(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
हड्डियों और इम्यूनिटी को मजबूत करने वाला Vitamin D कब आपके लिए ज़हर बन जाता है?
विटामिन डी की मात्रा ज़्यादा होने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा भी ज़्यादा हो जाती है.
मुस्कान को पिछले साल कोविड हुआ था. ठीक होने के बाद भी उनकी तबियत पूरी तरह से ठीक नहीं हुई. उनको हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द शुरू हो गया. जब पेन किलर लेने के बाद भी दर्द ठीक नहीं हुआ तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने उनके कुछ टेस्ट किए. पता चला उनके शरीर में विटामिन डी और कैल्शियम की भारी कमी है. डॉक्टर ने उन्हें विटामिन डी और कैल्शियम के सप्लीमेंट्स दिए. उन्हें कुछ महीनों तक इन्हें खाना था. फिर दोबारा टेस्ट करवाना था. पर मुस्कान को उनसे आराम मिला तो उन्होंने ये टैबलेट्स बंद ही नहीं कीं. वो लंबे समय तक इन्हें लेती रहीं. उन्हें ये नहीं पता था कि वो कितनी बड़ी गलती कर रही हैं.
इसका नतीजा ये हुआ कि मुस्कान के शरीर में कैल्शियम के स्टोंस बन गए. कमज़ोरी रहने लगी, उल्टियां होतीं, बार-बार पेशाब आता. मुस्कान ने दोबारा डॉक्टर को दिखाया. जब दोबारा टेस्ट हुआ तो पता चला उनके शरीर में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा बहुत ज़्यादा है, जिसकी वजह से ये दिक्कतें हो रही थीं. अब उनका इलाज चल रहा है. इसलिए मुस्कान चाहती हैं कि हम अपने शो पर इस टॉपिक के बारे में बात करें.
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी होता है, ये तो हमें पता है. पर ज़्यादा विटामिन डी होने के भी नुकसान हैं. विटामिन डी की कमी पूरी करने के लिए लोग टैबलेट और शॉट्स लेते हैं, पर कई बार वो ऐसा बिना डॉक्टर की सलाह के करते हैं. जिसकी वजह से उनके शरीर में इसकी मात्रा ज़्यादा हो जाती है जिसे कहते हैं विटामिन डी टॉक्सिसिटी और ये काफ़ी ख़तरनाक होती है. इसके क्या नुकसान होते ये जानने से पहले जान लेते हैं कि शरीर के लिए विटामिन डी क्यों ज़रूरी होता है और कितना विटामिन डी लेना चाहिए.
शरीर के लिए विटामिन डी क्यों ज़रूरी है?ये हमें बताया डॉक्टर राजेश कुमार बुधिराजा ने.
-विटामिन डी बाकी विटामिंस की तरह शरीर के लिए बहुत ज़रूरी है.
-ये हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत करने में मदद करता है.
-हम जितना भी कैल्शियम खाते हैं, उसके अवशोषण के लिए विटामिन डी ज़रूरी होता है.
-विटामिन डी शरीर में सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से बनता है.
-इसको बनाने में लिवर और किडनी मदद करते हैं.
शरीर को हेल्दी रखने के लिए कितना विटामिन डी ज़रूरी है?-पिछले कुछ समय से लोगों में विटामिन डी की भारी कमी देखी जा रही है.
-अगर बच्चों में कमी होती है तो हड्डियां टेढ़ी हो जाती हैं.
-रिकेट्स की बीमारी हो सकती है.
-विटामिन डी की कमी से एडल्ट्स में ओस्टीयोमलेशिया की बीमारी हो सकती है.
-इसमें हड्डियों में दर्द होना, थकावट महसूस होना और मांसपेशियां कमज़ोर हो जाती हैं.
-शरीर को रोज़ कुछ मात्रा में विटामिन डी की ज़रुरत होती है.
-जिसे इंटरनेशनल यूनिट में गिना जाता है.
-हमारे शरीर को लगभग 600 इंटरनेशनल यूनिट विटामिन डी की रोज़ ज़रुरत होती है.
-क्योंकि विटामिन डी की कमी बहुत आम है.
-इसलिए डॉक्टर्स भी पेशेंट्स को विटामिन डी का डोज़ लेने की सलाह देते हैं.
-डॉक्टर्स पहले हफ़्ते-दर-हफ़्ते विटामिन डी देते हैं.
-8-12 हफ़्ते के लिए.
-उसके बाद डोज़ को कम कर के महीने में एक बार दिया जाता है.
विटामिन डी टॉक्सिसिटी क्या होती है?-कुछ लोग विटामिन डी का सेवन लगातार, लंबे समय के लिए करते हैं.
-चाहे वो हफ़्ते-दर-हफ़्ते करें, कुछ महीनों के लिए करें या डेली करें.
-ऐसा करने से शरीर में विटामिन डी की मात्रा ज़्यादा हो सकती है.
-विटामिन डी की ज़्यादा मात्रा बहुत हानिकारक होती है.
-विटामिन डी की मात्रा ज़्यादा होने से शरीर में कैल्शियम की मात्रा भी ज़्यादा हो जाती है.
-जिसके कारण किडनी में स्टोन बन सकता है.
-लूज़ मोशन हो सकते हैं.
-उल्टियां हो सकती हैं.
-मांसपेशियों में कमज़ोरी आ सकती है.
-ज़्यादा विटामिन डी का हमारे दिमाग पर भी असर पड़ता है.
विटामिन डी लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें-इसलिए विटामिन डी लेने से पहले, विटामिन डी का टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए.
-डॉक्टर की सलाह से ही कोई दवा लें.
-अगर खून में विटामिन डी की मात्रा ज़्यादा है तो कैल्शियम की मात्रा की भी जांच करवानी चाहिए.
-अगर कैल्शियम की मात्रा भी ज़्यादा निकली तो डॉक्टर की सलाह से इलाज करवाएं.
-क्योंकि जब कैल्शियम ज़्यादा होता है तो पानी सही मात्रा में लेना चाहिए.
-कैल्शियम को कम करने के लिए दवाइयां भी दी जाती हैं.
-जिसमें कुछ समय के लिए स्टेरॉइड का इस्तेमाल भी करना पड़ सकता है.
-इसलिए न ही शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होनी चाहिए न ही ज़्यादा.
-कम से भी नुकसान होता.
-हड्डियां कमज़ोर हो जाती हैं.
-ज़्यादा होने से कैल्शियम ज़्यादा होगा.
-शरीर में स्टोन बनेगा.
-दिमाग पर भी असर पड़ेगा.
विटामिन डी आपके लिए ज़रूरी क्यों होता है, ये आपने सुन लिया. पर इसे ज़्यादा लेने से जो नुकसान होते हैं, उनपर भी गौर करिएगा..
हाल-फ़िलहाल में ख़बर आई थी कि एक आदमी को अस्पताल में एडमिट होना पड़ा क्योंकि उसने तय लिमिट से सात गुना ज़्यादा विटामिन डी ले लिया था. इसलिए ऐसी गलती हरगिज़ न करें. बिना डॉक्टर की सलाह लिए, कोई भी सप्लीमेंट लेना न शुरू करें.
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