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युवाओं के अंडकोष में क्यों होता है कैंसर?

भारत के पुरुषों, खासकर युवाओं को टेस्टिकुलर कैंसर से कितना खतरा है?

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टेस्टिकुलर कैंसर के इलाज से 90 प्रतिशत पेशेंट ठीक हो जाते हैं.

कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता. आज हम बात करने वाले हैं पुरुषों को होने वाले एक कैंसर की. टेस्टिकुलर कैंसर यानी अंडकोष का कैंसर. ये कैंसर बाकी कैंसरों से इसलिए अलग है क्योंकि ये युवाओं में ज़्यादा आम है. इस कैंसर का पता कुछ ख़ास लक्षणों से आसानी से चल जाता है. पर उसके लिए ज़रूरी है कि लक्षणों की सही जानकारी हो और इंसान सेल्फ़ चेकअप करता रहे. किन लक्षणों पर नज़र रखनी है, ये जानने से पहले जान लेते हैं अंडकोष में कैंसर किन लोगों को होता है.

टेस्टिकुलर कैंसर क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अमित सिंह मल्होत्रा ने.

Dr. Amit Singh Malhotra | Best Urology Doctor in Delhi | PSRI
डॉक्टर अमित सिंह मल्होत्रा, सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी, पीएसआरआई, नई दिल्ली

पुरुषों के अंडकोष में दो टेस्टिस होते हैं. ये पुरुषों के हॉर्मोन्स और शुक्राणु बनाने का काम करते हैं. जो सेल्स शुक्राणु बनाते हैं उनमें आए परिवर्तन के कारण टेस्टिकुलर कैंसर होता है. ये कैंसर बाकी कैंसर से अलग, जवानी में ज़्यादा पाया जाता है. ये सबसे ज़्यादा 15-35 साल के पुरुषों को होता है. बुज़ुर्गों में ये कम पाया जाता है.

कारण

टेस्टिकुलर कैंसर सबसे ज़्यादा उन पुरुषों को होता है जिनमें जन्म से टेस्टिस पेट से अंडकोष तक नहीं आ पाते. इसे अंग्रेज़ी में अनडिसेंडेड टेस्टिस भी कहते हैं. ऐसे पुरुषों के टेस्टिस को निकालकर अंडकोष में फ़िक्स करना होता है या उसे कभी-कभार निकालना भी पड़ता है. 

ये कैंसर उन पुरुषों में भी ज़्यादा पाया जाता है जिनमें कैंसर की फैमिली हिस्ट्री होती है. HIV से प्रभावित पुरुषों में भी ये कैंसर पाया जाता है. जो पुरुष ऐसी फैक्ट्री या मिलों में काम करते हैं जहां बहुत गर्मी होती है और पेस्टीसाइड का इस्तेमाल होता है उनमें भी ये कैंसर हो सकता है. भारत के मुकाबले पश्चिमी देशों में टेस्टिकुलर कैंसर के के ज़्यादा मिलते हैं.

Testicular Cancer | Colin Teo Urology
जो सेल्स शुक्राणु बनाते हैं उनमें आए परिवर्तन के कारण टेस्टिकुलर कैंसर होता है
लक्षण

-टेस्टिस में गांठ महसूस होती है.

-सूजन आ जाती है.

-टेस्टिस का साइज़ बड़ा हो जाता है.

-भारीपन महसूस होता है.

-टेस्टिस में दर्द होता है.

-पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है.

-भूख न लगना.

-वज़न कम होना.

-इनफर्टिलिटी के केस में कैंसर का पता चलता है.

What Is Testicular Cancer and Why It Is Important To Know About It
टेस्टिकुलर कैंसर सबसे ज़्यादा उन पुरुषों में पाया जाता है जिनमें जन्म से टेस्टिस पेट से अंडकोष तक नहीं आ पाते
इलाज

टेस्टिकुलर कैंसर के इलाज से 90 प्रतिशत पेशेंट ठीक हो जाते हैं. स्टेज के मुताबिक इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी से किया जाता है. हफ़्ते में एक बार सेल्फ़ चेकअप करें. गांठ महसूस हो या कोई और लक्षण महसूस हो तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
 

वीडियो: सेहत: किन पुरुषों को होता है Testicular Cancer यानी अंडकोष का कैंसर?