(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
सीरियल किलर्स के दिमाग में क्या चलता है, पता चल गया है!
ऐसे लोग दूसरों की देखभाल का नाटक करते हैं, आसानी से दूसरों को भरोसे में ले लेते हैं.

सत्तर के दशक की बात है. अमेरिका में एक आदमी ये कुबूल करता है कि उसने 20-30 औरतों का कत्ल किया है. बहुत सारी औरतों का बेहरहमी से रेप किया है. किडनैपिंग की है. उन्हें बेरहमी से मौत के घाट उतारा है. इस आदमी को अमेरिका की पुलिस कई सालों से ढूंढ रही थी. आखिरकार ये आदमी पकड़ा जाता है. मुकदमा चलता है.
अभी तक जो भी आपने पढ़ा, अगर वो पढ़कर आपका दिल दहल गया है, तो सब्र कीजिए. अब जो आप पढ़ने वाले हैं, वो कल्पना के परे है. इस आदमी की सारी करतूतें पूरे देश को पता हैं. इसके बावजूद, महिलाएं इस आदमी से प्यार कर बैठी हैं. उससे शादी करना चाहती हैं. उसका मुकदमा देखने के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रही हैं. यकीन नहीं हो रहा ना? भला ऐसे इंसान के पीछे लोग दीवाने कैसे हो सकते हैं? वजह है इस आदमी की पर्सनैलिटी. इंसान न चाहते हुए भी इसकी ओर आकर्षित हो जाता है. इस आदमी का नाम है टेड बंडी. दुनिया के सबसे ख़तरनाक सीरियल किलर्स में से एक और एक बहुत बड़ा साइकोपैथ.

साइकोपैथ शब्द आपने बहुत बार सुना होगा. श्रद्धा वॉल्कर केस में भी साइकोपैथ शब्द का कई बार इस्तेमाल हुआ. कई रिपोर्ट्स का कहना है कि अपनी गर्लफ्रेंड को बेहरहमी से मारने वाला आफ़ताब एक साइकोपैथ था. हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन इस केस के बाद साइकोपैथ शब्द लाइमलाइट में है. कौन होता है एक साइकोपैथ? अगर ये इतने ख़तरनाक हैं, तो लोग इनपर भरोसा कैसे कर लेते हैं? आप कैसे पहचान सकते हैं कोई इंसान साइकोपैथ है? पढ़िए, एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं.
साइकोपैथ कौन होता है?ये हमें बताया डॉक्टर ज्योति कपूर ने.
-हर इंसान का एक व्यक्तित्व होता है
-जो उसके विचारों, भावनाओं और अनुभवों पर निर्भर करता है
-ये व्यक्तित्व ही इंसान की सोच और स्थितियों से निपटने की समझ देता है
-यदि हमारी सोच-समझ, बर्ताव हमारी स्थिति को ठीक से जांचने और अडजस्ट करने में बाधा डाले
-तो उसको एक डिसऑर्डर के रूप में देखा जाता है
-साइकोपैथी एक तरह के व्यक्तित्व की ओर संकेत करती है
-इसमें मॉरल वैल्यू की कमी होती है
-ये एक विचारों और बर्ताव का पैटर्न है
-ये समाज के लिए परेशानी बनता है
-कुछ लोगों का व्यवहार असामाजिक होता है
-ऐसे लोग दूसरों के प्रति सहानुभूति दिखाने और पछतावा महसूस करने की क्षमता खो देते हैं
-साथ ही उनका बर्ताव आक्रामक और अपमानजनक भी होता है
-इस बीमारी से ग्रसित इंसान को साइकोपैथ कहते हैं
-ऐसे लोगों में बहुत अहंकार होता है

-आजकल साइकोपैथ शब्द का बहुत इस्तेमाल होता है
लक्षण-साइकोपैथी के लक्षण काफ़ी हद तक एंटीसोशल पर्सनालिटी डिसऑर्डर से मेल खाते हैं
-ऐसे लोग कठोर
-भावहीन
-नैतिक रूप से भ्रष्ट होते हैं
-ये क्लिनिकल डायग्नोसिस नहीं है
-साइकोपैथ इंसान का स्वभाव आकर्षक, शीतल माना जाता है
-उसके चलते वो लोगों को आसानी से मैनिपुलेट कर लेता है
-ऐसे लोग देखभाल करने का नाटक करते हैं
-निर्दयी होते हैं
-दूसरों के दुःख या परेशानी नहीं समझ पाते
-दिखावटी संबंध ही बना पाते हैं
-समाज में एक अच्छी पर्सनालिटी बनाकर रह पाते हैं

-पर्सनालिटी डिसऑर्डर का इलाज तभी संभव है जब इंसान अपने व्यक्तित्व को समझे और माने
-साइकोपैथ इस विकार को अपनाते या मानते नहीं हैं
-इसलिए इसका इलाज बहुत मुश्किल है
-साइकोथेरेपी या काउंसलिंग इसमें बहुत मुश्किल होती है
-इलाज इंसान पर निर्भर करता है
-जैसे परिवार या समाज में इंसान की जगह क्या है
-उम्र क्या है
-कहीं ऐसा इंसान क्रिमिनल एक्टिविटी में तो शामिल नहीं है
-ये सब देखकर थेरेपी प्लान की जाती है
-आक्रामकता से निपटने के लिए मूड स्टेबलाइजिंग दवाइयां दी जाती हैं
साइकोपैथ कितने ख़तरनाक होते हैं, ये तो आपको समझ में आ ही गया होगा. दुनिया के कई ख़तरनाक सीरियल किलर्स साइकोपैथ थे. जैसे जैक द रिपर, जेफरी डाहमर. ये कुछ आम नाम हैं. कौन एक साइकोपैथ है या नहीं, इसकी पुष्टि केवल एक्सपर्ट ही कर सकते हैं. साइकोपैथी एक मानसिक विकार है. ज़रूरी नहीं, हर साइकोपैथ एक किलर बन जाए या कोई क्राइम करे. इसलिए अपने आसपास के लोगों पर शक करना न शुरू कर दीजिएगा. ऐसे लोगों को प्रोफेशनल मदद की ज़रुरत होती है, जो उन्हें मिलनी ज़रूरी है.
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