखते हैं कि एक शनिवार को जब वो सो रहे थे, तो उन्हें दो FBI एजेंट्स ने जगाया. उनके पास एक मशीन थी जिसे गीगर काउंटर कहते हैं. इसका इस्तेमाल रेडिएशन का पता लगाने के लिए किया जाता है. यानी कि रेडियोएक्टिव चीजों से निकलने वाली खतरनाक उर्जा का पता लगाना. आसान भाषा में, FBI एजेंट्स ये पता करने आए थे कि जैक्शन के घर में सब ठीक तो है. कहीं फ्यूजन की वजह से वहां कोई खतरनाक उर्जा/गैस तो नहीं है. अंत में सब ठीक रहा. FBI वाले अपनी जांच करके चले गए.

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