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बारिश में बदन दर्द होता है? किन लोगों को ज़्यादा ध्यान रखने की जरूरत है?

मानसून में कई लोगों को बदन दर्द और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है. ऐसे में कुछ लोगों को अपना खास ध्यान रखने की ज़रूरत है. डॉक्टर से इस बारे में आप सब कुछ जान लीजिए.

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बारिश में कई लोगों के जोड़े दर्द करने लगते हैं

सर्दियों में अक्सर लोगों का शरीर दर्द करने लगता है. घुटने दर्द करने लगते हैं. चला-फिरा नहीं जाता. हर वक्त थकान रहती है. लेकिन, कई बार ऐसा बारिश के मौसम में भी होने लगता है. कई लोगों के जोड़ दर्द देने लगते हैं. शरीर दुखने लगता है. अब ऐसा क्यों होता है? डॉक्टर से जानिए.

बारिश के मौसम में शरीर क्यों दुखने लगता है?

डॉक्टर अखिलेश यादव ने बताया.

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 डॉ. अखिलेश यादव, एसोसिएट डायरेक्टर, ऑर्थोपेडिक्स, मैक्स हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद

बारिश के मौसम में वातावरण में नमी बढ़ जाती है. तापमान बदलता है यानी गर्मी कम हो जाती है. हवा के दबाव में बदलाव आता है. बरसात के कारण लोगों की एक्टिविटी भी कम हो जाती है. इन सब वजहों से लोगों के जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना शुरू हो जाता है. 

किन लोगों को ज़्यादा ध्यान देने की जरूरत है?

जिन लोगों को इंफ्लेमेटरी अर्थराइटिस की दिक्कत है, उनमें ये परेशानी ज़्यादा दिखाई पड़ती है. ऐसे मरीज़ों के शरीर में दर्द होता है. जोड़ों में सूजन आ जाती है. इससे उनका चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है. इस मौसम में ऑस्टियोअर्थराइटिस के मरीज़ के जोड़ों में भी दर्द बढ़ जाता है.

वैसे सिर्फ़ अर्थराइटिस के मरीज़ ही नहीं, कई और लोगों को भी बारिश के मौसम में बदन दर्द की शिकायत होती है. ख़ासकर जिन लोगों को पहले फ्रैक्चर या मांसपेशियों में चोट लग चुकी है, उनके पुराने दर्द फिर उभर आते हैं. अगर दर्द बहुत ज़्यादा है तो ज़रूरी है आप डॉक्टर को दिखाएं. अगर उतना नहीं है, तो उस हिस्से को हवा से बचाकर रखें.

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अर्थराइटिस के मरीज़ों को बदन दर्द ज़्यादा रहता है

बचाव

अर्थराइटिस के मरीज़ अपनी दवाएं समय पर लेते रहें. रोज़ एक्सरसाइज़ करें. भले आप बारिश में बाहर नहीं निकल पा रहे हों, लेकिन आपको घर पर ही अपने जोड़ों और मांसपेशियों को मज़बूत करने के लिए एक्सरसाइज़ करनी चाहिए. वहीं अगर आप कूलर या AC में सोते हैं तो तापमान बहुत कम न करें.

घर में रहेंगे, एक्टिविटी कम करेंगे और फिर ज़्यादा खाएंगे तो वज़न बढ़ेगा. इससे जोड़ों में दिक्कत हो सकती है. लिहाज़ा रोज़ाना एक्सरसाइज़ करें, नियमित दवाएं लें और अपने खाने पर नियंत्रण रखें. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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