Lallantop के व्यूअर हैं मंदीप. 35 साल के हैं. उनके शरीर पर कई जगह, ख़ासतौर पर पीठ और पेट पर कई सालों से तिल और मस्से हैं. पर पिछले कुछ समय से वो इनमें थोड़ा बदलाव नोटिस कर रहे हैं. एक तो उनके शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी नए तिल निकल आए हैं. पुराने एक मस्से का साइज़ बढ़ गया और रंग भी बदल गया है. वो जानना चाहते हैं कि कहीं ये कैंसर का लक्षण तो नहीं.
तिल, मस्से क्या कैंसर में बदल सकते हैं, जिनको आप हल्के में ले रहे?
शरीर पर तिल, मस्से होना बहुत ही आम बात है. पर अगर उनमें अचानक बदलाव आने लगे तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है.

देखिए, शरीर पर तिल, मस्से होना बहुत ही आम बात है. पर अगर उनमें अचानक बदलाव आने लगे तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है. किस तरह के बदलाव पर आपको नज़र रखनी है बताते हैं, पर उससे पहले ये जान लीजिए शरीर पर तिल और मस्से क्यों बनते हैं?
शरीर पर तिल, मस्से क्यों होते हैं?ये हमें बताया डॉक्टर मनीष जांगड़ा ने.
तिल को अंग्रेज़ी में मोल भी बोलते हैं. ये चेहरे, शरीर पर काले रंग के उभरे निशान होते हैं. ये हल्के भूरे रंग के भी हो सकते हैं. मेडिकल भाषा में इन्हें मेलानोसाइटिक नेवस बोलते हैं. इनके होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं. पहला जेनेटिक कारण हो सकता है. दूसरा कारण इम्यूनोसप्रेशन (इम्युनिटी का कमज़ोर होना) हो सकता है. जैसे जब कीमोथेरेपी के दौरान दवाइयां ली जाती हैं तब भी ऐसा होता है. किसी भी कारण से इम्युनिटी डाउन हो तो ऐसा होता है. तीसरा कारण है धूप में ज़्यादा रहना. ये यंग एज में ज़्यादा पाए जाते हैं. शरीर में मेलानोसाइट्स नाम के सेल्स होते हैं, जो शरीर को उसका रंग देते हैं. ये सेल्स जब एक स्थान पर जमा हो जाते हैं तब तिल बनते हैं. मस्सों को वॉर्ट भी कहते हैं. ये एक वायरल इन्फेक्शन है जो ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV)से होता है. ये उन पेशेंट्स में ज़्यादा होते हैं जिनकी इम्युनिटी कमज़ोर होती है. उस्तरा लगने से या कटे हुए घावों से ये वायरस फैलता है. असुरक्षित सेक्स से भी ऐसा होता है अगर आपके पार्टनर को वॉर्ट हो रखे हों.
ये कैंसर का रूप कब लेते हैं?इन सेल्स से जो कैंसर होता है उसको मेलानोमा बोलते हैं. अगर ये तिल बढ़ रहा है और उसका शेप पहले से बदल रहा है तो डॉक्टर को दिखाने की ज़रुरत है. अगर तिल के बॉर्डर ऊपर-नीचे होना शुरू हो गए हैं. तिल का रंग बदल गया है तो ध्यान दें. साइज़ बढ़ना भी ख़तरे की घंटी है. अगर तिल से कुछ निकलना शुरू हो जाए तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें. कैंसर की बात करें तो जेनिटल वॉर्ट जो HPV के कारण होते हैं, ये कैंसर में बदल सकते हैं. इसके लिए जांच करवानी पड़ती है. अगर कोई मस्सा एकदम से शेप और साइज़ में बढ़ रहा है, रंग बदल रहा है, ब्लीडिंग हो रही है तो जल्दी से जल्दी डॉक्टर को दिखाएं.

इलाज कई तरीकों से हो सकता है. पहला तरीका है, जलाकर निकाला जा सकता है. निकालने के बाद एक छोटा-मोटा निशान रह जाता है. इसके अलावा केमिकल कॉटरिज़ैशन भी कर सकते हैं. ये लगाने की एक दवाई होती है. इसे लगाकर छोड़ा जाता है. कुछ दिनों में ये धीरे-धीरे अपने आप निकल जाता है.
तिल, मस्से कैंसर में कब बदल सकते हैं, ये आपने जान लिया. बताए गए बदलाव नोटिस करें तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: मिनटों में कैटेरैक्ट यानी सफ़ेद मोतियाबिंद आंखों से कैसे निकाला जाता है?