पाकिस्तान. पड़ोसी मुल्क. ख़ूब चर्चा में है. रहता ही है, लेकिन इस बार माजरा अलग है. मामला ‘पॉलिटिकल’ है. सत्ता की दावेदारी की ग़ज़ब भसड़ मची हुई है. और, इस भसड़ के बीच में हैं पाकिस्तान के Prime Minister Imran Khan. बस ये समझिए कि प्रधानमंत्री की कुर्सी उनसे छिनते-छिनते बची है. इस पूरी भसड़ के बीच इमरान खान इंटरनेट पर छाए हुए हैं, उनकी पॉलिटिक्स और क्रिकेट के साथ-साथ उनकी पर्सनल लाइफ की भी खूब चर्चा हो रही है.
बुशरा बीबी कौन हैं जिन्हें इमरान खान को PM बनाने का क्रेडिट दिया जाता है
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी का इंडियन कनेक्शन भी जान लीजिए.
क्रिकेट के दौर से इमरान को फॉलो करने वाले लोग कहते हैं कि हाल के कुछ सालों में इमरान एकदम बदल गए हैं. पहले उनकी इमेज ‘प्लेबॉय’ की थी. नशाखोरी के आरोप उन पर लगते थे. लेकिन फिर उनका बर्ताव बदल गया. वो शांत रहने लगे. धर्म और अध्यात्म की तरफ़ मुड़ गए. ये सिलसिला अभी तक बना हुआ है. जानकार बताते हैं कि इमरान में आए इस बदलाव की वजह उनकी तीसरी पत्नी बुशरा बीबी हैं.
Bushra Bibi कौन हैं?
बुशरा बीबी से इमरान की शादी फ़रवरी 2018 में हुई थी. दोनों की मुलाक़ात 2015 में हुई थी. पाकपत्तन गांव में. यहां 12वीं सदी के पंजाबी सुन्नी मुस्लिम उपदेशक बाबा फ़रीदुद्दीन गंजशकर की मज़ार थी. इमरान अक्सर यहां जाया करते थे. और मज़ार दर्शन के बाद वो कुछ घंटे आराम करते थे. जिन लोगों के घर वो रुकते थे, वे मानेका संप्रदाय की एक पीरनी के भक्त थे. पीरनी, जिसका नाम था बुशरा मानेका.
2015 के पाकिस्तान उपचुनाव को लेकर बुशरा ने भविष्यवाणी की. जो कहा, वो सच हुआ. इसके बाद इमरान लगातार पंजाब के पाकपत्तन गांव जाते रहे. कोई मुशकिल हो, तुरंत बुशरा के पास जाते. उस समय बुशरा बीबी शादीशुदा थीं. बाद में उन्होंने अपने पति को तलाक देकर फरवरी, 2018 में इमरान से शादी कर ली. इस शादी के छह महीने बाद ही इमरान प्रधानमंत्री बन गए. तब से बुशरा बीबी का प्रभाव लगातार बढ़ा ही है.
जुलाई 2018 में इमरान ख़ान ने एक में उन्होंने बुशरा के बारे में बताया था,
“शादी से पहले मैंने उनका चेहरा तक नहीं देखा था. मैंने बिना देखे ही उन्हें प्रपोज़ किया था.”
चर्चा ये भी चली कि बुशरा से शादी करने का फ़ैसला राजनीति से प्रेरित था. इमरान को कट्टर इस्लामी पार्टियों और मौलानाओं का समर्थन जुटाना था. ये माना जा रहा था कि 2018 के आम चुनाव में PTI को सरकार बनाने के लिए उन्हें छोटी-मोटी पार्टियों का साथ चाहिए था. इसलिए उन्होंने बुशरा से शादी की. लेकिन ये बस एक थ्योरी है.
Bushra Bibi का इंडियन कनेक्शन?
बुशरा बीबी या बुशरा रियाज़ वट्टू समुदाय से ताल्लुक़ रखती हैं. सतलुज घाटी की प्रमुख राजपूत जनजातियों में से एक है वट्टू. कहा जाता है कि इसके समुदाय के कई लोगों को बाबा फ़रीदुद्दीन ने इस्लाम में कन्वर्ट कर दिया था. दिलचस्प ये है कि बहावलपुर इलाके के वट्टू कबीले के लोग ये दावा करते हैं कि वो जैसलमेर के संस्थापक राजा जैसल के वंशज हैं.
बुशरा बीबी इमरान ख़ान की आध्यात्मिक गाइड हैं. राजनीतिक घटनाक्रम से लेकर विदेशी मामलों तक, पाकिस्तानी पीएम उनसे सलाह लेते हैं. ये बात इमरान ने ख़ुद कुबूली है. इमरान ख़ान ने जर्मनी की पत्रिका डेर स्पीगल को दिए इंटरव्यू में कहा था,
“मैं अपनी पत्नी के साथ हर मुद्दे पर चर्चा करता हूं. वो बातें भी जो मैं सरकार चलाते समय फेस करता हूं.”
पाकिस्तान के इंटर्नल कॉरीडोर्स में अक्सर चर्चा होती है कि बुशरा बीबी के कहने पर ही पाकिस्तान में उच्च स्तरीय ब्यूरोक्रेसी की नियुक्ति होती है. हालांकि, अभी ख़बरें ये आ रही हैं कि इमरान ख़ान और बुशरा बीबी के बीच मामला कुछ बिगड़ गया है और उनकी शादी टूटने की कगार पर पहुंच गई है. बुशरा बीबी के बारे में कहा जा रहा है कि वह इमरान ख़ान के महल बनी गाला को छोड़कर अपनी दोस्त के घर लाहौर चली गई हैं. वहीं, इमरान ख़ान की पार्टी ने इस पूरे दावे को खारिज किया है.
अब Imran Khan के बारे में भी थोड़ा सा जान लेते हैं
PTI चीफ़ माने इमरान ख़ान. 1996 में पार्टी बनी. तभी से इस कुर्सी पर इमरान बने हुए हैं. इससे थोड़ा पहले चलते हैं. 1987. इमरान ख़ान ने 1987 वर्ल्ड कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. उस समय इमरान ख़ान बिग डील थे. इस फ़ैसले से दुनियाभर में उनके फ़ैन्स को झटका लगा था. लोग उनके घर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठने लगे थे. यहां तक कि क्रिकेट बोर्ड ने निवेदन भेजा. मगर इमरान टस से मस नहीं हुए. जब कुछ भी काम नहीं आ रहा था, तब तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल ज़िया उल-हक़ ने अपील की. पहले टीवी पर और बाद में एक प्राइवेट पार्टी में. बात मान ली गई. इमरान ख़ान वापस लौट आए. और, उनकी कप्तानी में 1992 में पाकिस्तान ने पहली बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता.
अब ये तो तथ्य है कि इमरान ख़ान जनरल ज़िया के कहने पर लौटे, लेकिन इसमें एक और बात है, जो कम लोग जानते हैं.
रिटायरमेंट के बाद इमरान छुट्टियां मना रहे थे. लाहौर में. अपने दोस्तों के साथ पास के गांव में टहलने निकले, तो उन्हें एक बाबा मिले. बाबा चाला. आस-पास के गांवों में बाबा चाला का बहुत नाम था. कहा जाता है कि इसी मुलाक़ात के बाद इमरान ने रिटायरमेंट से वापस आने की बात सोच ली थी. इस घटना का ज़िक्र पीटर ओबोर्न की किताब ‘वुंडेड टाइगर: अ हिस्ट्री ऑफ़ क्रिकेट इन पाकिस्तान’ में मिलता है. इमरान ने अपनी ऑटो-बायोग्राफ़ी ‘पाकिस्तान: अ पर्सनल हिस्ट्री’ में भी इस मुलाक़ात के बारे में बताया है.
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