आरती 26 साल की हैं. लखनऊ में रहती हैं. उन्होंने हमसे एक बहुत ही जायज़ सवाल पूछा है. सवाल क्या है, ये कुछ ही देर में बताते हैं, पहले आरती के साथ दिक्कत क्या है, ये जान लीजिए. क्योंकि उनकी दिक्कत अकेले उनकी नहीं है, हममें से बहुत लोगों को भी सेम परेशानी है.
आरती बताती हैं कि वो अपनी डाइट पर चाहे जितना कंट्रोल करें, उनका वज़न घटता नहीं है. कभी मन मचल गया और उन्होंने थोड़ा ज़्यादा खा लिया तो उनका वज़न एकदम से बढ़ जाता है. इस वजह से उन्हें खाना खाने से डर लगने लगा है. अब इंसान कितना ही अपना मन मार सकता है. और बिना अच्छा खाना खाए जीना भी कोई जीना है! आरती ने जब इस मुसीबत की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की तो उन्हें पता चला उनका मेटाबॉलिज्म स्लो है. ऐसा उनको एक डायटीशियन ने बताया. साथ ही आरती अपनी डाइट में जो गलतियां कर रही थीं, उन पर भी रोशनी डाली.
अब ये मेटाबॉलिज्म शब्द हमने सुना तो कई बार है. ये भी सुना है कि वज़न घटाने के लिए मेटाबॉलिज्म अच्छा होना चाहिए. पर आख़िर ये मेटाबॉलिज्म है क्या? ये है आरती का सवाल. वो चाहती हैं कि हम अपने शो पर मेटाबॉलिज्म के बारे में बात करें. ये क्या होता है, स्लो मेटाबॉलिज्म, फ़ास्ट मेटाबॉलिज्म होने का क्या मतलब है. अच्छे मेटाबॉलिज्म के लिए क्या करना चाहिए, इसकी जानकारी लोगों को दें. अब जो लोग इस बात से परेशान रहते हैं कि हम तो ज़्यादा खाते भी नहीं फिर भी वज़न बढ़ता जा रहा है, उन्हें आज सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे. सबसे पहले ये समझ लीजिए मेटाबॉलिज्म क्या होता है? मेटाबॉलिज्म होता क्या है? ये हमें बताया डायटीशियन सौम्या मिश्रा ने.

सौम्या मिश्रा, न्यूट्रिशनिस्ट, डायटीशियन, सीडीई, दुबई
-जब भी हम कुछ खाते हैं तो उससे हमारे शरीर को एनर्जी मिलती है.
-ये एनर्जी हमारा शरीर मेटाबॉलिज्म यानी चयापाचय क्रिया के ज़रिए इस्तेमाल करता है.
-खाना हमारे शरीर में अलग-अलग तरह के पोषण के ज़रिए जाता है. जैसे कार्बोहाइड्रेट, फैट, प्रोटीन, विटामिंस और मिनरल.
-इस खाने को इस्तेमाल करने के प्रोसेस को मेटाबॉलिज्म कहा जाता है. स्लो मेटाबॉलिज्म क्या होता है? -जब शरीर खाने को धीरे-धीरे इस्तेमाल करता है तो उसे स्लो मेटाबॉलिज्म कहते हैं.
-कैसे पता चलेगा मेटाबॉलिज्म स्लो है?
-आप कम भी खाएं तो भी वेट जल्दी बढ़ जाता है.
-कुछ भी खा लें पर स्किन ड्राय रहती है.
-ड्राय नाख़ून हैं.
-बाल बहुत झड़ते हैं.
-हीमोग्लोबिन हमेशा कम रहता है.
-सुस्ती रहती है.
-नींद अच्छे से नहीं आती.
-थकान रहती है.

-ये सब स्लो मेटाबॉलिज्म के कारण होता है. स्लो मेटाबॉलिज्म का कारण -आज के समय में ज़्यादातर लोगों में विटामिन डी की कमी होती है.
-इसलिए विटामिन डी चेक करने के लिए टेस्ट करवाएं.
-अगर शरीर में विटामिन डी की कमी है तो आप चाहे जितना कैल्शियम खाएं, शरीर कैल्शियम को सोख नहीं पाता.
-कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण थायरॉइड पर असर पड़ता है.
-थायरॉइड हॉर्मोन्स में उथल-पुथल होने के कारण हाइपोथायरॉडिज़्म की समस्या हो सकती है.
-जिसके कारण मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है.
-इस कारण वज़न बढ़ता है. फ़ास्ट मेटाबॉलिज्म क्या होता है? -फ़ास्ट मेटाबॉलिज्म का मतलब है कि आप कुछ भी खाएं, आपका शरीर उसे अच्छे से इस्तेमाल कर लेता है, हज़म कर लेता है.
-एनर्जी लेवल अच्छा रहता है.
-ताकत रहती है, स्टैमिना अच्छा रहता है.
-थकान नहीं होती.
-चोट लगने पर, इन्फेक्शन होने पर जल्दी ठीक हो जाते हैं.
-क्योंकि आपका मेटाबॉलिज्म अच्छा है.

अच्छे मेटाबॉलिज्म के लिए क्या करें? -अच्छे मेटाबॉलिज्म के लिए अच्छे से खाना खाना चाहिए.
-बैलेंस्ड डाइट लेना ज़रूरी है.
-खाना स्किप न करें.
-जब आप खाना स्किप करते हैं तो ये ठीक वैसे ही है जैसे आप एक कार को भगाना चाहते हैं पर पेट्रोल नहीं डालना चाहते.
-उस केस में कार का माइलेज कम हो जाएगा. ठीक वैसे ही अगर आप ब्रेकफ़ास्ट नहीं करते और लंच में ज़्यादा खाते हैं तो आपका मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाएगा.
-एक्सरसाइज करते रहें.
-मसल मास बढ़ाना है.
-मसल मास बढ़ाने के लिए डाइट में प्रोटीन अच्छी मात्रा में होना चाहिए.

-अगर आपको कोई बीमारी नहीं है तो आपको खाने में 1 ग्राम प्रोटीन हर 1 किलो बॉडी वेट के हिसाब से लेना चाहिए.
-जैसे अगर आपका वेट 50 किलो है तो आपको कम से कम 50 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिए.
-इसको करने का सबसे आसान तरीका है कि जब भी कुछ खाएं उसमें 10-15 ग्राम प्रोटीन हो.
-अच्छा मेटाबॉलिज्म रखने के लिए शरीर में पोषण की कमी है या नहीं, इसका पता लगाते रहना चाहिए.
-जैसे अगर बार-बार थकान, नींद, सुस्ती महसूस होती है तो आयरन और विटामिंस का टेस्ट करवाइए कि कहीं ये आपके शरीर में कम तो नहीं.
चलिए उम्मीद है मेटाबॉलिज्म को लेकर आज आपके सारे फंडे क्लियर हो गए होंगे. एक हेल्दी, अच्छे मेटाबॉलिज्म के लिए क्या करना चाहिए, ये तो डायटीशियन सौम्या ने बता दिया. आपको इन टिप्स को फॉलो करना है. फिर देखिएगा कितना जल्दी असर देखने को मिलता है.