क्या आपके साथ ऐसा होता है कि सोने से पहले आपने AC चलाया. खिड़की, दरवाज़े सब बंद कर दिए. AC का टेम्परेचर 16 पर कर लिया. अब कमरा एकदम मस्त ठंडा हो गया और आपको नींद आ गई. लेकिन जब आप सुबह सोकर उठे तो आपके शरीर में दर्द शुरू. ख़ासतौर पर गर्दन और पीठ में दर्द ( Body pain due to sleeping in AC). पूरा शरीर अकड़ जाता है. हाथ-पैर के जोड़ों और हड्डियों में दर्द होता है. अगर ये सिचुएशन आप पर सटीक बैठती है तो ये जान लीजिए, आप अकेले नहीं हैं. AC में सोने के बाद, शरीर, जोड़ों, हड्डियों में दर्द होना एक आम बात है. और अगर आपको इस दिक्कत से बचना है तो कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि AC में सोने से बदन दर्द क्यों करता है?
AC वाले कमरे में सोने से शरीर दुखता है? असली कारण ये है
AC का इस्तेमाल करते वक्त क्या खयाल रखना चाहिए वरना...

ये हमें बताया डॉक्टर राहुल कुमार ने.

शरीर में दर्द होने के पीछे दो कारण हैं. जब हम AC चलाते हैं तो घर की खिड़कियां, दरवाज़े सब बंद कर लेते हैं. इससे अंदर का तापमान तो ठंडा हो जाता है, लेकिन शरीर और कमरे की सारी नमी कम हो जाती है. इस वजह से स्किन ड्राई होने लगती है. मांसपेशियों में अकड़न और जकड़न होने लगती है. दूसरी बात. हमारा शरीर हमेशा 37 डिग्री सेल्सियस पर सेट रहता है. इससे ज्यादा गर्म होने पर पसीना आने लगता है, ताकि बॉडी ठंडी हो सके. वहीं जब हम ठंडे तापमान में रहते हैं तो शरीर ख़ुद को गर्म रखने की कोशिश करने लगता है ताकि ये अंदरूनी अंगों को बचा सके. इस वजह से हाथ-पैर के जोड़, मांसपेशियों को ज़्यादा ठंड लगती है. इनपर ज़्यादा असर पड़ता है. ठंड में रहने से मांसपेशियां और टेंडन ( रस्सी जैसा टिश्यू जो मांसपेशी को हड्डी से जोड़ते हैं ) सिकुड़ जाते हैं.
इस वजह से जोड़ों पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है और जोड़ों में दर्द होता है. इसकी वजह से मांसपेशियों में क्रैम्प आ सकते हैं. ख़ासतौर पर गले और पीठ की मांसपेशियों में जकड़न हो सकती है. ये जकड़न ही दर्द का कारण बनता है. इसके अलावा अगर लंबे समय तक आप AC इस्तेमाल करते हैं तो उसकी वजह से हड्डियां भी कमज़ोर हो सकती हैं.
बचाव- बॉडी पेन से बचने के लिए आप कमरे में वेंटिलेशन का ध्यान रखें.
- कोई एक दरवाज़ा या खिड़की खुली छोड़ें ताकि फ़्रेश हवा अंदर आती रहे.
- कमरे के अंदर नमी पूरी तरह से खत्म न हो.
- AC के तापमान की सेटिंग हमेशा 22 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच ही रखनी चाहिए.
- कभी भी AC का तापमान 16-17 डिग्री पर न रखें और ज़्यादा ठंड अवॉइड करनी चाहिए.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)