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जमीन के नीचे हो रही हलचल! दो हिस्सों में फट सकती है भारत की धरती?

American Geophysical Union द्वारा प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक Indian Tectonic Plates दो हिस्सों में टूट रही है. इसका एक हिस्सा धरती के Core में धंस रहा है.

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भारतीय प्लेट दो हिस्सों में टूट रही है (PHOTO-AI)

हमारी धरती का मौजूदा नक्शा बदल सकता है. आप कहेंगे, क्यों भई, कोई नया देश बन रहा है या कोई देश किसी पर कब्जा कर रहा है? लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है. दुनिया का राजनीतिक नक्शा नहीं बल्कि भौगोलिक नक्शा ही बदल सकता है. आसान भाषा में कहें तो धरती पे मौजूद जमीनी हिस्से को एक नया आकार मिल सकता है. ये खुलासा हुआ है एक रिसर्च में. इस रिसर्च में बताया गया है कि भारत के नीचे मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट दो हिस्सों में टूट (Indian Tectonic Plates Splitting into Two) रही है. अगर ऐसा जारी रहा तो भारत समेत पूरे एशिया का भौगोलिक नक्शा हमेशा के लिए बदल जाएगा.

क्या कहती है रिसर्च?

अमेरिका में एक संस्था है. नाम है अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन (American Geophysical Union). इस संस्थान के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में खुलासा किया है कि भारत के नीचे मौजूद टेक्टॉनिक प्लेट दो हिस्सों में टूट रही है. इसका एक हिस्सा टूटकर धरती के तल यानी कोर में समा सकता है. धरती कुल 7 टेक्टॉनिक प्लेट्स के ऊपर टिकी है. इन्हीं प्लेट्स के आपस में टकराने से धरती के नीचे घर्षण (Friction) होता है जिससे भूकंप जैसी घटना होती है.

Layers of the planet earth and the core Ai generated art | Premium AI-generated  image
धरती के कोर में लावा है (PHOTO- Freepik AI)

रिसर्च में बताया गया है कि भारत जिस प्लेट के ऊपर है, उसका एक हिस्सा टूट सकता है. इसके टूटने से भारतीय प्लेट कोर में समा जाएगी. स्टडी कहती है कि लगभग 60 मिलियन सालों से भारतीय प्लेट, यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है. यूरोप और एशिया की सीमा पर मौजूद प्लेट को यूरेशियन प्लेट कहा जाता है. इस टकराव की वजह से भारतीय प्लेट एक ऐसी प्रक्रिया से गुजर रही है जिसे डिलैमिनेशन (Delamination) कहा जाता है. इस प्रक्रिया में प्लेट का वो हिस्सा जिसका घनत्व (Density) अधिक है, वो धरती के अंदर धंस रहा है. यही वजह है कि इंडियन प्लेट में दरार पड़ रही है.

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धरती का हिस्सा धंसने से भूगोल हमेशा के लिए बदल सकता है (PHOTO- Freepik AI)

रिसर्च के मुताबिक डिलैमिनेशन की वजह से प्लेट की स्थिरता पर असर पड़ रहा है. इससे उस जगह जहां ये प्लेट खिसक रही है, वहां भूकंप का खतरा बढ़ जाता है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में जियोफिजिसिस्ट साइमन क्लेम्परर बताते हैं कि हिमालय के इलाकों में टेक्टॉनिक प्लेट्स पर काफी दबाव बना रहता है. इससे प्लेट्स में दरारें पड़ने का खतरा होता है जो भूकंप का कारण बनता है. फिलहाल जो घटना हो रही है, उसकी वजह से कोई विनाशकारी भूकंप आ सकता है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि प्लेट के दो हिस्सों में टूटने की यह शुरुआती प्रक्रिया है. इसपर अभी और शोध की करने की जरूरत है. लेकिन फिलहाल जो संकेत मिले हैं, वो इसी ओर इशारा करते हैं कि धरती का नक्शा बदल सकता है.

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