बच्चे के मुंह से पहली बार 'मम्मा' 'डाडा' सुनना मां-बाप के लिए एक बहुत ही स्पेशल मोमेंट होता है. फिर धीरे-धीरे बच्चा बोलना शुरू करता है. बता पाता है उसे भूख लगी है. दर्द हो रहा है. चिज्जी चाहिए. उसे अपनी बात समझाने के लिए शब्द मिल जाते हैं, लेकिन शुरुआत के कुछ हफ्ते बच्चा अपनी बात केवल रोकर ही समझा पाता है. भूख लगी, रोने लगा. अटेंशन चाहिए रोने लगा. दर्द हो रहा है, रोने लगा. यही उनका मोड ऑफ़ कम्यूनिकेशन होता है.
नवजात बच्चे जब रोते हैं तो उनके आंसू क्यों नहीं निकलते?
Newborn Babies चीखते और रोते तो बहुत हैं. लेकिन, उनके आंसू नहीं बहते. ऐसा क्यों है, आज जान लीजिए.
पर आपने कभी उनके रोने पर गौर किया है? नवजात बच्चे रोते तो हैं, लेकिन उनके आंसू नहीं निकलते. ऐसा क्यों होता है, ये हमें बताया डॉक्टर मो. तारिक ने.
डॉक्टर तारिक बताते हैं कि ऐसा लैक्रिमल ग्लैंड्स (lacrimal glands) की वजह से होता है. ग्लैंड्स यानी ग्रंथियां. दरअसल लैक्रिमल ग्लैंड्स में आंसू बनते हैं. ये ग्लैंड्स हमारी आंखों के साइड में होते हैं. ऊपर की तरफ. इनका साइज़ किसी बादाम जितना होता है. जब यहां से आंसू निकलते हैं तो वो आंख के ऊपर से होते हुए हमारे टीयर डक्ट में आ जाते हैं. और, फिर बहने लगते हैं. अब ये टीयर डक्ट कहां होते हैं? तो, ये हमारी आंख के किनारे होते हैं. अंदर की तरफ.
जब बच्चे छोटे होते हैं, खासकर एक से दो हफ्ते के तो उनमें लैक्रिमल ग्लैंड्स पूरी तरह विकसित नहीं होते. ये धीरे-धीरे विकसित होते हैं. लिहाज़ा सही से आंसू नहीं बनते. जब सही तरह आंसू बने नहीं, तो बहेंगे कैसे?
फिर जब बच्चा 2 हफ्ते का हो जाता है. तब लैक्रिमल ग्लैंड्स आंसू का प्रोडक्शन बढ़ा देते हैं. फिर भी ये आंसू इतने नहीं होते कि रोने पर आंख से बहने लगें. लेकिन, जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है. यानी एक से तीन महीने के बीच, तब तक लैक्रिमल ग्लैंड्स में ‘आंखों से बहने लायक’ आंसू बन जाते हैं. आमतौर पर एक महीने के बच्चे के आंसू निकलते हैं.
कई बार दो हफ्ते के बच्चे के भी थोड़े आंसू आ जाते हैं. इसकी वजह ये है कि उनके लैक्रिमल ग्लैंड्स पूरी तरह डेवलप हो गए हैं.
हालांकि कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी!
अगर बच्चे की आंखों में बिना रोए भी लगातार आंसू रहते हैं, तो हो सकता है कि उसके टीयर डक्ट ब्लॉक हो गए हैं. अगर आंखें लाल हो गई हैं, उनमें सूजन है, तो ऐसा आंख में किसी इंफेक्शन की वजह से हो सकता है. लिहाज़ा अगर ऐसा कोई लक्षण है, तो बच्चे को डॉक्टर के पास ज़रूर ले जाएं.
कभी-कभी ऐसा भी होता है कि कई महीनों तक बच्चे के आंसू नहीं आते. वैसे तो ये चिंता की बात नहीं है पर फिर भी आपको एक बार डॉक्टर से मिल लेना चाहिए. वहीं अगर बच्चे के पहले आंसू आ रहे थे, लेकिन, अब आना बंद हो गए हैं तो ऐसा डिहाइड्रेशन की वजह से हो सकता है. आपको बच्चे में कुछ और लक्षण भी दिखाई देंगे. जैसे उल्टी आना, डायरिया, दूध सही से न पीना. अगर ये लक्षण हैं, तो बच्चे को खूब फ्लूइड दें. उसे स्तनपान कराएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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