Wisdom Teeth यानी अक्ल दाढ़. ये जबड़े के आखिरी चार दांत होते हैं. दो ऊपर और दो नीचे. अब जिनकी भी अक्ल दाढ़ निकल चुकी है, उन्हें पता है इसमें कितना दर्द होता है. मुंह सूज जाता है. मुंह खोलने में जान निकलती है. खाना नहीं खाया जाता. मसूड़ों में सूजन आ जाती है. बुखार भी आ जाता है. कुछ लोगों में तो वक़्त के साथ दर्द चला जाता है और दाढ़ निकल आती है. लेकिन, कुछ लोगों में मामला थोड़ा गड़बड़ा जाता है. या तो अक्ल दाढ़ टेढ़ी निकलती है. या अटक जाती है. जिसकी वजह से और दिक्कतें होने लगती हैं. ऐसे में डॉक्टर अक्ल दाढ़ निकलवाने की सलाह देते हैं.
अक्ल की दाढ़ लेट क्यों आती है? इसे निकलवाना अक्लमंदी है या नहीं?
Wisdom Teeth जबड़े के आखिरी चार दांत होते हैं. दो ऊपर और दो नीचे. कई लोग तमाम परेशानियां झेलने के बाद भी अक्ल दाढ़ निकलवाने से परहेज़ करते हैं. उनको डर होता है कि कहीं समस्या बढ़ न जाए, आगे जाकर कैविटी न हो. ऐसे में आज डॉक्टर से जानिए कि अक्ल दाढ़ आखिर इतना लेट क्यों निकलती है? क्या अक्ल दाढ़ निकलवानी चाहिए?
अब कई लोग तमाम परेशानियां झेलने के बाद भी अक्ल दाढ़ निकलवाने से परहेज़ करते हैं. उनको डर होता है कि कहीं समस्या बढ़ न जाए, आगे जाकर कैविटी न हो. ऐसे में आज डॉक्टर से जानिए कि अक्ल दाढ़ आखिर इतना लेट क्यों निकलती है? क्या अक्ल दाढ़ निकलवानी चाहिए? अगर अक्ल दाढ़ निकलवा रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अक्ल दाढ़ इतना लेट क्यों निकलती है?
ये हमें बताया डॉ. भूमिका मदान ने.
ज़्यादातर लोगों में अक्ल दाढ़ 18 से 25 साल की उम्र में निकलती है. ये हमारे मुंह में निकलने वाला आखिरी दांत होता है. हर व्यक्ति के मुंह में चार अक्ल दाढ़ होती हैं. दो ऊपर और दो नीचे की तरफ. कुछ लोगों में चारों अक्ल दाढ़ें निकलती हैं. वहीं किसी-किसी में एक, दो या तीन निकलती हैं. यानी हर किसी में अक्ल दाढ़ का हिसाब अलग होता है.
अक्ल दाढ़ सबसे आखिर में निकलती है. इसके निकलने से पहले ज़्यादातर दांत निकल चुके होते हैं. जब इसके निकलने का समय आता है, उस समय अगर जबड़े का आकार ठीक है तो अक्ल दाढ़ सीधी निकलती है. वरना करीब 85 फीसदी मामलों में अक्ल दाढ़ या तो निकल नहीं पाती या फिर आधी निकलती है.
क्या अक्ल दाढ़ निकलवानी चाहिए?
अगर अक्ल दाढ़ से आपको परेशानी हो रही है तो उसे बिल्कुल निकलवाएं. ज़्यादातर मामलों में अगर अक्ल दाढ़ नहीं आई है तो कोई दिक्कत की बात नहीं है. हालांकि हर कुछ सालों में पूरे मुंह का एक्स-रे कराने की सलाह दी जाती है. ये देखने के लिए कि अगर अक्ल दाढ़ मुंह की हड्डी में निकली हुई है तो कोई समस्या तो नहीं होगी या फिर हड्डी में कोई गांठ तो नहीं बन रही. अगर अक्ल दाढ़ सीधी निकली होगी तो कोई परेशानी नहीं आएगी. आपको बस अपने दांतों की सफाई रखनी है.
ध्यान रखें कि आपका टूथब्रश आखिरी दांत तक पहुंचे और सफाई करे. अगर अक्ल दाढ़ ठीक से नहीं आई है, थोड़ी आई है या फिर मसूड़े में छिपी है. तब ऐसे मामलों में ये दाढ़ बार-बार परेशान करती है और इसे ज़रूर निकलवाना चाहिए. अगर दांत टेढ़ा है तो अक्ल दाढ़ और उसके बगल वाले दांत में खाना फंसना शुरू हो जाता है जिससे अक्सर बगल वाला दांत खराब हो जाता है. तब हमें दाढ़ निकलवानी ही पड़ती है.
टिप्स
- जब कोई व्यक्ति 18 से 20 साल की उम्र में हो तो उसे एक रूटीन ओपीजी (ऑर्थोपेंटोमाग्राम) कराना चाहिए.
- यह पूरे मुंह का एक्सरे होता है.
- इसमें अक्ल दाढ़ की जांच होती है और हर कुछ समय में फॉलोअप भी होता है.
- जो समस्याएं किसी दांत को निकलवाने में आती हैं, वहीं अक्ल दाढ़ को निकलवाते वक्त भी आती हैं.
- जैसे दर्द हो सकता है या सूजन आ सकती है.
- लेकिन इसे दवाइयों से ठीक भी किया जा सकता है.
- नीचे वाली अक्ल दाढ़ के करीब एक नस भी होती है.
- जब भी अक्ल दाढ़ निकलवाएं तो ये ध्यान रखें कि उस नस को नुकसान न पहुंचे.
- आपके डेंटिस्ट या सर्जन इस बात का ध्यान रखेंगे.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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