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भुलक्कड़ नहीं हैं फिर भी हम चीजें भूल क्यों जाते हैं?

कोई बीमारी नहीं, फिर भी कई लोग चीजें भूल जाते हैं.

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डिप्रेशन या एंग्जायटी से दिमाग ग्रसित हो तो दिमाग का फोकस,अटेंशन और वर्किंग मेमोरी स्पैन कम हो जाता है
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

रेवती 29 साल की हैं. लखनऊ की रहने वाली हैं. उन्होंने हाल-फ़िलहाल में अपनी समस्या हमारे साथ शेयर की. रेवती को लगता है आजकल वो चीज़ें भूलने लगी हैं. वो अभी लॉ की पढ़ाई कर रही हैं. जिसकी वजह से उनका अच्छा-खासा समय चीज़ों को पढ़ने और याद करने में जाता है. पर इतनी मेहनत करने के बाद भी वो चीज़ों को याद नहीं रख पातीं. और बात सिर्फ़ पढ़ाई की नहीं है. उन्हें पुरानी बातें याद करने में मुश्किल होती है. सब धुंधला याद आता है. वो चीज़ें रखकर भूल जाती हैं.
रेवती काफ़ी समय से सेहत देखती आई हैं. हमने अपने शो सेहत पर अल्जाइमर और डेमेंशिया के बारे में तफ़्सील से बात की है. अल्जाइमर वो बीमारी है, जिसमें इंसान चीज़ें याद नहीं रख पाता. यहां तक कि अपना नाम और पता भी. हालांकि अल्जाइमर एक उम्र के बाद होने वाली बीमारी है. पर हमारे एपिसोड देखकर रेवती के मन में सवाल आए. उन्हें लगा कि कहीं उन्हें अल्जाइमर तो नहीं हो गया. वो डॉक्टर से भी मिलीं, अपने कुछ टेस्ट करवाए. पर सब ठीक है. वो काफ़ी यंग है. उन्हें अल्जाइमर से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है.
अब रेवती फिर उसी कशमकश में हैं. अगर उन्हें कोई बीमारी नहीं, तो उन्हें चीज़ें याद क्यों नहीं रहतीं. वो सब भूल क्यों जाती हैं? इन्हीं सवालों के साथ रेवती ने हमें मेल किया. वो जानना चाहती हैं कि चीज़ें भूलने के पीछे क्या कारण होते हैं. साथ ही इससे कैसे निपट सकते हैं. अब ये सवाल हमने पूछे डॉक्टर्स से. तो सबसे पहले ये जान लीजिए कि आपका दिमाग चीज़ें याद कैसे रखता है? दिमाग चीज़ें याद कैसे रखता है? ये हमें बताया डॉक्टर प्रवीन गुप्ता ने.
Dr Praveen Gupta: Read all stories from Dr Praveen Gupta | Healthshots डॉक्टर प्रवीन गुप्ता, प्रिंसिपल डायरेक्टर एंड हेड, न्यूरोलॉजी, फ़ोर्टिस, गुरुग्राम


-कोई भी जानकारी जब हमें मिलती है तो सबसे पहले हम उसे सुनते हैं.
-सुनने के बाद हमारा दिमाग उसे रजिस्टर करता है.
-फिर एक जगह उसे स्टोर कर लेता है.
-ये सेल्स आमतौर पर टेम्पोरल लोब (ब्रेन का एक हिस्सा) के हिप्पोकैम्पस नामक कोशिका में होते हैं
-यहां तंत्रिकाओं के बीच में नए जुड़ाव बनते हैं.
-इन जुड़ावों में यादें स्टोर होती हैं.
-मोटा-माटी इंसान का दिमाग एक कंप्यूटर की तरह काम करता है.
-जैसे हम कंप्यूटर में कोई फाइल बनाकर, उसमें जानकारी स्टोर करते हैं.
-फिर उस फाइल को एक नाम देते हैं.
-नाम देकर ड्राइव के एक हिस्से में स्टोर करते हैं.
-ताकि बाद में उसका इस्तेमाल कर सकें, उसको ढूंढ सकें.
-इंसान का दिमाग भी ठीक ऐसे ही काम करता है.
Addiction and Memory Loss – The Gooden Center मोटा-माटी इंसान का दिमाग एक कंप्यूटर की तरह काम करता है


-जब हमें कोई जानकारी चाहिए होती है.
-तब हमें अपने दिमाग को बताना पड़ता है कि इस सब्जेक्ट की जानकारी बाहर निकालो.
-तब हमारा ब्रेन अपने बैंक में से वो सारी जानकारी बाहर निकालकर हमें वापस भेजता है.
-इसका मतलब ये है कि कई सारे प्रोसेस, इस याद रखने के एक्टिव प्रोसेस के साथ खिलवाड़ कर सकते हैं और उस मेमोरी को खराब कर सकते हैं. इंसान चीज़ें भूलने क्यों लगता है? -कुछ भी भूलने का सबसे आम कारण है ध्यान न देना.
-अगर हम अपने ही दिमाग में गुम हैं.
-कई सारे काम एक साथ कर रहे हैं.
-तो हम बहुत सारी चीज़ों पर ध्यान देते ही नहीं.
-उनको हम ठीक से सुनते नहीं हैं.
-या सुनने के बाद रजिस्टर नहीं करते.
-एक्टिव होकर उसपर ध्यान नहीं देते.
-इसलिए वो बात अच्छे से ब्रेन में रजिस्टर नहीं होती.
-अगला कारण. अगर हम किसी जानकारी को ध्यान लगाकर स्टोर नहीं करते.
-जैसे बच्चे एक बहुत बड़ा चैप्टर पढ़ लेते हैं.
-पर उसे रिवाइज़ करके, पॉइंट बनाकर उसको भागों में नहीं बांटते.
-ऐसे में जानकारी ब्रेन में स्टोर नहीं हो पाती.
-तीसरा कारण. अगर हमारा दिमाग किसी सोच में गुम रहता है.
-तब हमारी वर्किंग मेमोरी कम हो जाती है.
-हमारा दिमाग उतनी सारी चीज़ों को याद नहीं रख पाता है.
-चौथा कारण. दवाई का असर.
-डिप्रेशन या एंग्जायटी से दिमाग ग्रसित हो तो दिमाग का फोकस,अटेंशन और वर्किंग मेमोरी स्पैन कम हो जाता है.
-दिमाग की याददाश्त कम हो जाती है.
-अगर आप कई सारे काम एक साथ करते हैं, जिसे मल्टी-टास्किंग बोलते हैं.
-तब दिमाग अपना पूरा ध्यान एक काम के ऊपर नहीं लगा पाता.
PTSD Memory Loss: 10 Ways it's Affecting You. - April Lyons Psychotherapy Boulder, LPC कुछ भी भूलने का सबसे आम कारण है ध्यान न देना


-जिससे याददाश्त कम हो जाती है.
-ओवरवर्क होना.
-नींद की कमी.
-जिससे दिमाग में थोड़ी सुस्ती बनी रहती है.
-ये सब भी चीज़ों को याद रखने की क्षमता को कम करते हैं.
-कुछ विटामिंस की कमी जैसे विटामिन B12.
-हॉर्मोन्स में कमी जैसे थायरॉइड.
-ये हमारे दिमाग को पूर्ण पोषण मिलने से रोकते हैं.
-जिससे हमारा दिमाग कम काम कर पाता है. इससे निपटें कैसे? -सबसे पहले अलर्ट रहें.
-जो भी चीज़ सुन रहे हैं, उसपर पूरा ध्यान लगाइए.
-अपने दिमाग को खाली रखें.
-चिंताओं और सोच में गुम न रहें.
-डिप्रेशन और एंग्जायटी का इलाज करें.
-ताकि आपके दिमाग की वर्किंग मेमोरी बच सके.
-चीज़ों को ध्यान से सुनें.
-एक्टिवली स्टोर करें.
-जैसे कंप्यूटर में किसी भी फाइल को हम नाम से स्टोर करते हैं.
-मल्टी-टास्किंग न करें.
-एक चीज़ के ऊपर ठीक से ध्यान दें.
-ज़िंदगी को अच्छे से ऑर्गनाइज़ करें.
-समय पर खाना खाएं.
-समय पर सोएं.
-अच्छे से सोएं.
-ताकि आपका दिमाग फ्रेश रह सके.
-विटामिंस लें.
-दूध लें.
-रोज़ एक्सरसाइज करें.
Depression and Memory Loss | Support | Corner Canyon Health Center डिप्रेशन या एंग्जायटी से दिमाग ग्रसित हो तो दिमाग का फोकस,अटेंशन और वर्किंग मेमोरी स्पैन कम हो जाता है


-ताकि आपके दिमाग पर ऑक्सीडेटिव तनाव न पड़े.
-दिमाग का पोषण पूरा रहे.
-दिमाग भरपूर तरह से काम कर सके.
चीज़ें याद न हो पाना. याद करके भूल जाना. ये सब हममें से ज़्यादातर लोगों की समस्या है. अब ज़रूरी नहीं है कि ऐसा होने के पीछे कोई बीमारी या कंडीशन ज़िम्मेदार हो. कई और कारण भी हो सकते हैं, जो डॉक्टर साहब ने बताए. इसलिए आप टेंशन मत लीजिए. कुछ टिप्स दी गई हैं, उन्हें आजमाइए. नतीजा देखने को मिलेगा.