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चिलचिलाती गर्मी के बीच घर में घुसते ही AC-कूलर चलाते हैं तो ये जानकारी आप ही के लिए है

गर्मियों में कई बार चिलचिलाती धूप से आकर हम फ्रिज का ठंडा पानी पीने लगते हैं. कूलर या एसी के सामने खड़े हो जाते हैं. ऐसा न करें. इससे आपको सर्द-गर्म हो सकता है.

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गर्मियों में बाहर से आकर तुरंत ठंडा पानी पीने से ठंडा/गर्म हो सकता है

चिलचिलाती गर्मी. धूप. घंटों इस मौसम में बाहर रहने के बाद, पसीने से लथ-पथ आप घर पहुंचते हैं. और घर में घुसते ही सबसे पहला काम आपने क्या किया. AC या कूलर चालू किया. और पसीना सुखाने के लिए उसके सामने खड़े हो गए. फिर फ्रिज खोला और ठंडा-ठंडा पानी गटक लिया. वाह! बड़ा सुकून मिला. पर अगले दिन ही आपका गला ख़राब हो गया. तबीयत नासाज़ हो गई. बुखार आ गया.

हर साल गर्मी में कम से कम एक बार तो ऐसा होता ही है. मम्मी लाख कहें, 'अरे! अभी गर्मी से आए हो, ठंडा पानी न पियो. ठंडा-गर्म बीमार कर देगा.' पर आप नहीं सुनते. पर मम्मी एकदम ठीक कहती हैं. ये आदत वाकई आपको बीमार करती है. और ये बहुत ही आम समस्या है. इसलिए आज डॉक्टर से जानेंगे कि गर्मियों में ठंडा-गर्म आपको बीमार क्यों कर देता है? AC से निकलकर तुरंत गर्मी में जाने से या तेज़ गर्मी से डायरेक्ट AC में आने के क्या नुकसान हैं. ऑफिस जाने वाले इस पर ख़ास ध्यान दें. डॉक्टर बताएंगे कि तेज़ गर्मी से आते ही ठंडा पानी या कोई ठंडी चीज़ पीने से क्या नुकसान होते हैं. साथ ही जानेंगे खुद को बचाने के तरीके.

गर्मियों में ठंडा-गर्म बीमार क्यों कर देता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अवि कुमार ने. 

डॉ. अवि कुमार, सीनियर कंसल्टेंट, पल्मोनोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, नई दिल्ली

गर्मियां बढ़ती जा रही हैं. हम बाहर निकलते हैं तो हमें प्यास लग जाती है तो फटाफट हम कुछ ठंडा पी लेते हैं. उससे हमारी प्यास तो बुझ जाती है. लेकिन, फिर क्या होता है? गले में खिच-खिच शुरू हो जाती है. गले में दर्द शुरू हो जाता है. जी मिचलाने लगता है. जुकाम शुरू हो जाता है. जल्द ही हम कहते हैं कि हमें गर्म-सर्द लग गया. कभी-कभी हम बाहर एकदम गर्मी से आते हैं. AC चालू कर लेते हैं. फिर हम देखते हैं कि रात में थोड़ी सुरसुरी-सी होने लग जाती है. गले में खिचखिच होने लगती है. ये सारे लक्षण गर्म-सर्द की वजह से दिखाई देते हैं. हमें गले में दिक्कत होनी शुरू हो जाती है. जी मिचलाता है. जुकाम हो जाता है. नाक बंद हो जाती है. 

जिन लोगों को दमे की दिक्कत होती है, उनकी सांस फूलने लगती है. आंखों में जलन शुरू हो जाती है. कानों में झनझनाहट शुरू हो जाती है. ये सारे लक्षण गर्म-सर्द में देखे जाते हैं. कभी गर्मी से आकर हमने ठंडा पानी पी लिया या हम सीधा AC में बैठ गए. इन चीज़ों से दिक्कतें हो जाती हैं. हमारे खून की नलियां सर्दियों में गर्मी को बनाए रखती हैं और जब गर्मियां होती हैं तो हीट छोड़ती हैं. ऐसे में हमारे शरीर को एक तापमान में खुद को ढालने में समय लगता है. जब कभी एकदम से तापमान बदलता है, तब शरीर में समस्या आने लगती है.

गर्मी में बाहर से आते ही पहले पंखा चलाएं, फिर एसी

इससे कैसे बच सकते हैं?

अगर ज़्यादा दिक्कत हो रही है तो एंटी-एलर्जिक दवाइयां ले सकते हैं क्योंकि ये समस्या आमतौर वायरस के कारण होती है. जैसे एंटेरोवायरस, राइनोवायरस. ये गर्मियों में ज़्यादातर लोगों को परेशान करते हैं. एंटी-एलर्जिक लेकर अपने लक्षणों को सामान्य कर सकते हैं. दूसरी चीज़, गर्मी से आकर एकदम से AC मत चलाइए. पहले पंखा चला लीजिए. फिर अपने AC को 24 से 26 डिग्री तक रखिए. बहुत ठंडा न हो कि आपको गर्म-सर्द होने का चांस रहे. 

तीसरी चीज़, जो लोग दवाई लेते हैं, जिनकी सांस की दवाइयां चल रही हैं. उनको अगर ये चीज़ें लग रही हैं तो आप नियमित रूप से अपनी दवाइयां लीजिए. चौथी चीज़, जिन लोगों को सांस में दिक्कत रहती है. दिल से जुड़ी या शुगर की दिक्कत रहती है. वो नियमित रूप से फ्लू की वैक्सीन लगवाते रहें. अगर वायरल इंफेक्शन से बचे रहेंगे तो ये दिक्कतें थोड़ी कम होगी. 

पांचवी चीज़, जब भी बाहर से आएं, अपने हाथ ज़रूर धोएं. जब भी बाहर का कुछ खाएं, सेनिटाइज़र का इस्तेमाल ज़रूर करें. भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाएं तो अपने मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस तरह हम इस मौसम में अपने आपको स्वस्थ रख सकते हैं और गर्म-सर्द से बचा सकते हैं.

ध्यान रखें कि जब भी आप गर्मी से आएं, तुरंत AC न चलाएं. कूलर के सामने न बैठें. और, फ्रिज़ का ठंडा पानी भी तुरंत न पिएं. थोड़ा रुक जाएं. शरीर के तापमान को नॉर्मल होने दीजिए. फिर थोड़ी देर बाद ही कूलर या AC ऑन करें. यही चीज़ आपको पानी के साथ भी करनी है. तेज धूप से आए हैं, और बहुत तेज़ प्यास लग रही है तो पहले सादा पानी पिएं. ठंडा पानी थोड़ी देर बाद ही पिएं. इससे आपको सर्द-गर्म से जुड़ी दिक्कत नहीं होगी. जुकाम-बुखार भी नहीं होगा और आपकी तबीयत सही रहेगी.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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