हम सबके चेहरे का आकार अलग-अलग होता है. किसी का गोल, किसी का ओवल, किसी का लंबा, किसी का चौड़ा वगैरह, वगैरह. पर कभी-कभी कुछ कारणों से आपके चेहरे का असली शेप बदलने लगता है. अब ऐसा हमेशा वज़न बढ़ने के कारण नहीं होता. कुछ और वजहें भी होती हैं. इसी बात से जुड़ा एक सवाल हमसे पूछा है लल्लनटॉप की व्यूअर प्रज्ञा ने. वो जानना चाहती हैं मून फ़ेस के बारे में. उन्होंने इसके बारे में पढ़ा है और उन्हें शक है कि ऐसा उनके साथ भी हो रहा है. अब जैसे कि नाम से पता चल रहा है, मून फ़ेस यानी चांद सा गोल चेहरा. अब आप पूछेंगे इसमें दिक्कत क्या है? दरअसल चेहरे की इस प्रकार वाली गोलाई आना, केवल वज़न बढ़ने के कारण नहीं होता. इसके पीछे कुछ और चीज़ें ज़िम्मेदार होती हैं. इसमें बहुत बड़ा हाथ स्ट्रेस का भी होता है. कैसे? सब बताएंगे. पर सबसे पहले ये समझ लीजिए मून फ़ेस होता क्या है?
ज्यादा स्ट्रेस लेने से चेहरे का आकार कैसे बदल जाता है?
'मून फेस' की वजह से चेहरा गोल होने लगता है और कान छिप जाते हैं.

ये हमें बताया डॉक्टर प्रीति सिंह ने.

चेहरे पर सूजन आने से एक्स्ट्रा चर्बी इकट्ठा होने लगती है. ये चर्बी चेहरे, गाल, गर्दन और ठोड़ी पर इकट्ठा होती है. इस वजह से कान कम दिखते हैं. गर्दन के पिछले हिस्से पर भी फैट जमने लगता है. जिस वजह से चेहरे का आकार गोल होने लगता है. इसे 'मून फेस' (Moon Face) या 'चंद्र मुख' कहा जाता है.
पहला कारण है प्रेडनिसोन (Prednisone) स्टेरॉइड. ये स्टेरॉइड काफी दवाइयों में इस्तेमाल होता है. अगर ये ज्यादा मात्रा में शरीर में चला जाए तो इसका साइड इफेक्ट मून फेस के रूप में होता है. ये स्टेरॉइड अक्सर कैंसर, गठिया और अस्थमा की दवाइयों में मौजूद होता है. दूसरा कारण है ब्लड शुगर का बढ़ना. जब शरीर शुगर को तोड़ नहीं पाता तब खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. ये शुगर फैट के रूप में जमने लगता है और चेहरे पर सूजन दिखने लगती है. कई बार ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण भी बॉडी में सूजन आ जाती है. थाइरॉइड हॉर्मोन का स्तर बिगड़ने से भी सूजन और वेट बढ़ने लगता है. दिमाग में स्थित पिट्युट्री ग्लैंड, एड्रिनल ग्लैंड से निकालने वाले कॉर्टिसोल हॉर्मोन को कंट्रोल करता है. जब कॉर्टिसोल (स्ट्रेस हॉर्मोन) ज्यादा बनने लगता है, तब भी मून फेस हो सकता है.
ट्यूमर के कारण भी ज्यादा कॉर्टिसॉल बनने लगता है. कुशिंग सिंड्रोम (Cushing's Syndrome) के कारण भी ज्यादा कॉर्टिसोल बनता है. ये सभी कारण मून फेस के लिए जिम्मेदार होते हैं. मून फेस के लिए एक कारण और भी जिम्मेदार है. लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने से स्किन में मौजूद कोलाजन टूटने लगता है. इस वजह से चेहरा लटकने लगता है और चेहरे का आकार गोल हो जाता है.
इलाजकिसी एंडोक्राइन विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलें, वो आपको कुछ टेस्ट करवाने के लिए कहेंगे. जैसे कि खून की जांच, खून में कॉर्टिसोल, शुगर के लेवल की जांच और MRI स्कैन. जांच के नतीजों के आधार पर डॉक्टर तय करते हैं कि मून फेस का इलाज कैसे किया जाए. अगर आप स्टेरॉइड ले रहे हैं तो उन्हें धीरे-धीरे बंद किया जाता है. ज्यादा बन रहे कॉर्टिसोल हॉर्मोन को दवाइयों से कंट्रोल किया जाएगा. अगर थाइरॉइड की समस्या है तो उसे दवाइयों से कंट्रोल किया जाएगा. बढ़ी हुई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए भी दवाइयां दी जाएंगी. मून फेस का इलाज किसी डॉक्टर के द्वारा ही किया जाना चाहिए.
मून फेस को ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल को ठीक करना जरूरी है. 7 से 8 घंटे की नींद लें. डाइट पर ध्यान दें, नमक कम लें, क्योंकि ज्यादा नमक से शरीर में पानी बढ़ने लगता है. ज्यादा पानी पिएं. शराब का सेवन न करें. कम से कम 30 मिनट रोज कसरत करें, जिससे बॉडी में हैप्पी हॉर्मोन बढ़ते हैं. दवाइयों के साथ लाइफस्टाइल में ये बदलाव भी मून फेस को कम करने में मददगार होंगे.
मून फ़ेस क्या होता है, ये तो आपको समझ में आ ही गया होगा. अगर ऐसा बदलाव आप भी अपने चेहरे पर नोटिस कर रहे हैं तो डॉक्टर से जांच करवाएं.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: क्या होता है मून फेस जो ज़्यादा स्ट्रेस लेने से चेहरा बदल देता है?