ओवरवेट होना हेल्दी नहीं है. ये हम सब जानते हैं. डॉक्टर्स हमेशा वज़न को कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं. क्योंकि ओवरवेट होने के एक नहीं, कई नुकसान हैं. इन्हीं नुकसानों की लंबी लिस्ट में से एक है सांस से जुड़ी दिक्कतें. इसके बारे में और जानकारी दी डॉक्टर विकास ने.
ज्यादा वजन से सांस लेने में दिक्कत क्यों होने लगती है? सारी गड़बड़ शुरू कहां से होती है?
Weight ज्यादा हो तो खांसी, खर्राटे और Sleep Apnea की दिक्कत होने लगती है. सिर्फ यही नहीं, जिन्हें Asthma है, उनकी हालत ज्यादा वजन की वजह से बिगड़ सकती है. डॉक्टर से जानिए वजन का बढ़ना किस तरह से शरीर को नुकसान पहुंचाता है.
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डॉक्टर विकास का कहना है कि वज़न से बहुत फर्क पड़ता है. इसका सीधा असर सांस लेने की क्षमता पर पड़ता है. वज़न ज़्यादा हो तो सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. देखिए, जब हम सांस लेते हैं तो हमारे फेफड़े फैलते हैं. वहीं जब सांस छोड़ते हैं तो फेफड़े सिकुड़ते हैं. लेकिन, मोटापे की वजह से हमारे सीने, पेट और उसके आस-पास के एरिया में फैट जमा हो जाता है. इससे सांस लेते वक्त फेफड़े सही से फूल नहीं पाते. और, हमें सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. नतीजा? सांस ज़्यादा फूलती है.
वज़न ज़्यादा होने पर नाक, मुंह और गर्दन के पीछे सांस के रास्ते में भी फैट जमा हो जाता है. इससे सांस लेने का ये रास्ता पतला हो जाता है. फिर खांसी, खर्राटे और स्लीप एपनिया (Sleep Apnea) की दिक्कत होने लगती है. स्लीप एपनिया में सोते वक्त बार-बार 10 सेकंड के लिए सांस रुक जाती है. और, ऐसा एक रात में कई बार हो सकता है. ये गंभीर स्थिति है. स्लीप एपनिया से व्यक्ति की मौत भी हो सकती है. वहीं, जिन्हें अस्थमा (Asthma) है, उनके लक्षण ज़्यादा वज़न की वजह से बिगड़ सकते हैं.

जो लोग ओवरवेट होते हैं, उन्हें बाकियों के मुकाबले थकान और कमज़ोरी भी बहुत रहती है. असल में, ज़्यादा फैट की वजह से हमारे शरीर को टिशूज़ और दूसरे अंगों तक ऑक्सीज़न पहुंचाने के लिए ज़्यादा मेहनत करनी पड़ती है. और, इसी एक्स्ट्रा मेहनत के चलते इंसान को थकान लगती है, एनर्जी लो रहती है. फिर चाहे वो कितना भी क्यों न सो ले.
तेज़ी से वज़न घटना भी अच्छा नहीं!
सिर्फ यही नहीं, अगर आपका वज़न तेज़ी से घट रहा है. तो, ये भी सही नहीं है. वज़न बहुत ज़्यादा कम हो जाए तो ये कुछ गंभीर बीमारियों की ओर इशारा हो सकता है. ये बीमारियां शरीर में पोषक तत्वों को अच्छे से एब्ज़ॉर्व नहीं होने देतीं. इनमें डायबिटीज़, मालएब्जॉर्प्शन सिंड्रोम, हाइपरथायरॉयडिज़्म, डिप्रेशन और यहां तक कि कैंसर जैसी बीमारियां भी शामिल हैं. लिहाज़ा अगर आपका वज़न तेज़ी से कम हो रहा है. तो, ये खुश होने की बात नहीं है. बल्कि चिंता की वजह है. इसलिए, एक हेल्दी वेट बनाए रखना ज़रूरी है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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