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बच्चे के जन्म के बाद कई औरतें उदास, चिड़चिड़ी क्यों रहने लगती हैं?

पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक बड़ी समस्या है जिसे लोग आम समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं.

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अगर लक्षण ज़्यादा बढ़ जाते हैं तो मां बच्चे का ध्यान रखना छोड़ सकती है
यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछ लें. लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.

हमें मेल आया लल्लनटॉप की एक पाठक का जो 28 साल की हैं. इंदौर की रहने वाली हैं. दो महीने पहले उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया. उसके बाद से वो उदास रहने लगीं, उनका मूड खराब रहने लगा. वो जान देने के बारे में सोचने लगीं. उन्होंने अपनी हालत अपने पति को बताई, पति उन्हें लेकर डॉक्टर के पास गए. पता चला कि वो पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जूझ रही हैं.  उनका इलाज चल रहा है. अब वो चाहती हैं हम अपने रीडर्स को डिलिवरी के बाद होने वाले डिप्रेशन के बारे में बताएं. क्या होता है पोस्टपार्टम डिप्रेशन? ये हमें बताया डॉक्टर राकिब ने.
रकिब अली, कंसलटेंट क्लिनिकल साइकॉलजस्ट, बीएलके हॉस्पिटल, नई दिल्ली
राकिब अली, कंसलटेंट क्लिनिकल साइकॉलजस्ट, बीएलके हॉस्पिटल, नई दिल्ली


पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक स्पेशल टाइप का डिप्रेशन है. ये डिलिवरी के फौरन बाद या कुछ हफ़्तों बाद होता है. इसके लक्षण डिप्रेशन के लक्षणों से कुछ ज़्यादा अलग नहीं हैं.
कारण
-बायोलॉजिकल कारण
- प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हॉर्मोनल बदलाव आते हैं, ये डिप्रेशन का कारण बन सकता है
-सामाजिक और सांस्कारिक कारण भी ज़िम्मेदार होते हैं
-घरवालों का सपोर्ट न होना
-पैसे की दिक्कत होना
-पारिवारिक परेशानी
-मानसिक कारण
Women more frequently diagnosed with depression, anxiety than men: Research प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हॉर्मोनल बदलाव आते हैं. ये डिप्रेशन का कारण बन सकता है


-अगर पहले से मानसिक कंडीशन रही है तो डिलिवरी के बाद ज़्यादा परेशानी हो सकती है Postpartum Depression के लक्षण क्या हैं? -इसमें आम डिप्रेशन के लक्षण महसूस होते हैं
-किसी काम में मन न लगना
-रोना आना
-थकान
-किसी चीज़ में रुचि न रहना
-नवजात बच्चे के बारे में बहुत ज़्यादा चिंता करना
-अगर लक्षण ज़्यादा बढ़ जाते हैं तो मां बच्चे का ध्यान रखना छोड़ सकती है
-अपना ध्यान नहीं रखती
इलाज
- अगर डिप्रेशन की हिस्ट्री रही है तो प्रेग्नेंसी क्लिनिक में पहले से इसकी जानकारी देना, ताकि बच्चे के जन्म को लेकर मां को मानसिक रूप से तैयार किया जा सके.
Why women prone to depression? - eHealth Magazine
अगर लक्षण ज़्यादा बढ़ जाते हैं तो मां बच्चे का ध्यान रखना छोड़ सकती है

-जो लोग फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं, उनको भी इसकी जानकारी देना
- दवाइयों से इस डिप्रेशन को ठीक किया जा सकता है.
- दवा के अलावा ये साईकोलॉजिकल थैरेपी से भी ठीक किया जाता है
उम्मीद है डॉक्टर साहब की बातें सुनकर आपके आपको एहसास हुआ होगा कि पोस्टपार्टम डिप्रेशन हलके में लेने वाली चीज़ नहीं है. औरत को इस वक़्त सही इलाज और केयर की ज़रुरत होती है. इसलिए ध्यान दें. अगर मन में सुसाइड के ख़याल आएं तो इन नंबर्स पर संपर्क करें.
अगर आपको सुसाइड के ख्याल आते हैं तो नीचे दिए नंबरों पर कॉल करके मदद ले सकते हैं.
-रोशनी हेल्पलाइन (+91 4066202000)
-स्नेहा फाउंडेशन इंडिया (+91 4424640050)
-कनेक्टिंग इंडिया (+91 9922001122)
-कूज (8322252525)
-साथ (079-2630-5544, 079-2630-0222)


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