हमें ईमेल मिला रणदीप का. भोपाल के रहने वाले हैं. रणदीप ने बताया कि कुछ दिन पहले वो एक नए पार्टनर से मिले थे. उनके बीच में सेक्शुअल रिलेशंस थे. थोड़े टाइम बाद रणदीप ने नोटिस किया कि मुंह के आसपास की स्किन पर रैशेज़ हो रहे हैं. मुंह अंदर के अंदर छाले निकल रहे हैं. बुखार भी हो गया. रणदीप पहले तो थोड़ा हिचकिचाए, पर दोस्त के ज़बरदस्ती करने के बाद उन्होंने डॉक्टर को दिखाया. डॉक्टर ने जांच की तो उन्हें पता चला रणदीप को STI हुआ था. STI यानि Sexually transmitted infection. ये हर्पीस नहीं था. इसका नाम है सिफ़लिस.
सेक्शुअल रिलेशंस ख़ासतौर पर असुरक्षित सेक्स के बाद, कई लोगों को STI यानी Sexually transmitted infections हो जाते हैं. लेकिन इनके बारे में मालूमात बहुत कम लोगों को होती है. कई बार लोग शर्म के मारे भी डॉक्टर के पास नहीं जाते. घरेलू इलाज शुरू कर देते हैं. जैसे रणदीप ने किया. लेकिन इससे उल्टा और नुकसान होता है. आपको पता है हमारे देश में Sexually transmitted infections बहुत आम हैं. अलग-अलग तरह के इन्फेक्शन हैं. पर इनका नाम तक लोगों को नहीं पता.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी खबर बताती है कि सिफलिस के केस बढ़ रहे हैं.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक, देश में HIV के केस कम हो रहे हैं, और सिफ़लिस के बढ़ रहे हैं. इसलिए ज़रूरी है कि इसके बारे में सही जानकारी लोगों तक पहुंचे.
रणदीप ने हमसे यही रिक्वेस्ट की है. वो चाहते हैं कि हम सिफलिस पर एक एपिसोड बनाएं. ये क्यों होता है, इसका इलाज क्या है, लोगों को बताएं. तो सबसे तो एक्सपर्ट्स से ये समझ लीजिए कि सिफलिस है क्या और होता कैसे है? सिफलिस क्या है और क्यों होता है? ये हमें बताया डॉक्टर विनय ने.

डॉक्टर विनय, कंसल्टेंट इनफेक्शियस डिजीज, अपोलो हॉस्पिटल्स, बेंगलुरु
-सिफलिस एक यौन संचारित रोग है, मतलब ये सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है
-किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित सेक्स करने पर ये फैल सकता है
-इसके अलावा अगर कोई मां सिफलिस से संक्रमित है तो उसके बच्चे को भी हो सकता है
-ये गर्भवती होने के टाइम या डिलीवरी के वक्त भी हो सकता है
-रेयर सिचुएशन में इंफेक्टेड व्यक्ति का खून, स्वस्थ व्यक्ति को चढ़ाने की वजह से भी सिफलिस हो सकता है
-सिफलिस भी एचआईवी की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है
-असुरक्षित सेक्स इसका बेहद कॉमन तरीका है लक्षण -सिफलिस के अलग-अलग स्टेज होते हैं
-पहली स्टेज और प्राइमरी सिफलिस में व्यक्ति के प्राइवेट पार्ट्स में बिना दर्द के अल्सर हो सकते हैं
-बहुत बार ये पता भी नहीं चलता है और अल्सर बन चुका होता है
-उसको ट्रीट नहीं भी करेंगे तो वो चला जाएगा
-लेकिन ये प्रोग्रेस करता है, आगे जाता है
-सेकेंडरी सिफलिस में शरीर पर दाने-धब्बे जैसे बन सकते हैं

-इन दानों और धब्बों में कुछ पानी भी भर सकता है, इसी को सेकेंडरी सिफलिस कहा जाता है
-ये स्टेज बहुत ही इंफेक्टिव है. अगर किसी नॉन इंफेक्टेड व्यक्ति को कोई कट है तो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने या छूने मात्र से भी हो सकता है
-ऐसे केस पहले कम देखे जाते थे लेकिन आजकल ज्यादा दिख रहे हैं
-अगर इस स्टेज से भी कोई व्यक्ति बना ट्रीटमेंट के निकल गया तो वो टर्सरी सिफलिस या क्वार्टनरी स्टेज में पहुंच जाता है
-इसमें ये आपके अंदरूनी ऑर्गन जैसे दिल, दिमाग तक पर असर कर सकता है.
-बहुत बार ब्लड वेसेल्स जो खून ले जाते हैं, दिल से किसी दूसरे ऑर्गन को, वो सूज जाते हैं. ट्रीटमेंट न होने पर फट भी जाते हैं
-हालांकि ऐसा होने के चांसेज बेहद कम होते हैं क्योंकि आजकल जल्दी ट्रीटमेंट से ये सब रोका जा सकता है
-तो इन चारों स्टेज में से किसी भी स्टेज पर अगर ट्रीटमेंट मिल जाता है तो सिफलिस को क्योर किया जा सकता है इलाज -सिफलिस का डायग्नोसिस क्लीनिकली किया जाता है
-लक्षण के हिसाब से अंदाजा लगा सकते हैं, लेकिन पक्का करने के लिए ब्लड टेस्ट किए जाते हैं
-सिफलिस के अलग-अलग टेस्ट होते है, जिनसे ये कंफर्म हो जाता है
-एक बार अगर ये सिफलिस कंफर्म हो गया तो इसका इलाज मौजूद है
-इसका प्राइमरी इलाज पेनिसिलिन है
-एक और टैबलेट होती है जिसे हम डॉक्सीसाइक्लिन कहते हैं
-अगर पेनिसिलिन न मिले या इससे एलर्जी होती है तो डॉक्सीसाइक्लिन दी जाती है
-सिफलिस तुरंत चला नहीं जाता है
-इसको ठीक होने में लगभग 1 साल लग जाता है
-जो भी व्यक्ति इंफेक्ट होकर इलाज के लिए आता है, उसका एक साल तक फॉलोअप किया जाता है
-हर तीन महीने पर कुछ टेस्ट किए जाते हैं. इनके आधार पर पता चलता है कि व्यक्ति पूरी तरह से ठीक हुआ है या नहीं
-सिफलिस का इलाज मुमकिन है बचाव -सिफलिस को फैलने से रोका जा सकता है
-सुरक्षित सेक्स को बढ़ावा देकर सिफलिस से बचा जा सकता है
-अगर किसी को ब्लड देना हो तो लाइसेंस धारी ब्लड बैंक से ही ब्लड ले
-जब कोई औरत गर्भवती हो तो शुरूआत के 12 हफ्तों में सिफलिस का टेस्ट भी किया जाता है
-अगर सिफलिस निकलता है तो उनका ट्रीटमेंट करना होता है, ताकि मां और बच्चे को नुकसान न हो
हममें से ज़्यादातर लोग सेक्शुअल इन्फेक्शन के बारे में खुलकर बात नहीं करते. शर्माते हैं. डॉक्टर के पास इलाज के लिए नहीं जाते. पर हम ये नहीं समझते कि ये सेहत के लिए कितना ख़तरनाक हो सकता है. इसलिए अगर आपको STI के लक्षण, जो डॉक्टर साहब ने बाताए, वो दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और सही समय पर इलाज लेना शुरू करें.
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