बारिश के पानी से नहाना बहुत लोगों को पसंद है. हमारी टीम में काम करने वाली सोनल तो दीवानी हैं बारिश की. उनका बड़ा मन करता है कि वो बिल्कुल ‘जब वी मेट’ की गीत की तरह बारिश में भीगें. रील बनाएं. लेकिन, एक दिक्कत है. जब-जब सोनल बारिश में भीगती हैं, उन्हें स्किन पर खुजली होने लगती है. लाल चकत्ते पड़ जाते हैं. वैसे यह सिर्फ सोनल की नहीं, कई और लोगों की भी दिक्कत है.
बारिश में 'JAB WE MET' की तरह नहाएं, लेकिन फिर खुजली से बचने के उपाय भी जान लें
बहुत सारे लोगों को बारिश में भीगना पसंद है. लेकिन, अगर आपकी स्किन बहुत सेंसिटिव है. ड्राई है. जल्दी एलर्जी हो जाती है तो आपको सावधानी बरतना बहुत ज़रूरी है. अगर आप बारिश में भीग गए हैं तो साफ़ पानी से शरीर को धोएं और उसे अच्छे से सुखाएं. आप एलर्जी से बचे रहेंगे.
बारिश का मौसम शुरू हो गया है. लिहाज़ा हमने डॉक्टर से पूछा कि बारिश के पानी में भीगने से स्किन को क्या नुकसान होता है? क्यों होता है? और, इस मौसम में होने वाली एलर्जी और इन्फेक्शन से कैसे बचें?
बारिश के पानी में भीगने से स्किन को क्या नुकसान होता है?
ये हमें बताया डॉक्टर स्वाति मोहन ने.
बारिश के मौसम में वातावरण में बहुत उमस और नमी होती है. इससे एलर्जी और इंफेक्शन जल्दी होते हैं. खासकर तब, जब हम बारिश के पानी में भीगते हैं. उमस की वजह से स्किन में फंगल इंफेक्शन हो सकता है. शरीर पर दाद हो जाते हैं इसलिए बारिश में भीगने से बचें. इस मौसम में शरीर पर फोड़े और दाने आसानी से हो जाते हैं, खासकर बच्चों में. शरीर के जो हिस्से खुले रहते हैं, उनमें फोड़े-दाने होने का रिस्क ज़्यादा रहता है.
बारिश के मौसम में छपाकी होना बहुत आम है. ये एक तरह की एलर्जी है. वातावरण में धूल भी बहुत ज़्यादा होती है, जो बारिश में पानी के साथ मिल जाती है. फिर जब हम इस पानी में नहाते हैं तो हमें एलर्जी होने का रिस्क ज़्यादा होता है. साथ ही, बाल वातावरण में मौजूद नमी सोख लेते हैं. ये रूखे और फूल जाते हैं, फिर टूटने लगते हैं. इस मौसम में बालों के रूखे होने, फूलने और फिर टूटने की समस्या बहुत ज्यादा होती है.
बचाव
अगर आपको बारिश के पानी में नहाना है तो बारिश शुरू होते ही न नहाएं. ये पानी गंदा होता है. जब बारिश थोड़ी देर हो जाए फिर नहाएं, तब तक वातावरण से प्रदूषण हट जाता है. सिर्फ कुछ देर के लिए ही नहाएं और खुद को जल्दी से जल्दी सुखा लें. कॉटन के कपड़े पहनें. ढीले कपड़े पहनें. अपनी स्किन को मॉइस्चराइज़ ज़रूर करें ताकि आपको एलर्जी, ड्राईनेस और एक्ज़िमा न हो. ढीले कपड़े पहनने के बाद भी अपनी स्किन का ध्यान रखें. सनस्क्रीन ज़रूर लगाएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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